शुक्रवार, 29 मार्च 2019

मादक पदार्थो की तस्करी पर मजबूत होगा शिकंजा


गतिविधियों से निपटने को भारत को मिला इंडोनेशिया का साथ 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में लगातार बढ़ रहे मादक पदार्थो की तस्करी के मामलों से निपटने के लिए सरकार के गतिविधियों पर कसे जा रहे शिंकजे का और मजबूती मिल सकेगी, जिसके लिए भारत और इंडोनेशियों के बीच हुए करार को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी और आवाजाही से निपटने पर भारत और इंडोनेशिया के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर को अपनी मंजूरी दे दी गई है। इस करार से मादक पदार्थों और नशीले पदार्थों के नियमन तथा मादक पदार्थों की तस्‍करी से निपटने के लिए परस्पर सहयोग में मदद मिलेगी। यह करार 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगा। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत ने 37 देशों के साथ ऐसे समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत इस सहमति पत्र के अनुसार दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान की जाने वाली सूचना और दस्‍तावेजों की गोपनीयता कायम रखने का प्रावधान किया गया है।
करार की प्रमुख विशेषताएं
मंत्रालय के अनुसार इस समझौते से दोनों देशों भारत और इंडोनेशिया के बीच संयुक्त राष्‍ट्र अंतर्राष्‍ट्रीय ड्रग नियंत्रण संधियों के अनुसार मादक पदार्थों और नशीले पदार्थों तथा मादक पदार्थों की तस्‍करी और इसकी आवाजाही से निपटने में सहयोग और ज्यादा मजबूत होगा। इस सहमति पत्र के तहत सहयोग में मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्‍करी और इसकी आवाजाही से निपटने में दोनों देशों के राष्‍ट्रीय विधान के मौजूदा वैधानिक औजारों पर आधारित विवरण का आदान-प्रदान करना, मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्‍करी और इसकी आवाजाही तथा अनिवार्य रसायनों, धनशोधन के काम में शामिल लोगों की पहचान करने की दृष्टि से नियंत्रित वितरण संचालन के इस्‍तेमाल में एक दूसरे को अनुमति देना और सहायता देना शामिल हैं।
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जल आयोग की भूमि अधिग्रहण को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सड़क को चौड़ा करके रेडियल रोड नंबर-30 को सुधारने के लिए तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय जल आयोग की भूमि के पूर्वी हिस्‍से में लगभग 200 मीटर की चारदीवारी सहित 10 एकड़ भूमि में से 372 वर्ग गज भूमि के अधिग्रहण के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इसके लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा। केंद्रीय जल आयोग के लिए यह विकसित मार्ग उपयोगी होगा, क्‍योंकि आवंटित भूमि पर एक विशिष्‍टता केंद्र निर्मित करने का प्रस्‍ताव किया गया है।
28Mar-2019

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