गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019

आदिवासियों की आय बढ़ाने को उद्यमी तैयार करने में जुटा केंद्र

पीएम वन धन योजना पर राष्‍ट्रीय कार्यशाला में जुटे 25 राज्य
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र की मोदी सरकार जनजातीय इलाकों में आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में कई योजनाएं चला रही है, जिनमें प्रधानमंत्री वन धन योजना जनजातीय उत्पादों को बाजार मुहैया कराने में कारगर साबित हो रही है। सरकार इस योजना के जरिए जनजातीय उद्यमी तैयार कर रही है जिसका मकसद आदिवासियों की आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देना है। इस कार्यशाला में ट्राइफेड टीम के साथ 25 राज्यों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन ट्राइफेड द्वारा बुधवार को यहां नई दिल्ली में प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई) पर शुरू हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में यह दावा करते हुए ट्राइफेड के महानिदेशक श्री प्रवीण कृष्णा ने कहा कि पीएमवीडीवाई जनजातीय कार्य मंत्रालय की 100 दिनों की योजना का एक घटक है। कार्यशाला के तहत सभी गतिविधियों का जायजा लेने और भविष्य के कदमों की योजना बनाने में मदद मिलेगी।  प्रवीण कृष्णा ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वन धन योजना जनजातीय उद्यमी तैयार कर रही है और जो जनजातीय उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन बहुत महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके अलावा खुदरा विक्रेताओं को अच्छा कमीशन प्रदान करते हुए उनका एक निष्‍ठावान नेटवर्क तैयार करने पर बल दिया जा रहा है, जिसमें सुदृढ़ तकनीकी सहायता के साथ एक अच्छा व्यवसाय मॉडल अपनाने और मूल्य संवर्धन पर ध्‍यान केंद्रित किए जाने की जरूरत के साथ आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने कहा कि ट्राइफेड पीएमवीडीवाई के लिए आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने की प्रक्रिया में है। कार्यशाला में इसकी विभिन्न विशेषताओं के बारे में चर्चा की जाएगी और इसे सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सके। आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के लिए एसआरएस दस्तावेज वन धन डैशबोर्ड पर अपलोड कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के 136 केंद्र मंजूर
ट्राइफेड के महानिदेशक ने कार्यशाला में बताया कि उन्हें अब तक 15 राज्यों से 555 वन धन विकास केंद्रों यानि वीडीवीके की स्थापना के लिए प्रस्ताव मिले हैं, जिन्हें मंजूरी दी जा चुकी है। इन प्रस्तावों में छत्तीसगढ़ के 136 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। हालांकि ट्राइफेड को ओडिशा के सर्वाधिक 156 प्रस्ताव मंजूर किये गये हैं। जबकि मध्य प्रदेश के 20, झारखंड के 39, आंध्र प्रदेश के 30, असम के तीन, बिहार के आठ, गुजरात के 17, कर्नाटक के 19, महाराष्ट्र के 64, मणिपुर के 6, नागालैंड के 20 राजस्थान के 25, तमिलनाडु के 7 और उत्तर प्रदेश के 5 प्रस्ताव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि करीब 208 वीडीवीके प्रस्ताव अभी योजना की प्रक्रिया में हैं, जिनमें मध्य प्रदेश के 100, मणिपुर के 69 और मिजोरम के 39 प्रस्ताव शामिल हैं, जिनके जल्द ही 10 नवंबर तक स्वीकृत होने की उम्मीद है।
31Oct-2019

हरियाणा के मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात




गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले मनोहरलाल खट्टर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। वहीं उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करके अहम चर्चा भी की।
हरियाणा में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई और गठबंधन की सरकार में न्यूनतम साझा कार्यक्रमों के बारे में भी बातचीत हुई। हालांकि मुख्यमंत्री ने इन दोनों नेताओं से हुई मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। इससे  पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में मंत्रिमंडल की बैठक से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और देर शाम को भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी।
दुष्यंत चौटाला ने राष्ट्रपति व रक्षामंत्री से की भेंट
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद दुष्यंत चौटाला ने भी बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है। राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री से मुलाकात के दौरान चौटाला ने उनका आशीर्वाद लिया, जिन्होंने चौटाला को बधाई भी दी।
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जजपा ने दिया कांग्रेस को सियासी झटका
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद भी कांग्रेस का दामन छोड़ने वालों का सिलसिला जारी है। नई दिल्ली में बुधवार को पूर्व डिप्टी स्पीकर रहे कांग्रेस प्रदेश में महासचिव आजाद मोहम्मद व कांग्रेस के हलका प्रधान वसीम आजाद ने कांग्रेस छोड़कर जननायक जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। इस मौके पर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री एवं जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने अपने दिल्ली आवास पर आजाद मोहम्मद व वसीम आजाद का पार्टी की सदस्यता लेने पर पटका देकर उनका स्वागत कियादुष्यंत चौटाला ने कहा कि पार्टी में उन्हें पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। आजाद मोहम्मद के पिता अजमद खान भी हरियाणा सरकार के दौरान 1987 में मंत्री रहे थे। आजाद मोहम्मद फिरोजपुर झिरका से 1996 में विधायक बने और 2005 में वे डिप्टी स्पीकर बने। इस अवसर पर जेजेपी के नूंह से पार्टी प्रत्याशी रहे तय्यैब हुसैन, योगेश शर्मा भी मौजूद थे।
31Oct-2019

हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र चार नवंबर को



मंत्रिमंडल के निर्णय पर राज्यपाल ने लगाई मुहर 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र चार नवंबर को बुलाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय की राज्य के राज्यपाल ने भी अनुसंशा कर दी है।
यहां नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा मंत्री परिषद की पहली बैठक अयोजित की गई, जिसमें उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी हिस्सा लिया। फिलहाल हरियाणा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ही प्रमुख सदस्य के रूप में शामिल हैं। इस बैठक में हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने के लिए हरियाणा सरकार ने चार नवंबर को दो बजे का प्रस्ताव रखा, जिसे राज्यपाल को भेजा, जिन्होंने इस विशेष सत्र के तारीख और समय की अनुसंशा कर दी है।
हरियाणा मंत्री परिषद के गठन के बाद इस पहली बैठक के बाद खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ इसकी जानकारी देते हुए मीडिया को बताया हरियाणा विधानसभा का सत्र चार नवंबर को दोपहर बाद 02:00 बजे बुलाए जाने के लिए राज्यपाल से अनुग्रह किया गया है, जिसके लिए उनकी मंजूरी मिल गई है उन्होंने बताया कि विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यसूची में प्रमुख रूप से नवनिर्विचत विधायकों को शपथ ग्रहण और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना शामिल है। औपचारिक विषयों में विधायकों की शपथ व विधानसभा अध्यक्ष का  चुनाव चुनाव शामिल है।
किसानों के लिए नई योजना         
इस दौरान खट्टर और चौटाला ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में धान पराली को खेतों में ही अपघटित किए जाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान दिए जाने की हरियाणा सरकार एक योजना प्रारंभ करने जा रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि  धान की पराली व धान फसलावशेष को विच्छिन्न करने वाली  दवा के उपयोग से खेतों में ही अपघटित किए जाने के लिए किसानों को प्ररित  किए जाने की दिशा में हरियाणा सरकार 50 प्रतिशत तक अनुदान आधारित एक योजना प्रारंभ करेगी। इस योजना से धान पराली व धान फसलों के अवशेष का खेतों में ही जलाया जाना नियंत्रित होगा। धान पराली व धान फसलावशेष को खेतों में ही अपघटित किए जाने के परिणामस्वरूप किसान के लिए खाद भी तैयार हो सकेगी। वहीं दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार के लिए किसानों के हित सर्वोपरि हैं। किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी और किसानों की धान फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा।
परीक्षार्थियों को राहत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्रिमंडल की बैठक में किये गये विचार विमर्श और सहमति के बाद लिए गये निर्णय के बारे में यह भी बताया कि हरियाणा में एचटैट परीक्षा (हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा) के आयोजन के लिए स्थापित किए जाने वाले परीक्षा केंद्र अब 50 किलोमीटर की दूरी के क्षेत्र में ही स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा एचटैट परीक्षा के आयोजन के लिए स्थापित किए जाने वाले परीक्षा केंद 50 किलोमीटर की दूरी के क्षेत्र में ही स्थापित किए जाने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड  द्वारा सहमति दे दी गई है। परीक्षा केंद अब समीपवर्ती जिलों में स्थापित किए जाएंगे।
30Oct-2019

मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही एक्शन मूड में आए दुष्यंत चौटाला


हरियाणा के युवाओं व किसानों के हित में कराए फैसले                                                       
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार की पहली मंत्रिमंडल की बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने युवाओं और किसानों के हित में राहत भरे फैसले कराकर अपने इरादे जाहिर कर दिये हैं?
हरियाणा सरकार के मंत्री मंडल की पहली बैठक मंगलवार को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें मंत्री मंडल सदस्य के रूप में उप मुख्यमंत्री एवं जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने युवाओं और किसानों के हित में मुख्यमंत्री के साथ सहमति बनाकर फैसले कराए। सबसे पहले फैसले में अब राज्य के युवाओं को भविष्य में होने वाली एचटेट की परीक्षा के लिए 50 किलोमीटर से अधिक का सफर तय नहीं करना पड़ेगा, जो पहले 250 से 300 किमी का सफर तय करके परीक्षा देने के लिए जाना पड़ता था। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सरकार द्वारा लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि निकट भविष्य में प्रदेश में होने जा रही एचटेट के लिए परीक्षा केंद्र निकट ही बनाए जाएंगे और इन केंद्रों तक पहुंचने के लिए परीक्षार्थियों को 50 किलोमीटर से अधिक नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जननायक जनता पार्टी ने भी चुनावों से पहले जनता से वायदा किया था कि युवाओं को परीक्षा देने के लिए 250-300 किलोमीटर नहीं जाना पड़ेगा। दुष्यंत चौटाला ने मंत्रिमंडल के इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे प्रदेश सरकार का युवाओं के लिए राहतकारी कदम बताया है। दुष्यंत ने मंत्रिमंडल की बैठक में परीक्षा केंद्र नजदीक बनाने को लेकर सुझाव दिया था जिसे माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मान लिया।
किसानों का एक-एक दाना खरीदेगी सरकार
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा कि अब किसानों के धान का एक-एक दाना सरकार खरीदेगी और पराली जलाने के लिए किसानों को डी-कम्पोजर पर सब्सिडी देगी। डी-कम्पोस्ट का प्रयोग करने से किसानों को पराली जलाने नहीं पड़ेगी, बल्कि यह पराली व उसके अवशेष की खाद बन जाएगी यानि पराली न जलाने से हमारा वातावरण प्रदूषित नहीं होगा। उनका कहना है कि बतौर सांसद भी उन्होंने दो साल पहले पराली जलाने की समस्या से निजात दिलवाने के लिए डी-कंपोस्ट के प्रयोग के लिए पहल की थी। उन्होंने किसानों को डी-कंपोस्ट किसानों को उपलब्ध करवाने के लिए सरकार को पत्र लिखा था और 9 अप्रैल 2018 को पत्र लिखकर संसदीय कोष से किसानों को डी-कंपोस्ट उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति भी मांगी थी।
साझा एजेंडे पर चलेगी सरकार
इससे पहले मंगलवार का उप मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बाद जनपथ स्थित अपने आवास पर पहुंचे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बातचीत के दौरान न्यूनतम साझा कार्यक्रम लागू करने के सवाल पर कहा कि इसके लिए समितियां गठित की जाएगी, जो दोनों दलों के घोषणा पत्रों के साझा एजेंडके साथ जनता और प्रदेश हित में की गई महत्वपूर्ण घोषणाओं पर अमल में लाया जाएगा। इस साझा कार्यक्रम के एजेंडे पर हरियाणा सरकार आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस समिति का यह भी दायित्व होगा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को निर्धारित और समय सीमा से लागू कराए ताकि दोनों दलों द्वारा जनता से किए गए वायदों और घोषणाओं को पूरा किया जा सके।
इससे पहले दुष्यंत चौटाला के उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार नई दिल्ली में 18 जनपथ पर अपने आवास पर पहुंचने पर उनका जेजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई द्वारा स्वागत किया गया। जिनमें दिल्ली जेजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश सहरावत, राष्ट्रीय प्रवक्ता दिनेश डागर, डा. श्यामलाल, गोपाल सिंह मोर, जयवीर गांधी, प्रदीप शौकीन, सुखदेव डागर, विरेंद्र डागर, खजान सिंह डागर, देवेंद्र सिंह भल्ला, रमेश सहरावत, चंद्रभान राठी तथा जोरा सिंह प्रमुख रूप ये मौजूद थे।
स्वागत समरोह के बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम लागू करने संबंधी सवाल पूछे जाने पर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी भाजपा व जननायक जनता पार्टी के घोषणापत्रों के सांझा एजेंडा के साथ साथ जनता के लिए अति उपयोगी व महत्वपूर्ण  घोषणाओं को शामिल करेगी जिस पर गठबंधन सरकार आगे बढ़ेगी। इस कमेटी का दायित्व होगा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को निर्धारित समय सीमा में लागू किया करवाए ताकि दोनों पार्टियों द्वारा जनता से किए गए वायदाों और घोषणाओं को पूरा किया जा सके।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कैबिनेट विस्तार का निर्णय 4 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा सत्र के बाद होगा तथा मंत्रिमंडल में कौन-कौन शामिल होंगे, यह निर्णय पार्टी संगठन करेगा।
30Oct-2019


चुनावी वादों को पूरा करने के दबाव में होगी हरियाणा सरकार!

न्यूनतम साझा कार्यक्रम के लिए गठित होंगी समितियां
विधानसभा के विशेष सत्र के उपरांत होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने के लिए समितियों का गठन करेगी, ताकि राज्य और जनहित के लिए दोनों दलों द्वारा किये गये चुनावी वादों को पूरा करने के दबाव को कम किया जा सके।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट की। इन मुलाकातों के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान हरियाण के विकास के लिए प्रतिबद्धता को जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में भाजपा और जजपा के चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वादों के आधार पर एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया जाएगा, जिसे तैयार करने के लिए दोनों दलों के नेताओं की समितियों को गठन किया जाएगा। रविवार को मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद सोमवार की शाम को ही मनोहर लाल खट्टर दिल्ली पहुंच गये थे, जिन्होंने हरियाणा भवन में रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट की।
जल्द होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में बताया कि जल्द ही हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र आयोजित होगा और उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। गौरतलब है कि गत रविवार को मनोहरलाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और भाजपा से गठबंधन करने वाली जजपा के दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गई। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार अभी नहीं हुआ है, जिसमें में दोनों दलों की भागीदारी को लेकर आपसी सहमति बनाई जाएगी। हरियाणा की 14वीं विधानसभा के चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल सका और सबसे ज्यादा 40 सीटे लेकर भाजपा ने जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने का दावा किया था, जजपा के दस विधायक निर्वाचित होकर आए हैं। 
नायडू को दिया गीता महोत्सव का न्यौता
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडू से उनके निवास पर मुलाकात करने के बाद उन्हें कुरुक्षेत्र में 22 नवंबर से 10 दिसंबर तक आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इनके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष से भी मुलाकात की है। इन मुलाकातों को मुख्यमंत्री ने शिष्टाचार भेंट करार दिया है।
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चुनावी वादों के दबाव हो सकता है चुनौती
हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के लिए चुनावी घोषणापत्रों में दोनों दलों द्वारा किये गये वादें चुनौती साबित हो सकते हैं। राजनीतिकारों की माने तो इन दोनों दलों के ही वादों में कुछ ऐसे वादे हैं जो सीधे राज्य सरकार के खजाने पर विपरीत प्रभाव डालेंगे। इसलिए भाजपा और जजपा की इस गठबंधन सरकार में दोनों दलों के लिए ही इन चुनावी वादों को पूरा करने का दबाव बना रहना स्वाभाविक है। हालांकि दोनों दल अपने घोषणा पत्रों को साझा करके उनके लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करेंगे, जिसके आधार पर गठबंधन किया गया है। खासकर जजपा जनता से कुछ ऐसे वादे करके दस सीटे जीतकर सरकार में शामिल हुई है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है। इसमें खासकर जजपा के बुजुर्गो की पेंशन राज्य सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी।
क्या हैं जजपा के प्रमुख वादे
-शिक्षित बेरोजगारों को 11 हजार का बेरोजगारी भत्ता
-बुजुर्ग पेंशन के रूप में 5100 रुपये देना
-कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति बहाल होगी
-हरियाणा के 75 फीसदी स्थानीय लोगों को आरक्षण
-किसानों के सहकारी बैंकों का पूरा कर्जा माफ करना
30Oct-2019