गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019

करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच हुआ समझौता


वैध पास्पोर्ट के साथ बिना वीजा पूरे साल हो सकेगी तीर्थयात्रा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आखिरकार आगामी नौ नवंबर को शुरू हो रहे करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के लिए भारत और पाकिसतान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो गये हैं। भारत ने तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। इस समझौते के भारतीय मूल के सभी धर्मों और श्रद्धालुओं को वैध पासपोर्ट के साथ बिना किसी वीजा के तीर्थयात्रा करने का मौका मिल सकेगा।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने डेरा बाबा नानक से करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच गुरुवार को किये गये समझौते की जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने जीरो प्वाइंट इंटरनेशनल बाउंड्री डेरा बाबा नानक में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के तौर-तरीकों पर पाकिस्तान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने
22 नवंबर 2018 को श्री गुरु नानक देवजी की 550 वीं जयंती के ऐतिहासिक अवसर पर पूरे देश और दुनिया भर में भव्य तरीके से मनाने का एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसके मद्देनजर भारत ने भारतीय तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं के सम्मान हेतु इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कदम बढ़ाया है। इस समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अलावा पंजाब सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस ऐतिहासिक फैसले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक डेरा बाबा नानक से करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण और विकास को मंजूरी दी थी, जिसके कारण भारत ने करतारपुर कॉरिडोर का यात्रियों की सुविधा हेतु निर्माण को तेजी के साथ पूरा किया, ताकि भारत के तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा करने में सुविधा हो और यह यात्रा वर्ष भर सुचारू और सुगम तरीके से चल सके। इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ करतारपुर साहिब गलियारे के संचालन के लिए एक औपचारिक रूपरेखा तैयार की गई है।
समझौते के प्रमुख बिंदु
गृह मंत्रालय के अनुसार इस समझौते के तहत भारतीय मूल के सभी धर्मों और व्यक्तियों के भारतीय तीर्थयात्री गलियारे का उपयोग करते हुए वीजामुक्त यात्रा कर सकते है। लेकिन तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाने साथ ओसीआई कार्ड ले जाने की जरूरत होगी। समझौते में यह भी तय किया गया है कि कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुलेगा, सुबह यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन वापस लौटना होगा। हालांकि कॉरिडोर का संचालन पूरे साल तक जारी रहेगातीर्थयात्रियों के पास अकेले या समूहों में जाने के लिए और पैदल यात्रा करने का भी विकल्प भी रखा गया है। इस करार के तहत भारत यात्रा की तारीख से 10 दिन पहले तीर्थयात्रियों की सूची पाकिस्तान को भेजेगा और यात्रा की तारीख से 4 दिन पहले तीर्थ यात्रियों को पुष्टिकरण भेजा जाएगा
पाकिस्तान वसूलेगा 20 अमेरिकी डॉलर
पाकिस्तान ने भारत के उस आग्रह को नहीं माना कि वह भारतीय तीर्थयात्रियों को 20 अमेरिकी डॉलर प्रति यात्री सेवा शुल्क न वसूले, लेकिन पाकिस्तान यह शुल्क वसूलने पर अडिग रहा। गौरतलब है कि इससे पहले कॉरिडोर को लेकर भारत ने पिछली तीन संयुक्त सचिव स्तर की बैठकों और कूटनीतिक स्तर पर बार-बार यह जोर दिया था कि इस प्रकार का शुल्क वसूलना भारतीय तीर्थयात्रियों की धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं के अनुरूप नहीं है। लेकिन 550वें प्रकाशपर्व के पहले तीर्थयात्रियों और करतारपुर साहिब कॉरिडोर के समय पर परिचालन के हित में भारत को झुकना पड़ा और इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हो गया है, इसके बावजूद भारत सरकार इस मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार से शुल्क लगाने के मुद्दे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
कॉरिडोर का निर्माण लगभग पूरा
मंत्रालय के अनुसार करतारपुर साहिब कॉरिडोर के समय पर उद्घाटन के लिए सभी आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर अर्थात राजमार्ग और यात्री टर्मिनल भवन पूरा होने वाले हैं। तीर्थयात्रियों के मार्ग को सुगम और आसान तथा सुविधाजनक बनाने के लिए एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सभी मौसम कनेक्टिविटी के मुद्दे पर भारत सरकार ने अंतरिम व्यवस्था के रूप में पुल का निर्माण भारतीय पक्ष और एक अस्थायी सेवा मार्ग के रूप में किया है। उम्मीद है कि पाकिस्तान इस आश्वासन को पूरा करेगा कि वह जल्द से जल्द अपनी तरफ से पुल का निर्माण करेगा।
25Oct-2019

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