पिछले विधान चुनाव में किसी ने नहीं लांघी चुनाव खर्च की
सीमा
खट्टर दस लाख में चुनाव जीतकर बने राज्य के मुख्यमंत्री
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
चुनाव
आयोग ने लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी हरेक प्रत्याशी के चुनाव खर्च की
सीमा तय कर रखी है, जिसमें कई प्रत्याशी इस सीमा को पार करके धनबल का इस्तेमाल
करते रहे हैं, लेकिन हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव में निर्वाचित विधायकों ने
विधानसभा प्रत्याशी के लिए 28 लाख रुपये की सीमा को नहीं लांघा है। इन चुनावों में
जहां सर्वाधिक 22.19 लाख रुपये खर्च कर चुनाव जीतकर कांग्रेस के ललित नागर
विधानसभा में दाखिल हुए, तो वहीं सबसे कम 1.07 लाख रुपये खर्च करके भाजपा के पवन
सैनी चुनाव जीते। जबकि भाजपा के मनोहर लाल खट्टर 10 लाख 80 रुपये खर्च करके चुनाव
जीतने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बने।
केंद्रीय
चुनाव आयोग ने हरियाण विधानसभा के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए
अधिकतम 28 लाख रुपये तक खर्च करने की सीमा तय की हुई है। इसके बावजूद हरियाणा में
2014 के विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा में दाखिल हुए किसी भी विधायक ने अपने
चुनाव में इस तय सीमा को पार नहीं किया, बल्कि निर्वाचित हुए विधायकों के सात
प्रमुख दलों ने कुल औसतन 12.07 लाख यानि मात्र 43 फीसदी ही चुनाव खर्च किया है। चुनाव
आयोग में जमा किये गये विधायकों के चुनावी खर्च का विश्लेषण करते हुए गैर सरकारी
संस्था एडीआर की जारी ताजा रिपोर्ट में जो खुलासा किया गया है, उसके मुताबिक कुरुक्षेत्र
जिले की लाडवा विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले भाजपा विधायक पवन सैनी ने तो
मात्र 1.07 लाख रुपये ही खर्च किये, जबकि इसके बाद हजकां(बीएल) के आदमपुर से
विधायक कुलदीप विश्नोई का चुनावी खर्च 3.59 लाख रुपये तथा उकलाना के इनेलो विधायक
अनूप कुमार 4.36 लाख का चुनाव खर्च करके सबसे कम खर्च करने वालों में तीसरे पायदान
पर रहे।
इन्होंने
बहाया सबसे ज्यादा धन
हरियाणा
के पिछले विधानसभा चुनाव में जीतने वाले विधायकों में सर्वाधिक 22.19 लाख रुपये का
खर्च फरीदाबाद की तिगांव सीट से चुनाव जीते कांग्रेस विधायक ललित नागर पहले पायदान
पर रहे। इसके बाद फरीदाबाद के विधायक विपुल गोयल 21.49 लाख के खर्च के साथ दूसरे
और पंचकुला की कालका सीट से विजयी रही भाजपा विधायक लतिका शर्मा 20.25 लाख खर्च करके
तीसरे पायदान पर रही। सर्वाधिक चुनाव खर्च करने वाले टॉप टेन विधायकों में करनाल
से भाजपा विधायक मनोहर लाल खट्टर दसवें स्थान पर रहे, जिन्होंने 10 लाख 80 रुपये
का चुनावी खर्च घोषित किया है। अंबाला कैंट से भाजपा के अनिल विज 19.86 लाख खर्च
करके इस सूची में चौथे स्थान के विधायक रहे। टॉप टेन में मुख्यमंत्री समेत सात
विधायक शामिल हैं, जबकि दो कांग्रेस व एक इनेलों का विधायक शामिल है।
दलवार
औसत खर्च
हरियाणा
के विधायकों में चुनाव खर्च के मामले में 46 सीटे जीत कर बहुमत हासिल करने वाली
भाजपा का औसतन खर्च 12.92 लाख रुपये यानि 46.1 फीसदी रहा। दूसरे पायदान पर इनेलो
रही जिनके 16 विधायकों का औसतन चुनावी खर्च 10.32 लाख यानि 36.8 फीसदी है।
कांग्रेस के 14 विधायक निर्वाचित हुए थे, जिनका औसतन चुनावी खर्च 11.80 लाख रुपये
यानि 42.1 फीसदी रहा। पिछले चुनाव में पांच निर्दलीय विधायक भी जीतकर विधानसभा में
दाखिल हुए थे, जिनका चुनावी खर्च का औसत 12.84 यानि 458.9 फीसदी सार्वजनिक हुआ है।
हजंका के दो विधायकों ने 5.90 लाख रुपये खर्च किये, तो अकाली दल व बसपा के एक-एक
विधायक ने क्रमश: 10.99 लाख और 14.20 लाख रुपये का चुनावी खर्च होने का दावा किया
है।
13Oct-2019
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