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दिसंबर तक 20 बैठकों में सरकार निपटाएगी कई महत्वपूर्ण कामकाज
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद
का शीतकाली सत्र अगले माह 18 नवंबर से आरंभ होगा, जिसमें 13 दिसंबर तक 19 बैठकें
होनी है। इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार का प्रयास होगा कि पिछले संसद सत्र की
तर्ज पर इस सत्र में भी महत्वपूर्ण विधेयकों समेत ज्यादा से ज्यादा विधायी कार्य
कराने का प्रयास होगा।
संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होगा और 13 दिसंबर तक चलेगा।
संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक
मंत्रालय ने संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखों और बैठकों की जानकारी संसद के दोनों सदनों के सचिवालय को भेज दी
हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार पिछले सत्र में पारित होने से रह गये
उन महत्वपूर्ण विधेयकों के साथ कुछ नए विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी।
सूत्रों के अनुसार पिछले सत्र के समापन के बाद अब तक सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट
में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं जिन्हें लागू करने के लिए उन्हें विधेयक के
रूप में संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाना तय है। पिछले माह ही सरकार ने आयकर अधिनियम-1961 और वित्त अधिनियम-2019 में संशोधन के लिए और जो ई-सिगरेट
और इसी तरह के उपकरणों की बिक्री,
निर्माण
और भंडारण पर प्रतिबंध से संबंधित दो अध्यादेश जारी किये थे, जिन्हें विधेयक के रूप में संसद
में उन्हें पारित कराने का प्रयास होगा। मंत्रालय ने संकेत दिये हैं कि संसद के
अगले सत्र में सरकार कुछ नए विधेयक भी संसद में लेकर आएगी। दरअसल पिछले संसद सत्र
में लोकसभा में पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों पर राज्यसभा में इसलिए मुहर नहीं लग
सकी थी, कि भाजपा की पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का निधन होने से राजनीति
में शोकाकुल का माहौल था। इसलिए कुछ विधेयक राज्यसभा में बांध सुरक्षा विधेयक,
उभयलिंगी व्यक्ति के अधिकारों का संरक्षण विधेयक जैसे कुछ विधेयक अटक गये।
मंत्रालय के अनुसार आगामी शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले केंद्र सरकार
सर्वदलीय बैठक बुलाकर संसद में सरकारी एजेंडे पर विचार विमर्श कर उनके लिए सहमति
बनाने का प्रयास भी करेगी। हालांकि इस परंपरा के तहत सरकार विपक्षी दलों के
मुद्दों को भी संसद सत्र में शामिल करने का प्रयास करती है।
विपक्ष भी आक्रमक होगा?
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले विपक्षी दल
भी मोदी सरकार पर मंदी को लेकर निशाना साध रहे हैं, जिसमें कृषि व किसानों
की समस्या, बेरोजगारी और जम्मू-कश्मीर में धारा
370 खत्म होने से कथित रूप से बिगडे हालातों और राज्य के राजनीतिक दलों की
गिरफ्तारी व नजरबंदी को लेकर भी विपक्षी दल सरकार को घेरने के लिए लामबंदी की
तैयारी करते नजर आ रहे हैं। हालांकि सत्तारूढ़ दल को उम्मीद है कि सरकार की देश और
राष्ट्रवाद की नीतियों के लिए लिए जा रहे फैसलों से जिस प्रकार से विपक्षी दलों के
अनेक नेता एवं सांसद भाजपा के साथ जुड रहे हैं उसके आधार पर इस सत्र में भी सरकार
अपने महत्वपूर्ण विधेयकों और कार्यो को दोनों सदनों में आगे बढ़ाने में सफल रहेगी।
पिछले सत्र में बना था रिकार्ड
मोदी-2 सरकार ने संसद के पहले सत्र में विधेयकों को पारित कराने और कामकाज
को लेकर पिछले दो दशक के रिकार्ड बनाने में कामयाबी हासिल की थी, जिनमें
सरकार ने तीन तलाक और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने
संबन्धी कई महत्वपूर्ण विधेयकों समेत रिकार्ड
32 विधेयकों
को पारित कराया था। जबकि राज्यसभा में सरकार अल्पमत हैं,
फिर भी विपक्ष के बिखराव का सरकार को इन महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में
सफलता मिली। इनके अलावा पिछले सत्र के दौरान सरकार ने जिन महत्वपूर्ण विधेयकों को
पारित कराया था उनमें एनआईए, आरटीआई
कानून में संशोधन संबंधी विधेयक, सड़क सुरक्षा संबन्धी मोटर वाहन विधेयक, बच्चों
के संरक्षण संबन्धी पोक्सो संशोधन
विधेयक भी शामिल रहे। 22Oct-2019
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