शनिवार, 16 मार्च 2019

देशभर में स्मार्ट कार्ड का रूप लेंगे वाहन आरसी व डीएल


केंद्र सरकार ने तैयार किया पीवीसी कार्ड का साझा डिजाईन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर लगाम लगाने के लिए जहां ऑनलाइन डाटा तैयार कराया है, वहीं देशभर में अब ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र को चिपयुक्त कार्ड के विकल्प में तैयार करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए दोनों प्रकार के स्मार्ट कार्ड का एक साझा मानक डिजाइन तैयार कराया गया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अुनसार केंद्र सरकार का देशभर के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र का एक साझा मानक प्रारूप और डिजाइन तैयार कराने का मकसद है कि इस प्रक्रिया के लागू करने से कागज या पुस्तिका आधारित ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने का विकल्प समाप्त करना है। इसके बजाए अब ये प्रमाण-पत्र सिर्फ दो तरह के कार्ड पीवीसी कार्ड या पोली कार्बोनेट कार्ड के रूप में उपलब्ध कराये जा सकेंगे। इसके लिए मंत्रालय की जारी अधिसूचना के अनुसार इस तरह के कार्ड के लिए विस्‍तृत विवरण भी तय कर लिया गया है। ये कार्ड अब उच्च मानक स्तर के होंगे, जिनकी अवधि और गुणवत्ता भी स्वत: बढ़ जाएगी।
मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस अधिसूचना में राज्य सरकारों को ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र कार्ड के लिए प्रयुक्त किये जाने वाली सामग्री पर फैसला लेने का का भी विकल्प दिया है, जिसके लिए चिप आधारित स्‍मार्ट कार्ड या संपर्कहीन फीचर (एनएफसी) का भी विकल्प शामिल करने के लिए भी राज्य सरकार तय कर सकती है। इसमें राज्य सरकार को कार्ड पर क्‍यूआर कोड भी दिया जाएगा। इससे कार्ड पर दी गई जानकारी के बारे में वाहन चालक या वाहन डाटा के आधार के जरिए पता लगाया जा सकेगा। गौरतलब है कि मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 में संशोधन करते हुए परिवहन संबंधी दस्‍तावेजों को इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्म देना आसान किया है जिसमें क्‍यूआर कोड के जरिए परिवहन विभाग में काम करना भी आसान हो गया है।    
बेहतर ब्रेकिंग व्‍यवस्‍था अनिवार्य
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बेहतर सड़क सुरक्षा और सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में वाहनों में उन्नत ब्रेकिंग व्‍यवस्‍था, प्रौद्योगिकी और वाहनों के बेहतर प्रदर्शन को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है, इससे भारतीय ब्रेकिंग विनियमन यूरोपीय मानकों के बराबर हो जाएंगे। मंत्रालय के अनसार इस तरह का यह प्रावधान 9 या उससे ज्‍यादा सीटों वाले सभी वाहनों पर मौजूदा वाहनों पर अप्रैल 2021 से लागू होगा, जबकि अप्रैल 2022 से बनने वाले नए वाहनों में इस व्यवस्था को वाहन निर्माताओं द्वारा लागू करके दिया जाएगा। मसलन वाहन चालकों की मदद के लिए अप्रैल 2022 से बनने वाले वाहनों में एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम, बेहतर ब्रेकिंग प्रदर्शन, टिकाऊ ब्रेकिंग आवश्‍यकताएं, जैसी उन्नत ब्रेकिंग व्यवस्था होगी। 
09Mar-2019

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