सोमवार, 4 मार्च 2019

संसद में पेश होनी चाहिए आदिवासियों पर रिपोर्ट


एनसीएसटी के स्थापना दिवस पर बोल उपराष्ट्रपति नायडू
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के स्थापना दिवस पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सरकार को सुझाव दिया कि जनजातीय क्षेत्र पर राज्यपालों की रिपोर्ट संसद और संसद समिति के समक्ष पेश की जानी चाहिए, जिसकी संसदीय समिति से जांच करानी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने नायडू ने यह बात मंगलवार को यहां राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग यानि एनसीएसटी के स्थापना दिवस पर ‘संविधान और जनजातियां’ विषय पर आयोजित समारोह में व्याख्यान करते हुए कही। नायडू ने कहा की हमें सबसे पहले जनजातियों को पिछड़ा मानने के पूर्वाग्रह को छोड़ना होगा। प्रत्‍येक जनजाति की एक समृद्ध और जीवंत सांस्‍कृतिक परंपरा है कि उसका सम्‍मान करना चाहिए। इसलिए संवैधानिक मान्‍यता के तहत हमें जनजाति समुदाय की सांस्‍कृतिक परंपराओं का सम्‍मान करना जरूरी है। नायडू ने सावधान करते हुए यह भी कहा कि हमें उनकी सांस्‍कृतिक पहचान की रक्षा के नाम पर उन्‍हें राष्‍ट्रीय मुख्य धारा से अलग–थलग नहीं करना चाहिए। उन्‍होंने सुझाव दिया कि जनजातीय क्षेत्रों के बारे में राज्यपालों की रिपोर्ट को संसद के समक्ष प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए और उचित संसदीय समिति को उसकी जांच करनी चाहिए। उन्‍होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने ही जनजातीय मामलों के लिए अलग मंत्रालय और अलग राष्‍ट्रीय आयोग का गठन किया था।
आदिवासियों की योजनाओं को प्राथमिकता
समारोह में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि 1999 में नये जनजातीय मामलों के मंत्रालय और 2004 में एनसीसटी के गठन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से शुरू की गई परियेाजनाओं को आगे बढ़ाया गया है, जिसमें आदिवासी समुदाय के कल्याण और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है। वहीं आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तियों के कल्याण और बेहतरी के लिए एनसीएसटी के विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। जबकि जनजाति आयोग की उपाध्‍यक्ष श्रीमती अनुसिया उइके और आयोग के सचिव ए.के. सिंह ने भी जनजातियों के विकास के लिए किये जा रहे कार्यो से अवगत कराया।
20Feb-2019

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें