रविवार, 24 मार्च 2019

राग दरबार :बदजुबानी


राग दरबार
 मर्यादा लांघती बदजुबानी
राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप के दौर ता चलते ही रहते हैं, लेकिन चुनाव व भी लोकसभा चुनाव जीतने की गरज से सियासी दलों की बदजुबानी का दायरा इतना बढ़ गया है जो मर्यादाओं को ही नहीं बल्कि देश प्रेम की भावनाओं पर भी सीधे चोट मार रहा है। दरअसल देश के सियासी दल चुनावी माहौल बनाने के लिए एक-दूसरे दल और दलों के नेताओं के प्रति बदजुबानी करने में मसगूल हैं। लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रमुख का ऐसे समय आतंकी संगठन जैश के सरगना मसूद अजहर को जी और देश के पीएम को मोदी शब्द से संबोधन किया, जब आतंकवाद के मुद्दे पर भारत-पाक के बीच तनाव की स्थिति है। तो ऐसे में कांग्रेस की देशद्रोह की भाषा करार देते हुए सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालो की देशभक्ति ऐसी राजनीति पर भारी पड़ना तय है। सियासी गलियारों में चल रही चर्चा है कि भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलकर जनता में भ्रम का रायता फैलाने की नीयत से मोदी फोबिया के बुखार से तप रहे दलों और उनके नेताओं की जुबान इस कदर फिसल रही है, कि वे राष्ट्रद्रोह की भाषा के इस्तेमाल को अपनी शान समझ रहे हैं?
सियासी पहेली बनी आप
देश की सियासत में दोस्ती व दुश्मनी कोई मायने नहीं रखती..यह तो इस लोकतांत्रिक देश की पहचान है। लोकसभा के लिए महासंग्राम की चरम पर पहुंच रही सियासत में जहां भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए चिरप्रतिद्वंद्वी दलों के गठबंधन भी देश की सियासत की दिशा को बदलते नजर आ रहे हैं, लेकिन वहीं विपक्ष के सबसे बड़ा दल माने जाने वाली कांग्रेस की इन लोकसभा चुनाव में कुछ अलग ही रहा है, जिसमें वह गठबंधन की पेशकश करने वाले कुछ दलों को मन्नते करने के बावजूद कोई तरजीह नहीं दे रही है। इसमें आम आदमी पार्टी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के साथ जमीन साझा करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा करने से मना किया तो आप संयोजक हरियाणा की दस सीटों पर कांग्रेस का साथ लेना चाहा, लेकिन कांग्रेस की ना के बाद जेजेपी को अपने साथ आने की बात की, लेकिन बेचारी आप को हर तरफ से निराशा ही हाथ लग रही है। सोशल मीडिया पर जिस तरह की फजीहत का सामना आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं को करना पड़ रहा है, वह किसी सियासी पहेली से कम नहीं है?
17Mar-2019

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