ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
हरियाणा
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनौती कम नहीं हो रही हैं, जिसमें में उन्हें
अपने उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में बेहद कठिन दौर का सामना करना पड़ रहा है। प्रत्याशियों
के चयन के लिए शनिवार को कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की चली मैराथन बैठक में हरेक
सीट पर टिकट के दावेदारों की फौज से एक प्रत्याशी का चयन करने के लिए वरीयता के
आधार पर पैनल तैयार कर लिये गये, लेकिन राजनीतिक संकट में उलझी कांग्रेस को यह डर
सता रहा है कि एक प्रत्याशी का चयन होते ही अन्य प्रत्याशी बगावत कर सकते है,
जिसका कारण हरियाणा कांग्रेस में पहले से ही बढ़ती अंतर्कलह मानी जा रही है।

चुनाव
रणनीति से समझौता नहीं
हरियाणा
प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा इसी बात को दोहरा रही हैं कि इस बार राज्य
के विधानसभा चुनाव में बनाई गई रणनीति में कोई ढील नहीं दी जा सकती, तभी विधानसभा
चुनाव में पार्टी की जीत को सुनिश्चतता किया
जा सकता है। इसलिए चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया जाएगा, जो कांग्रेस की
इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने की क्षमता रखते हों। यही कारण है कि कांग्रेस को
प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम निर्णय लेने में विलंब हो रहा है, जो तीन अक्टूबर
को नामांकन की अंतिम तिथि से पहले ही लिया जाना है। कांग्रेस ने अपनी चुनावी
मुद्दों में भाजपा सरकार की नाकामियों के अलावा जनसुविधाओं के साथ किसानों व
बेरोजगारों की समस्या को शामिल किया है, जिन्हें कांग्रेस चुनाव में जोर शोर से
प्रचारित करने की रणनीति पर चुनाव मैदान में जा रही है।
पहली सूची सोमवार को संभव
स्क्रिनिंग कमेटी की इस बैठक के
बाद प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा व अन्य नेताओं ने संकेत दिये
हैं कि कल रविवार को होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी के दूसरे दौर की बैठक में
ज्यादातर प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, ताकि 30 सितंबर को
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति में उन पर अंतिम मुहर लग सके। केंद्रीय चुनाव
समिति की मुहर लगते ही कांग्रेस के अधिकांश प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी।
हालांकि कांग्रेस पहले ही ऐलान कर चुकी है कि मौजूदा सभी 17 विधायकों का फिर से
प्रत्याशी बनाया जा रहा है, जिन्हें अपना नामांकन दाखिल करने को भी कह दिया गया
है।
घोषणा पत्र तैयार
हरियाणा कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा
ने यहां कहा कि पार्टी का हरियाणा चुनाव के लिए घोषणापत्र लगभग तैयार है,
जिसे जनता के सुझावों के बाद तैयार किया गया है। इसे अंतिम रूप देने के लिए घोषणा
पत्र समिति की अध्यक्ष किरण चौधरी के साथ एक दिन पहले ही विचार विमर्श के बाद उसकी
समीक्षा की गई। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ऐसे वादे करने का निर्णय लिया है,
जिसे वह सत्ता में आने के बाद पूरा करके जनता की कसौटी पर पूरा उतर सके।
29Sep-2019
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