पीएम वन धन योजना पर राष्ट्रीय कार्यशाला में
जुटे 25 राज्य
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
की मोदी सरकार जनजातीय इलाकों में आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा
में कई योजनाएं चला रही है, जिनमें प्रधानमंत्री वन धन योजना जनजातीय उत्पादों को
बाजार मुहैया कराने में कारगर साबित हो रही है। सरकार इस योजना के जरिए जनजातीय
उद्यमी तैयार कर रही है जिसका मकसद आदिवासियों की आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन
देना है। इस कार्यशाला में ट्राइफेड टीम के साथ 25 राज्यों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन ट्राइफेड
द्वारा बुधवार को यहां नई दिल्ली में प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई)
पर शुरू हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में यह
दावा करते हुए ट्राइफेड के महानिदेशक श्री प्रवीण कृष्णा ने
कहा कि पीएमवीडीवाई जनजातीय कार्य मंत्रालय की 100 दिनों की योजना का एक घटक है। कार्यशाला के तहत सभी गतिविधियों का जायजा लेने
और भविष्य के कदमों की योजना बनाने में मदद मिलेगी। प्रवीण कृष्णा ने केंद्र सरकार की
महत्वाकांक्षी वन धन योजना जनजातीय उद्यमी तैयार कर रही है और जो
जनजातीय उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन
बहुत महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके अलावा खुदरा विक्रेताओं को अच्छा कमीशन प्रदान करते
हुए उनका एक निष्ठावान नेटवर्क तैयार करने पर बल दिया जा रहा है, जिसमें सुदृढ़ तकनीकी सहायता के साथ एक अच्छा व्यवसाय मॉडल अपनाने और मूल्य संवर्धन
पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत के साथ आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने
कहा कि ट्राइफेड पीएमवीडीवाई के लिए आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लीकेशन
तैयार करने की प्रक्रिया में है। कार्यशाला में इसकी विभिन्न विशेषताओं के बारे में
चर्चा की जाएगी और इसे सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सके। आईटी प्लेटफॉर्म और
मोबाइल ऐप के लिए एसआरएस दस्तावेज वन धन डैशबोर्ड पर अपलोड कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के 136 केंद्र मंजूर
ट्राइफेड के महानिदेशक ने कार्यशाला में बताया कि
उन्हें अब तक 15 राज्यों से 555 वन धन विकास केंद्रों यानि वीडीवीके की
स्थापना के लिए प्रस्ताव मिले हैं, जिन्हें मंजूरी
दी जा चुकी है। इन प्रस्तावों में छत्तीसगढ़ के 136 प्रस्तावों को मंजूरी
दी गई है। हालांकि ट्राइफेड को ओडिशा के सर्वाधिक 156 प्रस्ताव मंजूर किये गये
हैं। जबकि मध्य प्रदेश के 20, झारखंड के 39, आंध्र प्रदेश के
30, असम के तीन, बिहार के आठ, गुजरात के
17, कर्नाटक के 19, महाराष्ट्र के 64, मणिपुर के 6, नागालैंड के 20 राजस्थान
के 25, तमिलनाडु के 7 और उत्तर प्रदेश के
5 प्रस्ताव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि करीब 208 वीडीवीके
प्रस्ताव अभी योजना की प्रक्रिया में हैं, जिनमें मध्य प्रदेश के 100, मणिपुर के
69 और मिजोरम के 39 प्रस्ताव शामिल हैं, जिनके जल्द ही 10 नवंबर तक स्वीकृत होने
की उम्मीद है।
31Oct-2019