विधानसभा
चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ दिखाएंगे अपनी ताकत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह चुके अशोक तंवर
ने कांग्रेसी नेताओं पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने पार्टी और उसके नेताओं को लेकर
कहा 'घर घर रावण, इतने राम कहां से लाऊं मैं'। उनका कहना था कि आज स्वार्थी नेताओं ने एक
राष्ट्रीय पार्टी का यह हाल कर दिया है। तंवर ने साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव में
उन नेताओं को अपने पैसे और बाहुबल का अहसास हो जाएगा, जिन्होंने हमें आज पार्टी छोड़ने पर मजबूर कर
दिया है।
एक सवाल के जवाब तंवर ने कहा कि मैं चुनाव में
जाऊं या न जाऊं, मगर यह तय है कि
मैं अब उन नेताओं की मरोड़ (सबक सिखाना) निकालूंगा, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी पर कब्जा किया हुआ है। शनिवार दोपहर
को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के साथ लगते वीपी हाउस में अपने आवास पर बातचीत के दौरान तंवर
ने साफ किया कि वे भाजपा या किसी दूसरे दल में नहीं जाएंगे।
चुनाव नतीजे बताएंगे हैसियत
अशोक तंवर ने अप्रत्यक्ष तौर पर भूपेंद्र सिंह
हुड्डा, पार्टी महासचिव एवं हरियाणा
प्रभारी और सोनिया गांधी के इर्द-गिर्द रहने वाले नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने
कहा कि हरियाणा में चुनाव का नतीजा बता देगा कि वे पैसे और बाहुबल वाले लोग कितने बड़े
हैं। उनका इशारा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बड़ी हार हो सकती है।
तंवर का कहना था कि जिन लोगों ने पार्टी को मारने का काम किया, आज उन्हें ही तव्वजो मिल गई। खैर कोई बात नहीं, अब कम ही समय बचा है। चुनाव के नतीजे दुनिया
को यह बता देंगे कि कांग्रेस पार्टी ने जिन लोगों को तव्वजो दी है, जनता की नजर में उनकी क्या हैसियत है।
राहुल के चहेते नेताओं की
'राजनीतिक हत्या'
तंवर बोले, अभी कांग्रेस पार्टी में बहुत से लोगों की राजनीतिक हत्याएं
होना बाकी है। मेरे जैसे कई लोगों की राजनीतिक हत्या हो चुकी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया
के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा,
अब
मैं क्या बताऊ, वे खुद समझदार हैं।
पार्टी के भीतर ही कई ऐसे लोग हैं,
जो
कांग्रेस को हरियाणा से ही नहीं,
बल्कि
देश से ही खत्म करना चाहते हैं। कांग्रेस में कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने आजीवन राक्षसों वाले कर्म किए हैं, लेकिन फिर भी वे पार्टी के चहेते बने रहते हैं।
पौने पांच साल विदेश में घूमते हैं और जब चुनाव सिर पर आता है, तो वे अपना हक जताने और पार्टी पर कब्जा करने
के लिए आ जाते हैं। राहुल गांधी ने जिन नेताओं को तैयार किया था, आज उन्हीं की राजनीतिक हत्या हो रही है।
तंवर के साथ हुई नाइंसाफी
से एससी वर्ग नाराज
वहीं प्रदेश में चुनाव के मौके पर राजनीतिक
दल जो सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला तैयार करते हैं, उसके तहत कांग्रेस पार्टी को तंवर की गैर-मौजूदगी का खामियाजा
भुगतना पड़ेगा। एक दो नहीं, बल्कि दर्जनों सीटों
पर पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है। अनुसूचित जाति से आने वाले तंवर ने कई बार कहा
था कि मैं बहुत ही सामान्य परिवार से हूं। मेरी जाति उनके जितनी मजबूत नहीं है। न पैसे
में और न ही बाहुबल में। यही वजह है कि हुड्डा ने कांग्रेस आलाकमान को अपने कब्जे में
कर रखा है। शनिवार को तंवर ने कह दिया है कि जो भी हो मैं चुनाव के दौरान ऐसे लोगों
की मरोड़ तो निकालूंगा ही, बाकी चुनाव का नतीजा
सब कुछ बता देगा। बता दें कि प्रदेश का एससी वर्ग तंवर के साथ हुई नाइंसाफी से खासा
नाराज है।
06Oct-2019
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