जम्मू-कश्मीर में चेनानी-नाशरी सुरंग का गडकरी ने किया नामकरण
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने जम्मू-कश्मीर में करीब ढ़ाई साल पहले राष्ट्र को समर्पित की गई देश की
सबसे लंबी सड़क सुरंग चेनानी-नाशरी अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जानी
जाएगी। इस सुरंग का नामकरण केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व पीएमओ में राज्यमंत्री
डा. जितेन्द्र सिंह ने किया है। वहीं जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के बाद
जम्मू-कश्मीर के विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने श्रीमाता वैष्णोदवी के
दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए दिल्ली से कटरा तक महामार्ग के निर्माण
की योजना शुरू करने का भी ऐलान किया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन
गडकरी और पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को
यहां परिवहन भवन में आयोजित एक समारोह में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग-44
पर बनाई गई देश की 9.28 किमी लंबी यानि संबसे लंबी चेनानी-नाशरी सड़क सुरंग का
नामकरण महापुरुष डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से कर दिया है। इसके लिए उधमपुर को जम्मू में रामबन से जोड़ने वाली इस सुरंग पर लगाई गई
नामकरण पट्टिका के लिए चेनानी-नाशरी में आयोजित समारोह में वीडियो कांफ्रेंस के
जरिए बटन दबाकर अनावरण किया और चेनानी-नाशरी सुरंग को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को समर्पित किया। इसी वीडियो कांफ्रेस के
जरिए गडकरी और जितेन्द्र सिंह ने सुरंग के मुहाने पर आयोजित समारोह में राज्य के
अधिकारियों और लोगों को संबोधित भी किया। इस सुरंग का निर्माण 2600 करोड़ रुपये की
लागत से किया गया था, जिसका आवागमन के लिए गत 2 अप्रैल 2017 को प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने लोकार्पण किया था। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि इस
सुरंग के बनने के बाद जम्मू से कश्मीर जाने वाले हाइवे पर 31 किमी दूरी कम होने के
साथ दो घंटे के सफर की बचत भी हो रही है, जिसके कारण ईंधन की लागत में पर्याप्त
बचत भी लोगों को हो रही है।
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जल्द
शुरु होगी दिल्ली-कटरा के बीच द्रुतगति महामार्ग परियोजना

कौन थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी
केंद्रीय मंत्री ने समारोह में कहा कि यह देश
के लिए एक अनूठा क्षण है। कि 66 साल पहले तत्कालीन लोकसभा सदस्य
डा. मुखर्जी को लखनपुर से अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था, और चेनानी-नाशरी के माध्यम से श्रीनगर
ले जाया गया था। इसी सम्मान की दृष्टि से डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
के नाम पर इस सुरंग का नामकरण करना उनके
लिए एक श्रद्धांजलि होगी और आने वाली पीढ़ियां इस दिन को भविष्य
में याद रखेंगी। उन्होंने कहा कि डा. मुखर्जी जम्मू-कश्मीर में धारा-370 के
खिलाफ थे, और देश में एक विधान, एक निशान, एक प्रधान की प्रतिज्ञा को परिभाषित किया था, जिसे मोदी
सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा-370 खत्म करके उनके इस सपने का साकार किया है।
25Oct-2019
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