हरियाणा: चुनाव जीतकर आए दागी
विधायकों में इजाफा
उच्च शिक्षित विधायकों को भी सदन
में रहेगा वर्चस्व
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
चुनावी
नतीजों ने इस बार भले ही हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में किसी दल को बहुमत के
आंकड़े को न छूने दिया हो, लेकिन हरियाणा की विधानसभा में करोड़पतियों और बुजुर्गो
का वर्चस्व बढ़ा है। हालांकि पिछली विधानसभा के मुकाबले इस बार दागी विधायकों की
संख्या में इजाफा हुआ है।
हरियाणा
विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद 90 सदस्यीय विधानसभा की स्थिति स्पष्ट
हो गई है, जिसमें किसी भी दल को बहुमत हासिल नहीं हो सका, हालांकि 40 सीटे जीतने
के साथ भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में
निर्वाचित 90 विधायकों में पिछले डेढ़ दशक में करोड़पति विधायकों का वर्चस्व
लगातार बढ़ता नजर आ रहा है। इस बार नवनिर्वाचित विधायकों में करोड़पति विधायकों की
संख्या 84 यानि 93 फीसदी है, जो पिछली विधानसभा में 75 यानि 83 फीसदी थी। जबकि इस
बार चुनावी जंग में सियासी दलों ने 481 करोड़पतियों पर अपना दांव खेला था।
विधानसभा में दाखिल हुए करोड़पति विधायकों में भाजपा के 40 विधायकों में से 37, कांग्रेस के 31 में 29 और
जननायक जनता पार्टी के 10, इनेलो व हरियाणा लोकहित पार्टी का एक-एक के अलावा
निर्दलीय सात में से छह विधायक इस फेहरिस्त में शामिल हैं। हरियाणा विधानसभा में
नविनिर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 18.29 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो पिछली
विधानसभा में 12.97 करोड़ रुपये थी। चुनावी सुधार के लिए कार्य करने वाली संस्था
एडीआर की पिछले दिनों जारी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार इस बार चुनावी जंग में
481 करोड़पतियों ने अपनी किस्मत आजमाई
थी। करोड़पतियों में पांच करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 50
है, जबकि दो से पांच करोड़ तक की संपत्ति वाले 25 और 50 लाख से दो करोड़ तक की
संपत्ति वाले विधायकों की संख्या 15 आंकी
गई है।
सबसे अमीर विधायक
हरियाणा विधानसभा में जीतने वाले करोड़पति विधायकों में
रोहतक जिले की महम सीट से जीत हासिल करने वाले निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु 141.19
करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर विधायकों की फेहरिस्त में शुमार हुए हैं,
जबकि हिसार की आदमपुर सीट से जीते कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई 105.54 करोड़ की
संपत्ति के साथ दूसरे और सिरसा से निर्वाचित एचएलपी के गोपाल कांडा 95.44 करोड़ की
संपत्ति के साथ तीसरे पायदान पर हैं। खासबात ये भी है कि गोपाल कांडा ने अपने ऊपर
सर्वाधिक 78.33 करोड़ रुपये की देनदारी घोषित की है।
पुन:
निर्वाचित 29 विधायकों की संपत्ति
हरियाणा
विधानसभा में पिछली विधानसभा में रहे 29 विधायक इस बार फिर निर्वाचित होकर लगातार
विधानसभा में दाखिल हुए है, जिनमें से 22 विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच साल
में 4 फीसदी से 90 फीसदी तक का इजाफा हुआ है, तो छह विधायकों की संपत्ति 10 से 27
फीसदी तक घटी है। इनमें सबसे ज्यादा 31.53 करोड़ रुपये की संपत्ति में बाढ़डा से
निर्वाचित नैना सिंह ने इजाफा किया है।
तीन
दागियों में इजाफा
हरियाणा
विधानसभा में इस बार नवनिर्वाचत 12 ऐसे विधायक सामने आए हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक
मामले लंबित हैं, जिनमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के चार, भाजपा के दो, जजपा, इनेलो व
एचएलपी का एक-एक विधायक शामिल है। इनके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों पर भी अपराधिक
दाग है। जबकि इस बार चुनावी जंग में 117
अपराधिक
पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। पिछली विधानसभा में ऐसे दागी विधायकों की संख्या मात्र नौ थी।
इस बार विधानसभा में दाखिल हुए सात दागी विधायकों के खिलाफ हत्यासंगीन गंभीर मामले
लंबित है। हालांकि दागियों की यह संख्या वर्ष 2009 के चुनाव में जीते 15 से कम है।
शिक्षित
विधायकों का वर्चस्व
विधानसभा
में दाखिल हुए 90 विधायकों में से 62 विधायक उच्च शिक्षा धारक हैं, जिनमें 27
स्नातक, 19 प्रोफेशनल स्नातक, 14 स्नातकोत्तर और दो डॉक्टर शामिल हैं। इनके अलावा
14 इंटरमिडिएट, 10 हाईस्कूल पास, 2 आठवीं पास और एक पांचवी पास विधायक निर्वाचित
हुए हैं। जब एक विधायक ऐसा है, जो अनपढ़ है।
दस
फीसदी महिला निर्वाचित
हरियाणा
विधानसभा में इस बार महिला विधायकों की संख्या में कमी आई है यानि 90 विधायकों में
केवल नौ महिलाओं ने ही जीत हासिल की है। जबकि वर्ष 2014 के चुनाव में 13 महिलाएं
निर्वाचित होकर विधानसभा में दाखिल हुई थी। इस बार चुनाव में 104 महिलाओं ने अपनी
किस्मत आजमाई थी। जबकि विधानसभा में 27-27 युवा एवं बुजुर्ग विधायक दाखिल हुए है,
जबकि 36 विधायकों की संख्या 50 से 60 आयुवर्ग के हैं। इसमें 31 से 50 आयु वर्ग के
27 और 60 से 80 आयु वर्ग के विधायक विधानसभा में अपने अनुभव को साझा करेंगे।
26Oct-2019
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