रविवार, 20 अक्तूबर 2019

सुधार के प्रयासों के बावजूद लेट हो रही हैं 31 फीसदी मेल ट्रेने


इस साल 31 फीसदी मेल, 33 फीसदी पैसेंजर गाडिया रही लेट
हरिभूमि ब्याूरो. नई दिल्ली 
भारतीय रेलवे सुरक्षा और संरक्षा के साथ समय पालन करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन समय पालन के मामले में अभी स्थिति सुधरने का नाम नहीं  ले रही है। बीते साल यानि 2018-19 के दौरान एक्सप्रेस-मेल गाड़ियों में से 31 फीसदी और पैसेंजर गाड़ियों में लगभग 33 प्रतिशत अपने तय समय पर नहीं चलाई जा सकी हैं।
यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ हैइस आरटीआई के जवाब में रेल मंत्रालय की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार तीन सालों में बीते साल मेल-एक्सप्रेस व पैसेंजर गाड़ियां समय पालन के मामले में फिसड्डी रही हैं वहीं इस साल अब तक की स्थिति में कुछ सुधार आया है मंत्रालय की तरफ से उन्हें उपलब्ध कराए गए ब्योरे के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों की मेल-एक्सप्रेस, पैसेंजर, राजधानी, शताब्दी, गरीबरथ और सुविधा रेल में से कोई भी रेलगाड़ी ऐसी नहीं है, जो समय पालन के मामले में खरी उतरी होरेल मंत्रालय की ओर से मिले जवाब के अनुसार मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों में से वर्ष 2016-17 में 76.69 प्रतिशत, वर्ष 2017-18 में 71.39 प्रतिशत और वर्ष 2018-19 में 69.23 प्रतिशत ही समय पर चलीं हालांकि इस साल कुछ सुधार नजर आ रहा है और सितंबर तक समय पालन का प्रतिशत 74.21 प्रतिशत हैपैसेंजर गाड़ियों का हाल भी कुछ ऐसा ही है वर्ष 2016-17 में 76.53 प्रतिशत, वर्ष 2017-18 में 72.66 प्रतिशत और वर्ष 2018-19 में 67.5 प्रतिशत पैसेंजर गाड़ियां ही समय पर चलीं वहीं इस साल सितंबर तक समय पालन के मामले में 70.55 प्रतिशत गाड़ियां समय पर चलीं
भारतीय रेल की सबसे बेहतर और सुविधा संपन्न गाड़ियां राजधानी और शताब्दी भी समय पालन के मामले में कमजोर साबित हो रही हैं राजधानी एक्सप्रेस गाड़ियां वर्ष 2016-17 में 68.55 प्रतिशत, वर्ष 2017-18 में 69.99 प्रतिशत और वर्ष 2018-19 में 76.58 प्रतिशत ही समय पर चलींवहीं इस वर्ष सितंबर तक यह प्रतिशत सुधर कर 81.43 हो गया शब्तादी एक्सप्रेस का हाल भी ऐसा ही है. वर्ष 2016-17 में 85.96 प्रतिशत, वर्ष 2017-18 में 82.30 प्रतिशत और वर्ष 2018-19 में 86.93 प्रतिशत ही समय पर चली हैं. इस साल सितंबर तक हालांकि यह आंकड़ा 90. 94 प्रतिशत रहा
20Oct-2019

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