बीएसएफ की अश्रु गैस इकाई की गवर्निंग बॉडी की बैठक में खुलासा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में
कानून व्यवस्था कायम करने की दिशा में दंगा विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किये जाने
वाले अघातक हथियार के रूप में अश्रु गैस म्युनिशनों के लिए अब भारत को विदेशी
म्युनिशनों पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। इसका कारण है कि आज देश में स्वदेशी अश्रु
गैस म्युनिशनों का उत्पादन करके राज्यों की पुलिस को मुहैया कराया जाने लगा
है।
यह
खुलासा सोमवार को यहां नई दिल्ली के सीजीओ कांप्लेक्स स्थित बीएसएफ मुख्यालय में
सीमा सुरक्षा बल की अश्रु गैस इकाई गृह मंत्रालय की आयोजित 40वी वार्षिक गवर्निंग बॉडी
की बैठक में अध्यक्षता करते हुए बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्र ने किया है।
मिश्र ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनुपर में 1976 में स्थापित अश्रु गैस इकाई
शुरूआत से ही देश में कानून व्यवस्था प्रबंधन के लिए दंगा-विरोधी अश्रु गैस म्युनिशनों
का उत्पादन करते हुए सभी केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों को समय पर सुपुर्द करने का
काम कर रही है। पिछले कुछ वर्षो से स्वदेशी अघातक अश्रु गैस म्युनिशनों के उत्पादन
में आई तेजी के कारण अब भारत विदेशी म्युनिश्नों पर आश्रित रहने से मुक्ति मिल
चुकी है। बीएसएफ महानिदेश मिश्र ने स्वदेशी अघातक हथियारों एवं म्युनिशन के क्षेत्र
में उत्तम गुणवत्ता, समय पर उत्पादन, स्थानीय पुलिस बलों की आवश्कता के अनुरूप कानून
व्यवस्था प्रबंधन हेतु नये उत्पाद बनाने के लिये अश्रु गैस इकाई की भूमिका को
अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। इस बैठक में प्रबंधक मंडल के रूप में सीमा सुरक्षा बल के
महानिरीक्षक (रसद) राजेश निर्वाण के अलावा पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, केन्द्रीय
रिजर्व पुलिस बल, गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस, राज्य पुलिस बलों, आयुद्व निर्माण बोर्ड
एवं वित्तीय मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शमिल हुए।
उत्कृष्ट उत्पादों के पेंटेंट
का इंतजार
बैठक
में बीएसएफ की अश्रु गैस ईकाई के महाप्रबंधक एडविन जॉन बैनट ने बैठक में जानकारी
दी कि अश्रु गैस इकाई में उत्पादन प्रक्रिया को स्वचालित करने और लैक्रीमैटरी म्युनिशन
के नये संस्करण को पेटेंट करने हेतु अग्रसर है। पहले से ही अश्रु गैस इकाई ने अपने
चार उत्पादों को पेंटेंट करने के लिए आवेदन किया है और कुछ अन्य उत्पादों को पेटेंट
करने की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल अश्रु गैस इकाई लैक्रामैटरी अघातक म्युनिशन को तैयार
करने के लिए चार अलग-अलग रसायनों के संलयन पर काम कर रहा है, जो कानून व्यवस्था प्रबंधन
में सुरक्षा बलों के लिए और अधिक क्षमतावान साबित होंगे। प्रबंधक मंडल ने बल दिया कि ऐसे और स्वदेशी बायो-सेफ,
अघातक म्युनिशन को विकसित करने की आवश्यकता है जो कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हों और
बदलते हुये सुरक्षा परिवेश के अनुरूप हों।
अत्याधुनिक अघातक हथियार है
अश्रु गैस
ईकाई
के महाप्रबंधक एडविन जॉन बैनट ने ईकाई की नई योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि
अश्रु गैस इकाई अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अघातक म्युनिश्नों का उत्पादन देश की राज्य
पुलिस बलों और विशेष शस्त्र बलों को उनकी आवश्कता के अनुरूप समय पर उपलब्ध करवा
रही है। अश्रु गैस इकाई उत्पादों में मुख्यतः अश्रु म्युनिशन तेज रोश्नी व धमाके वाले
म्युनिशन, इम्पैक्ट म्युनिशन और विशेष सुरक्षा बलों के लिये अनुकूलित म्युनिशन शामिल
हैं। अश्रु गैस इकाई द्वारा प्रशिक्षण हेतु 38 एमएम एवं 40एमएम. ट्रेनिंग शैल का डिजायन
तैयार किया गया है ताकि विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित
किया जा सके।
उन्होंने
बताया कि अश्रु गैस इकाई एक गुणवत्ता प्रबंधन (आई.एस.ओ. 9001:2018), वातावरण प्रबंधन
(आई.एस.ओ. 14001:2015) एवं ऊर्जा प्रबंधन (आई.एस.ओ. 50001:2011) प्रमाणित इकाई है।
इकाई में स्थित प्लास्टिक प्रयोगशाला भी आईएसओ 17025:2005 के अनुसार एनएबीएल प्रमाणित
है। इसके अलावा अश्रु गैस इकाई आईएसओ 45001:2018 (व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा
प्रबंधन) में प्रमाणीकरण हेतु अग्रसर है।
12Mar-2019
12Mar-2019
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