यूपी
के आधा दर्जन शहरों में शुरू होंगी परियोजनाएं
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
गंगा की
सफाई के लिए चल रहे नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा की सहायक नदियों की स्वच्छता के
लिए भी कई परियोजनाएं पटरी पर उतारी गई हैं। इसके तहत ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन
की कार्यकारी समिति ने उत्तर प्रदेश में यमुना नदी किनारे बसे शहरों के सीवरेज
ढांचे को मजबूत करने के लिए 1387.71 करोड़ रुपये लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी
दी है।
राष्ट्रीय
स्वच्छ गंगा मिशन के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यूपी में गंगा की
सहायक नदी यमुना बेसिन शहरों सहायक नदियां मेरठ, बागपत, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा व
चुनार के लिए मंजूर लिए 1387.71 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन
परियोजनाओं में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का निर्माण और नवीनीकरण, सीवेज ट्रीटमेंट
प्लांटों की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी शामिल हैं।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में 681.78 करोड़ की कुल
लागत वाली इंटरसेप्शन एंड डायवर्सन के साथ एसटीपी के निर्माण को मिली मंजूरी के
तहत 200 एमएलडी क्षमता वाली नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, सीवर लाइन का इंटरसेप्शन
एंड डायवर्सन का काम होगा।
बागपत: बागपत में 77.36 करोड़ रुपए की सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर
को मंजूरी के तहत 1.4 करोड़ लीटर प्रतिदिन की क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट, बागपत में
यमुना में गिरने वाले चार नालों की टैपिंग, 2.345 किलोमीटर लंबी मेन सीवर लाइन का निर्माण
शामिल है।
आगरा: आगरा में 317.2 करोड़ रुपये की परियोजना में 6
एसटीपी की ऑनलाइन निगरानी, मौजूदा 15 सीवेज पंपिंग स्टेशनों के स्वसंचालन, सीवेज पंपिंग
स्टेशनों के नवीनीकरण और 29 नालों को टैप के संचालन और रखरखाव का काम शामिल है।
फिरोजाबाद: फिरोजाबाद में सीवरेज स्कीम के तहत इंटरसेप्शन
एंड डायवर्सन के काम हेतु 51 करोड़ रुपए की राशि से सीवरेज स्कीम के तहत मालवीय नगर
और रेहान नाले को टैप किया जाएगा। वहीं 2 सीवेज पम्पिंग स्टेशन, एक मेन सीवेज लाइन
और इस से जुड़े अन्य विकास कार्य किया जाएगा।
इटावा: इटावा में 140.6 करोड़ रुपये की सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर
परियोजना में टिक्सी नाला का इंटरसेप्शन एंड डायवर्सन, मौजूदा एसटीपी को अपग्रेड करना,
जिसमें क्लोरोनेशन सिस्टम के अलावा प्रति दिन 2.1 करोड़ लीटर सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता
और 3 एसटीपी की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली शामिल है। इस परियोजना में 49.74 करोड़ रुपए
की लागत के साथ 15 साल तक परियोजनाओं का संचालन और रखरखाव भी शामिल है।
चुनार: इस श हर में फेकल स्लज के प्रबंधन और प्रदूषण के रोकथाम के लिए 2.7 करोड़
की लागत से परियोनाओं को मंजूरी दी है। इसमे 10 केएलडी क्षमता का फेकल स्लज ट्रीटमेंट
प्लांट का रख रखाव, नगरपालिका और जल निगल के अधियकरियों की ट्रेनिंग शामिल है।
वहीं चुनार में साफ-सफाई का सर्वे और साफ-सफाई से जुड़े अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का जियो
टैगिंग का काम और परियोजना का निष्पादन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट द्वारा किया
जाएगा।
17Feb-2019
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