गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019

पुलिस को बाहरी दबाव से मुक्त कर सुधार करने पर बल

पुलिस सुधार दिवस पर बोले उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने देश में पुलिस सुधार के लिए पुलिस को बाहरी दबाव से मुक्त करने की वकालत करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन और उसकी जांच प्रक्रिया में नई तकनीकों को इस्तेमाल जरूरी है, ताकि पुलिस व्यवस्था और पुलिस थानों को अनुकूल माहौल बनाकर ही उसके आंतरिक सुधार किया जा सके।
यह बात नायडू ने शनिवार को यहां पुलिस सुधार दिवस पर इंडियन पुलिस फाउंडेशन, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआर एंड डी) द्वारा संयुक्त रूप से स्‍मार्ट पुलिस व्‍यवस्‍था विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही है। उन्होंने पुलिस बलों में आंतरिक सुधार करने का सुझाव देते हुए कहा कि आम लोगों में पुलिस के विश्वास को मजबूत बनाने के लिए पुलिस थानों में माहौल को बेहतर करने पर पुलिस बल को बाहरी दबाव से मुक्त रखने की जरूरत है। वहीं उन्होंने राज्यों में सरकारें बदलते ही पुलिस महानिदेशकों को बदलने की परंपरा को पुलिस सुधार में एक अवरोध करार देते हुए कहा कि राज्यों में डीजीपी के कार्यकाल की समयसीमा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
नायडू ने उन्हें अपराध के आंकड़ों में वृद्धि को लेकर परेशान होने के बजाय मामलों को तेजी से निपटाने के लिए कुशल एवं वस्‍तुनिष्‍ठ दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जब तक वरिष्ठ अधिकारी थानों में माहौल सुधारने का बीड़ा नहीं उठाएंगे तब तक स्थिति में बदलाव संभव नहीं है।
आंतरिक सुधार में बैलेट प्रभावी
नायडू ने आतंकवाद, माओवाद और उग्रवाद जैसी समस्याओं के बारे में कहा कि बुलेट के मुकाबले बैलेट अधिक बेहतर तरीका हैलेकिर केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस बलों को तालमेल से ही मानवता के दुश्मन आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से निपटा जा सकेगा और इसमें  देश की रक्षा और सुरक्षा के लिहाज से कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। देश में साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस बलों को तकनीकी प्रशिक्षण पर बल देते हुए नायडू ने कहा कि पुलिस प्रशासन, जांच, रक्षा एवं सुरक्षा प्रबंधन के साथ-साथ नागरिक केंद्रित पुलिस व्‍यवस्‍था के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं। स्मार्ट पुलिस व्‍यवस्‍था के बारे में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का जिक्र  करते हुए उन्‍होंने कहा कि वीआईपी सुरक्षा से निपटने और वीवीआईपी लोगों के आवाजाही के दौरान यातायात के प्रबंधन के लिए अभिनव दृष्टिकोण से सोचने की जरूरत है।
महिला व बच्चों की सुरक्षा पर चिंता
समारोह में महिलाओं एवं नाबालिग बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न और अपराधों के छिटपुट उदाहरणों पर चिंता व्यक्त करते हुए नायडू ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों को बेहतर करने का आह्वान किया। उन्होंने इच्छा प्रकट की है कि इन मामलों में पुलिस को सख्ती से कार्रवाई करने के बारे में संवेदनशील होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सुझाए गए पुलिस सुधारों को लागू करने के अलावा श्रमबल की कमी को दूर करने, परिवहन एवं संचार सुविधाओं को बेहतर करने और फोरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने की आवश्यकता है। समारोह में इंडियन पुलिस फाउंडेशन के अध्यक्ष एन. रामचंद्रन, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक वी. एस. के. कौमुदी, इंडियन पुलिस फाउंडेशन के चेयरमेन प्रकाश सिंह और कार्मिक प्रशासनिक सुधार के सचिव चंद्रमौलि एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
06Oct-2019

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