गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019

नायडू ने राज्यसभा के कर्मचारियों का दिया गुरुमंत्र!


विधायी प्रस्तावों के महत्व का सटीक आंकलन करने पर बल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने संसद में आने वाले विधायी प्रस्तावों के सामाजिक सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय और सांस्थानिक प्रभावों की दृष्टि से विस्तृत एंव प्रभावी मूल्यांकन करने की वकालत की और इसके लिए राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों को जागरूक करने पर बल दिया।
दरअसल मंगलवार को राज्यसभा सचिवालय में कार्यभार ग्रहण करने वाले 151 नए अधिकारियों और कर्मचारियों को जागरूक करने की नई पहल करते हुए सभापति वेंकैया नाडू ने उनसे मुलाकात कर बैठक में विधायी प्रस्तावों और अन्य कामकाज के बारे में गुरुमंत्र देते हुए उन्हें सतर्कता बरतने की भी नसीहत दी। उन्होंने सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों से संसद सत्रों के दौरान सदन में आने वाले विधायी प्रस्तावों के सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय और सांस्थानिक प्रभाव के मूल्यांकन का सुझाव देते हुए विधायी प्रभाव मूल्यांकन करने का समर्थन किया। उन्होंने सभी नव-नियुक्त अधिकारियोंकर्मचारियों के बीच इसके व्यापक प्रचार हेतु विधायी प्रस्तावों में इस प्रकार के प्रभाव मूल्यांकन के बारे में यह भी बताया कि ये प्रस्ताव किस प्रकार उपयोगी होंगे। उन्होंने देश में विधायी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए ऐसे प्रभाव मूल्यांकन की आवश्यकता के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया। राज्यसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्यसभा के सभापति ने सचिवालय में कार्यभार ग्रहण करने पर नये अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बातचीत कर उन्हें विधायी प्रस्तावों की महत्त्ता के बारे में जानकारी दीइस मौके पर राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा, सचिव पी.पी.के. रामाचार्युलु और राज्य सभा सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
नायडू ने दिये सात गुरु मंत्र
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सचिवालय के नए अधिकारियों व कर्मचारियों से कार्य और कार्यालय में दिलचस्पी लेने का आव्हान करते हुए उन्हें अपने कार्य को एक सुखद अनुभव बनाने के लिए 7 मंत्र भी दिये। नायडु ने सुझाव दिया कि नये  भर्ती हुए कर्मचारी अपने कार्य को प्रेरणा का स्रोत मानते हुए उसे करने में गौरवान्वित अनुभव करें, देश की सामाजिक-आर्थिक प्रक्रियाओं और समय-समय पर संसद से संबधित मुद्दों का व्यापक अध्ययन करें। संविधान की गहन जानकारी प्राप्त करें, सभा के कार्य-विषयक नियमों को समझें, कार्य को अधिक फलदायी बनाने के लिए नए विचार लाएं और सृजनशील बनें, अपने कक्षों से बाहर निकलकर अपने संगठन के व्यापक दृष्टिकोण और लक्ष्यों के अनुरूप स्वयं को ढालें और कार्यस्थल को अपने घर जैसा मानें। अपने सुझाव पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन उन सामाजिक परिवर्तनों के बारे में बता सकते हैं जो एक विशिष्ट कानून के कार्यान्वयन से प्रवाहित होते हैं जबकि आर्थिक प्रभाव मूल्यांकन अन्य बातों के साथ इस बात पर प्रकाश डाला सकता है कि कोई विधान किस सीमा तक मौजूद असमानता को दूर कर सकता है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के कार्यान्वयन से वर्तमान कार्यकारिणी और न्यायिक संस्थाओं पर पड़ने वाली अतिरिक्त मांगों का मूल्यांकन करना भी आवश्यक है।
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संसद के शीतकालीन सत्र के लिए मंत्रिसमूह की बैठक                       
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मंगलवार को एक केंद्रीय मंत्रियों के एक दल ने उपराष्ट्रपति निवास पर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान संसद के आगामी शीतकालीन सत्र को सुचारु बनाने के संबंध में विचार विमर्श किया गया। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मंत्रियों के समूह के साथ बैठक करके आगामी संसद सत्र को लेकर कई अन्य मुद्दो पर भी चर्चा की। नायडू के आवास पर हुई मंत्री समूह की इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, संसदीय कार्य राज्य मंत्री बी मुरलीधरन, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होगा।
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राज्यसभा में भाजपा के एक ओर सदस्य ने ली शपथ
बिहार राज्य के लिए नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा नेता सतीश चंद्र दुबे ने मंगलवार को उच्च सदन के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने दुबे को सदन की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ दिलादुबे राम जेठमलानी के निधनके बाद रिक्त हुई सीट पर हुए उप चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। दुबे इससे पहले 2005 से 2014 तक लोकसभा के सदस्य भी रहे। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान केन्द्रीय मंत्री और राज्यसभा में नेता सदन थावर चंद गहलोत, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और भाजपा के राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव के अलावा राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा सहित राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
23Oct-2019

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