बुधवार, 6 मार्च 2019

अब सुरक्षाबलों की राह में नहीं आ सकेंगे पत्थरबाज

केंद्र सरकार ने तत्काल लागू की हवाई यात्रा सुविधा                                          
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने आखिर केंद्रीय सुरक्षा बलों के कश्मीर घाटी में आवागमन करने के लिए हवाई यात्रा की सुविधा तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार के आतंकवाद के खतरे से सुरक्षाबलों को दूर रखने की दिशा में कई अहम फैसले लिए है, जिनमें पत्थरबाजों के शिकार होते आ रहे सुरक्षा बलों की पहले से चली आ रही हवाई यात्रा की सुविधा देने की मंजूरी को तत्काल प्रभाव से लागू करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलवामा आंतकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश के बाद जम्मू-कश्मीर खासकर कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवगमन करने वाले सुरक्षा पत्थरबाजों से दूर रखने के लिए गुरुवार को केंद्र सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की हवाई यात्रा को मंजूरी देकर एक ऐसा बड़ा फैसला लिया है, जिसमें आवागमन के दौरान सुरक्षा बलों को पत्थरबाजों और पुलवामा जैसी आतंकी घटना का सामना नहीं करना पड़ेगा। गृह मंत्रालय के अनुसार केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के जवानों के लिए जम्‍मू कश्‍मीर में विमान यात्रा सुविधा पहले केवल जम्‍मू-श्रीनगर-जम्‍मू सेक्टर के लिए ही उपलब्ध करायी गयी थी, जिसका दिसंबर 2017 में विस्‍तार कर इसे दिल्‍ली-जम्‍मू, जम्‍मू-श्रीनगर,श्रीनगर-जम्‍मू और जम्‍मू –दिल्‍ली सेक्‍टर तक के लिए भी बढ़ा दिया गया था। दिंसबर 2018 में जवानों के लिए विमान यात्रा की संख्‍या भी बढ़ाई गई थी।  इसके अलावा उन्‍हें भारतीय वायुसेना की ओर से जब भी आवश्‍यकता हो मदद का प्रावधान भी है।
तत्काल प्रभाव से लागू फैसला
अपर सचिव आर.एस. खीची ने समस्त केंद्रीय सुरक्षा बलों असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी तथा एनएसजी के महानिदेशकों को सरकार द्वारा हवाई यात्रा की सुविधा देने की मंजूरी से अवगत कराते हुए एक आदेश पत्र भेजा है, जिसमें सभी केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को तत्काल प्रभाव से दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-जम्मू क्षेत्रों में हवाई यात्रा की सुविधा लागू करने की बात कही गई है। यानि गृह मंत्रालय के जारी आदेश के मुताबिक तत्काल प्रभाव से अब बीएसएफ, असम राइफल्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और आईटीबीपी के जवानों को कश्मीर घाटी में तैनाती के लिए हवाई मार्ग से ही श्रीनगर ले जाया जाएगा। सैनिकों की सुरक्षा को देखते हुए अब सभी अर्धसैनिक बलों के जवान विमान से ही श्रीनगर जाएंगे। इस फैसले के मुताबिक अब हर जवान और हर अफसर को हवाई जहाज से ही जम्मू से श्रीनगर भेजा जाएगा।                  
लाखों सुरक्षाकर्मियों को मिलेगा लाभ
गृह मंत्रालय के अनुसार सरकार के इस फैसले से केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के कांस्‍टेबल से लेकर हेड कांस्‍टेबल और एएसआई रैंक तक के ऐसे करीब 7.80 लाख सुरक्षाकर्मियों को फायदा मिलेगा, जिन्हें अभी तक इस श्रेणी के सुरक्षाकर्मी विमान यात्रा के हकदार नहीं थे। सरकार की नई व्‍यवस्‍था का लाभ पुलिस बलों को ड्यूटी पर जाने के लिए या फिर जम्‍मू कश्‍मीर से छुट्टी पर अपने घर आने और फिर वापस ड्यूटी पर जाने के लिए भी मिलेगा। यह सुविधा उन्‍हें पहले से उपलबध कराई गई विमान यात्रा सुविधा के अतिरक्त होगी। गृहमंत्रालय ने जवानों के यात्रा समय में कमी लाने के इरादे से यह व्‍यवस्‍था की है।
समीक्षा के बाद लिया गया फैसला
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक करके जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा बलों के आतंकवाद के खिलाफ आड़े आ रही गतिविधियों की समीक्षा की गई। इस समीक्षा बैठक में पुलवामा आतंकी घटना के बाद सोशल मीडिया पर केंद्रीय सुरक्षा बलों के आवागमन एवं आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान लगातार पत्थरबाजों के आंतवादियों के बचाव में आड़े आने की वीडियों तक भी चर्चा हुई।
सेना ने भी दी थी चेतावनी
सेना के श्रीनगर के चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने भी मंगलवार को आतंकवाद के मुद्दे पर साफ चेतावनी देते हुए कहा था कि जो भी बंदूक उठाएगा, वह मारा जाएगा। खासरक उन्होंने पत्थरबाजों और घाटी के भटके युवाओं की ओर इशारा करते हुए कश्मीर के अभिभावकों से आग्रह किया था कि वे अपने बच्चों को आतंकवादी गतिविधियों से दूर रखने के लिए कहें।
22Feb-2019




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