गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019

केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में पांच फीसदी बढ़ोतरी

केंद्रीय कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले
किसान सम्मान निधि योजना में खातों को आधार से जोड़ने की अवधि बढ़ी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में पांच फीसदी की बढ़ोतरी करके उन्हें दिवाली का तोहफा दिया है। इस निर्णय से 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 63 लाख पेंशनरों को लाभ होगा। से पहले बड़ा तोहफा दिया है, जिसमें महंगाई भत्ते में  पांच फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया गया है। वहीं
यह ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट में लिया गया है। बैठक में मंहगाई भत्ते में 5 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से देश के कुल 1.11 लाख कर्मचारियों जिनमें 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 63 लाख पूर्व कर्मचारियों यानि पेंशनरों को इसका लाभ मिलेगा। कर्मचारियों को बढ़ाया गया यह महंगाई भत्ता जुलाई 2019 से लागू माना जाएगा, जिसका ऐरियर दीवाली के तोहफे के रूप में मिलेगासरकार ने यह निर्णय बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए लिया है जिसमें बढ़ोतरी सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के सुझावों पर आधारित तय फॉर्मूले के मुताबिक की गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस 5 फीसदी वृद्धि के बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 17 फीसदी हो गया है। सरकार के इस फैसले के बाद सरकारी खजाने पर अनुमानित 16 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का बोझ पड़ेगा।
किसानों को मिली राहत                                                                           
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना के तहत 6,000 रुपये सालाना लाभ लेने के लिये खाते को आधार से जोड़ने की समयसीमा 30 नवंबर तक बढ़ाते हुए लाभार्थी किसानों को राहत दी है। कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय किया गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रगति तथा एनएचएम पर अधिकार सम्पन्न कार्यक्रम समिति एवं मिशन के कामकाजी समूह के निर्णयों की समीक्षा की गईबैठक के बाद यह जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने देते हुए बताया कि आरोग्य सुविधाओं के क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति हो रही है, जिसके लिए सतत विकास लक्ष्य के तहत 2030 तक इस मिशन के कार्यो को पूर्ण करने का लक्ष्य है। इस मिशन के तहत माता मृत्यु दर, शिशु मृत्य दर में तेजी से कमी दर्ज की गई है और वर्तमान दर से यह गिरावट जारी रही है और उम्मीद है कि भारत एसडीजी लक्ष्य को तय समय से काफी पहले हासिल कर लेगा। सरकार के अनुसार आयुष्मान योजना के तहत 31 लाख से ज्यादा लोगों का अस्पताल में इलाज किया गया है और 3.5 करोड़ परिवारों को कार्ड मिला है । इसमें केवल दो राज्य पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली ने सहभागिता नहीं की।
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पीओके के हरेक विस्थापित परिवार को मिलेंगे साढ़े पांच लाख
5300 परिवारों के लिए गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर केंद्रीय कैबिनेट ने लगाई मुहर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र की मोदी सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर से विस्थापित 5300 परिवारों को 5.5-5.5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है। ये परिवार पीओके से 1947 में विस्थापित होकर कश्मीर व अन्य राज्यों में आकर बस गये थे, जिन्हें पहली बार सरकार ने विस्थापित परिवारों की सूची में शामिल करके यह आर्थिक सहायता मुहैया कराने का फैसला लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में गृह मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मंत्रालय के अनुसार इन 5300 परिवारों का नाम शुरूआत में विस्थापितों की सूची में शामिल नहीं था, जिन्हें अब इस सूची में शामिल किया गया है। जम्मू और कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री के विकास पैकेज-2015 के तहत पुनर्वास योजना के तहत ऐसे विस्थापित परिवारों के लिए 30 नवंबर 2016 में की गई थी, जिसमें 36,384 परिवारों को कवर किया गया था, जिनमें पाक-अधिकृत जम्मू-कश्मीर से विस्थापित 26,319  परिवार और छम्ब नियाबत इलाके से विस्थापित 10,065 परिवार जम्मू-कश्मीर में बस चुके थे, लेकिन ये 5300 परिवार देश के अन्य राज्यों में होने के कारण इस योजना से वंचित रहे। सरकार के इस पैकेज के ऐलान के बाद ये 5300 परिवार विभिन्न राज्यों से वापस जम्मू-कश्मीर में आकर बस गये और सरकार ने इन परिवारों के नाम विस्थापितों की सूची में शामिल करके इन्हें यह आर्थिक सहायता देने वाली इस योजना में शामिल करने का फैसला किया। सरकार की इस मंजूरी के बाद अब ऐसे विस्थापित परिवार वर्तमान योजना के अंतर्गत 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के हकदार हो जाएंगे, और बदले में उन्हें लगातार कुछ आमदनी हो सकेगी, जिसका वर्तमान योजना में लक्ष्य रखा गया है। विस्थापित परिवारों की वित्तीय सहायता की जरूरत से प्रभावी तरीके से निपटने की सरकार की क्षमता बढ़ेगी। धनराशि की जरूरत को वर्तमान योजना के लिए पहले से ही मंजूर धनराशि से पूरा किया जाएगा।
पीओके से 31,619 परिवारों का पलायन
गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 1947 के पाकिस्तानी आक्रमण के मद्देनजर 31,619 परिवार जम्मू-कश्मीर के पाक-अधिकृत क्षेत्रों (पीओजेके) से पलायन करके जम्मू-कश्मीर राज्य में चले गए थे। इनमें से 26,319 परिवार जम्मू-कश्मीर राज्य में बस गए और 5300 परिवारों ने आरंभ में जम्मू-कश्मीर राज्य से बाहर निकलकर देश के अन्य भागों में जाने का विकल्प चुना था, जो अब वापस जम्मू-कश्मीर में बसने के बाद इस योजना के हकदार होंगे
युद्ध के दौरान भी हुए दस हजार से ज्यादा विस्थापित
मंत्रालय के अनुसर भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान छम्ब नियाबत क्षेत्र से 10,065 और परिवार विस्थापित हो गए। इनमें से 1965 युद्ध के दौरान 3500 परिवार और 1971 के युद्ध के दौरान 6565 परिवार विस्थापित हुए। मंत्रालय के अनुसार सरकार का मकसद है कि पाक-अधिकृत जम्मू-कश्मीर के जम्मू-कश्मीर में आकर बसे 5300 विस्थापित परिवारों में शामिल उन परिवारों को भी वर्तमान योजना का लाभ मिले, जिन्होंने युद्ध के कारण परेशानी झेली है। अब सरकार के ऐलान के बाद वे भी पर्याप्त मासिक आमदनी अर्जित कर सकेंगे और आर्थिक क्रियाकलापों का हिस्सा बनेंगे।  
10Oct-2019




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