सोमवार, 4 मार्च 2019

राज्यसभा: नहीं टूटा सरकार व विपक्ष गतिरोध

जहरीली शराब से मौतों के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सरकार और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके कारण संसद के बजट सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही आठवें दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। सोमवार को सपा व बसपा ने  उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों, कांग्रेस ने कर्नाटक में विधायकों की कथित खरीद फरोख्त, तेदेपा आंध्र और अन्य विपक्षी दलों ने अपने-अपने अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन ठप रही।
राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे क कारण एक भी दिन प्रश्नकाल व शून्यकाल नहीं हो पाए और न ही राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अधूरी चर्चा आगे बढ़ने का नाम ले पा रही है। सोमवार को सुबह उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के साथ ही कार्यावली में शामिल दो विधेयकों अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक भी पेश कराए, जिन्हें पेश करने पर सदन में कुछ दलों के सांसदों ने आपत्ति भी जताई। इसके बाद सदन में तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे, तो कांग्रेस के सदस्यों ने कनार्टक में विधायकों की कथित खरीद फरोख्त का मुद्दा उठाया। जबकि सपा व बसपा व अन्य दलों के सांसदों ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत का मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया। उधर तृणमूल कांग्रेस ने अपने एक विधायक की हत्या का मुद्दा उठाया। इस हंगामे को थमता न देख सभापति नायडू ने दस मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी, जिसके कारण शून्यकाल व प्रश्नकाल फिर नहीं हो सके।
अधूरी चर्चा फिर लटकी
उच्च सदन की कार्यवाही फिर दोपहर दो बजे शुरु होने पर उपसभापति हरिवंश ने मंगलवार को केंद्रीय कक्ष में लगाई गई पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अनावरण करने की जानकारी दी और सभी सदस्यों से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अपील की। इस दौरान उन्होंने सदन की कार्यवाही के बाधित होने पर चिंता जताते हुए कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में सदन की कार्यवाही को सुचारु बनाने पर सहमति के बावजूद सदन की कार्यवाही को बाधित करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी बीच उन्होंने भाजपा के भूपेन्द्र यादव से राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर आगे चर्चा शुरु करने को कहा तो तभी विभिन्न विपक्षी दलों के सांसदों ने अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
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एक माह में होगा प्रवासी भारतीयों के विवाह के पंजीकरण
केंद्र सरकार ने प्रवासी भारतीयों के देश और विदेश में विवाह के पंजीकरण से संबन्धित एक विधेयक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में पेश किया है। इस विधेयक में ऐसे विवाहों के पंजीकरण को 30 दिन के भीतीर पंजीकृत कराने की अनिवार्यता का प्रावधान किया जा रहा है। इस विधेयक का मकसद भारतीय महिलाओं को अनिवासी भारतीयों द्वारा किए जाने वाले‘ कपटपूर्ण ’ विवाह से बचाना है। विधेयक के कारणों एवं उद्देश्य के अनुसार भारतीय महिलाओं को अनिवासी भारतीयों द्वारा किए जाने वाले ‘कपटपूर्ण ’ विवाह से बचाने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस विधेयक के जरिये पासपोर्ट अधिनयम 1967 और दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में संशोधन करने का प्रावधान है। यदि कोई अनिवासी भारतीय अपने विवाह का पंजीकरण 30 दिनों के भीतर नहीं करवाएगा तो तो वह उसका पासपोर्ट अथवा यात्रा दस्तावेज जब्त या रद्द किये जा सकेंगे।
अरुणाचल की एसटी समुदाय को लाभ
उच्च सदन में आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम द्वारा पेश किये गये संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक में अरूणाचल प्रदेश राज्य की अनुसूचित जनजातियों की सूची में 18 समुदाय और उनके समानार्थी अनूसचित जनजातियों की सूची में ‘अबोर’ को हटाने, ‘खाम्पती’ की जगह ‘ताई खाम्ती, ‘मिशमी, इदू, तारोआन’ के स्थान पर ‘मिशनी-कमन (मिजु मिशमी), इदू (मिशमी), तारोन (दिगारू मिशमी)’,‘मोम्बा’ की जगह ‘मोन्पा, मेम्बा, सरताड़, सजोलांड (मिजी)’ तथा ‘कोई नगा जनजातियां’ के स्थान पर ‘नोकते, तांडसा, तुत्सा वांचो’ के प्रावधान किया गया है। 
12Feb-2019

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