बुधवार, 28 अगस्त 2019

सिर्फ 3 दिन में बैंक अकाउंट में आएगा PF का पैसा, EPFO कर रहा तैयारी


ईपीएफओ राहत देने के लिए कर रही है तैयारी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।  
नौकरीपेशा लोगों के लिए EPF यानी एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड निकालना बेहद आसान हो गया है. लेकिन, जल्द ही पीएफ का सेटेलमेंट सिर्फ 3 दिन में हो जाएगा. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इसके लिए खास इंतजाम कर रहा है. पीएफ आपके एक रिटायरमेंट प्लान की तरह है. इसमें निवेश का फायदा लंबी अवधि में मिलता है. रिटायरमेंट के लिए विथड्रॉल क्लेम से एक एक्युमुलेटेड प्रोविडेंट फंड मिलता है. पहले लोग नौकरी बदलने के वक्त अपना फंड ट्रांसफर करा लेते थे. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में ईपीएफओ के रिकॉर्ड निकासी के लिए ज्यादा आवेदन देखने को मिले. यही वजह है कि निकासी की प्रक्रिया को लगातार आसान बनाया जा रहा है.
क्या है EPFO की प्लानिंग
EPFO कमिश्नर सुनील बर्थवाल के मुताबिक, जल्द ही सिर्फ 3 दिन में पीएफ का सेटलमेंट हो सकेगा. ईपीएफओ ई-इंस्पेक्शन सिस्टम शुरू करने जा रहा है. क्लेम करने के बाद पीएफ के इंस्पेक्शन को आसान बनाया जा रहा है. CII के मुताबिक, ईपीएफओ ने उत्पीड़न पर अंकुश लगाने के लिए अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया है. इसके तहत जांच की अधिकतम अवधि दो साल होगी.
केवाईसी होने पर ही होगा सेटलमेंट
बर्थवाल के मुताबिक, आंकड़ों की गड़बड़ी के चलते कुछ कर्मचारी यूएएन (12 अंकों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) जेनरेट नहीं कर पा रहे हैं. इसे देखते हुए ईपीएफओ कर्मचारी डेटाबेस के जरिए सत्यापन की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रहा है. बर्थवाल के मुताबिक, ईपीएफओ केवाईसी का इस्तेमाल करने वाले लाभार्थियों के लिए क्लेम सेटलमेंट तीन दिन के अंदर करने की प्लानिंग कर रहा है. पीएफधारकों का यूएएन आधार और बैंक खाता से जुड़ा होता है और इनके पास रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर है.
ऑनलाइन निकालें पीएफ का पैसा
ऑनलाइन सुविधा के जरिए आसानी से अपना पीएफ निकाला जा सकता है. इसके लिए एक प्रोसेस से गुजरना होगा. अगर आपका आधार EPFO में लिंक है तो प्रोसेसिंग टाइम कुल मिलाकर 3 दिन का होगा. लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि आपके पीएफ अकाउंट का KYC पूरा होना चाहिए और आधार से लिंक होना चाहिए.
क्या है सबसे जरूरी?
EPFO अब अकाउंट होल्डर्स के लिए एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जारी करता है. एक बार यह जेनरेट होने पर तब तक निष्क्रिय नहीं होता जब तक कोई नौकरी बदलते वक्त पीएफ का पैसा निकाल न ले. अगर ऐसा होता है तो नया यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जारी किया जाता है. इस नंबर का एक्टिवेटेड होना जरूरी है. मेंबर का मोबाइल नंबर यूएएन डेटाबेस में रजिस्टर्ड होना चाहिए.
मेंबर का आधार ब्योरा ईपीएफओ वेबसाइट पर होना चाहिए.
कहां से करना है अप्लाई?
ईपीएफओ के मेंबर को ई-सेवा पोर्टल https:unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर लॉग इन करना होगा.
क्या है निकासी की प्रक्रिया?
लॉग इन करने के बाद आपको आधार बेस्ड ऑनलाइन क्लेम सबमिशन टैब सेलेक्ट करना होगा. इसके बाद मेंबर को अपनी केवाईसी डिटेल्स वेरिफाई करनी होती हैं. क्लेम विथड्रॉल करने के लिए अलग-अलग विकल्पों में से आवश्यक ऑप्शन को चुना जा सकता है.
कैसे होगा प्रोसेस पूरा?
ईपीएफओ की तरफ से आपके यूआईडीएआई डेटाबेस में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड भेजा जाएगा. ओटीपी को एंटर करने के बाद क्लेम फॉर्म सबमिट हो जाता है. इससे विथड्रॉल प्रोसेस शुरू हो जाता है. क्लेम प्रोसेस होने के बाद विथड्रॉल अमाउंट को एम्प्लॉई के रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट में डाल दिया जाता है.
क्या रखना होगा ध्यान?
ईपीएफओ मेंबर को इस ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए अपने एंप्लॉयर के पास जाने की जरूरत नहीं है. लेकिन, उसके पास कंपनी का इस्टैबलिशमेंट नंबर होना चाहिए. ध्यान रहे कि आधार डेटाबेस में रजिस्टर्ड आपका मोबाइल नंबर और EPFO में दर्ज मोबाइल नंबर एक ही होना चाहिए।
28Aug-2019

जम्मू कश्मीर में केंद्रीय योजनाओं को लागू करने पर हुई चर्चा


जम्मू-कश्मीर के विकास पर मोदी सरकार का फोकस
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद राज्य के हालात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ केंद्रीय योजनाओं को किस तरह से लागू करने पर चर्चा की।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमिति शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों पर चर्चा की और राज्य में हालात पूरी तरह से सामान्य बनाने के लिए किस प्रकार की नीति या योजना तैयार की जाए इस पर भी राय मांगी तथा विचार विमर्श किया। इस बैठक में जहां गृह सचित एके भल्ला के साथ आईबी और रॉ के प्रमुख शामिल हुए। वहीं केंद्र के एक दर्जन से ज्यादा मंत्रालयों में सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद जैसे मुद्दो को देखने वाले अधिकारी भी शामिल हुए। इस बैठक में राज्य के हालातों के साथ 31 अक्टूबर को लागू होने वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, निकाय चुनाव की दिशा में परिसीमन और विभिन्न मंत्रालयों की केंद्रीय योजनाओं को लागू करने की योजनाओं पर चर्चा की गई।
मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी कि केंद्रीय गृह मंत्री हर मंगलवार को मंत्रालय के उच्चाधिकारियों और संबन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद राज्य के हालातों को लेकर यह बैठक ज्यादा अहम रही। इस बैठक में खासतौर से राज्य में सामान्य हालात को तेजी से बहाल करने का मुख्य मुद्दा रहा जिसे लेकर विस्तार से चर्चा हुई और अधिकारियों से सुझाव मांगे गये। वहीं इस बात पर भी चर्चा रही कि केंद्रीय योजनाओं को राज्य में किस तरह की नीति के तहत लागू किया जाए, ताकि खासकर कश्मीर घाटी के लोगों को बुनियादी सुविधाओं से जोड़कर उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जाए। हालांकि खासतौर से बैठक में राज्य के हालातों को सामान्य बनाने के तौर तरीकों पर सुझाव मांगे गये। बैठक में जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गये अल्पसंख्यक मंत्रालय के एक छह सदस्यीय दल की भी जानकारी दी गई, जो जम्मू-कश्मीर के अलावा लद्धाख क्षेत्र में भी लोगों से बातचीत करके उनके विचारों को साझा करेगी। यह टीम ऐसे क्षेत्रों में भी जाएगी, जहां विकास जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। इसी प्रकार अगले महीने पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल के नेतृत्व में एक दल जम्मू-कश्मीर व लद्धाख का दौरा करेगा।

मंत्री समूह गठित, दे सकती है बड़ा पैकेज
नई दिल्ली
केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास को गति देने की तैयारी में है सूत्रों ने बताया कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के विकास के लिए मंत्री-समूह का गठन किया गया है जिसमें केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, थावर चंद गहलोत, डॉ. जितेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर और धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं इस मंत्री-समूह को कश्मीर पर ब्लूप्रिंट तैयार करने को कहा गया है जिससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की तस्वीर बदल जाएगी
विभिन्न मंत्रालयों का कश्मीर के विकास में क्या योगदान होगा, इस पर यह मंत्री समूह चर्चा करेगा इस मंत्री समूह को 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी है और इसकी सिफारिशों के आधार पर मोदी सरकार दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक पैकेज की घोषणा कर सकती है अब तक इस मंत्री समूह की दो बैठकें हो चुकी हैं और सूत्रों ने बताया कि युवाओं के कौशल विकास को लेकर इन बैठकों में चर्चा हुई
2015 में दिया था 80 हजार करोड़ का पैकेज
साल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्‍मीर स्‍टेडियम में रैली को संबोधित करते हुए 80 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी पैकेज का ऐलान करते हुए पीएम ने कहा था कि 80 हजार करोड़ के पैकेज से कश्मीर का भाग्य बदलेगा. ये तो बस शुरुआत है दिल्‍ली का खजाना आपके लिए है और ये दिल भी आपके लिए है
28Aug-2019
 


आतंकवाद के बाद अब नक्सलियों पर नकेल की तैयारी



गृहमंत्री शाह ने की नक्सल प्रभावित राज्यों के साथ चर्चा
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के बाद अब नक्सलियों पर नकेल की तैयारी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद के खात्मे के बाद अब नक्सलवाद पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी मकसद से गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विस्तार से चर्चा की, ताकि नक्सवाल की समस्या से निपटने के लिए सख्त रोड़मैप तैयार किया जा सके।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को वामपंथी उग्रवाद यानि नक्सलवाद पर केंद्र सरकार के कई मंत्रियों, नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्य मंत्रियों, मुख्य सचिवों तथा केंद्र व राज्यों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस नए भारत के निर्माण का सकंल्प करके आगे बढ़ रहे हैं उसमें वामपंथी उग्रवाद के लिये कोई जगह नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद पिछले कुछ दशकों से देश के सामने बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करता और वामपंथी उग्रवादी सत्ता हथियाने एवं अपने लाभ के लिए सबसे कम विकसित क्षेत्रों में निर्दोष लोगों को गुमराह करते हैं। इसलिए नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए उन्हे उपलब्ध होने वाले धन को रोकना आधारभूत मंत्र होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि बंदूक के बल पर विकास और लोकतंत्र को झुकाने में वामपंथी उग्रवाद को कभी सफलता नहीं मिलेगी। इस बैठक में शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के अंतर्गत जो निर्दोष फंसे हैं उन्हें उग्रवाद की धारा से मुख्यधारा में वापस लाना जरूरी है और उनके आत्मसमर्पण को बढ़ावा देना चाहिये। उनका कहना था कि इस प्रकार हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नये भारत की परिकल्पना को साकार करना है| केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एक तय समय सीमा में वामपंथी उग्रवाद के समूल निवारण तथा क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिये कृत संकल्प है।
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए वर्ष 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना बनाई गई थी इसमें सुरक्षा से संबंधित उपायों के साथ-साथ विकास के कार्यों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकधारियों को सुनिश्चित करना इत्यादि शामिल है। उनका कहना था कि 2015 की राष्ट्रीय नीति के अंतर्गत स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्यों में स्थानीय पुलिस की सतर्कता और दक्षता के बिना वामपंथी उग्रवाद समाप्त नहीं किया जा सकता, इसलिये उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों की प्रमुख योजनाओं के अलावा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशिष्ट पहल में प्रमुख तौर पर सड़क एवं टेलीकॉम कनेक्टिविटी में सुधार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा शिक्षा शामिल करने की बात कही है। उन्होंने एकलव्य मॉडल के अंतर्गत खोले जाने वाले स्कूलों की गति तेज करने, साथ ही सभी नागरिकों को 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर बल दिया। इस बैठक में उन्होंने राज्य सरकारों को विश्वास दिलाया की वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल करने में केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को माओवादियों से निपटने के लिये सक्रिय रणनीति बनाने का समय आ गया है और आतंक की घटनाओं को हर कीमत पर टालना जरूरी है। शाह का कहना था कि विगत वर्षों में आईडी की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ है जिन्हें रोकने के लिए सभी उपायों को लागू करना होगा। बैठक में केन्द्र सरकार के वित्त, सड़क परिवहन और राजमार्ग, कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कौशल विकास और उद्यमिता, जनजातीय मामले, गृह राज्य मंत्री, के अलावा मध्यप्रदेश से सीएम कमलनाथ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और झारखंड के सीएम रघुबर दास शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में डीजी आईटीबीपी, डीजी सीआरपीएफ, डीजी बीएसएफ, डीजी एनआईए भी शामिल हुए।
नक्सल गतिविधियों में आई कमी
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद में पहले से काफी गिरावट आई है। उनका कहना था कि जहाँ 2009 में वामपंथी उग्रवाद की 2258 घटनायें हुईं वहीं 2018 में घटकर 833 हुई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल केवल 60 जिलों में वामपंथी उग्रवाद की घटना नोट की गई है और इस कमी में राज्य सरकार, राज्य के सुरक्षा बल तथा केंद्रीय बलों के संयुक्त प्रयासों से सफलता प्राप्त हुई है। उन्होँने कहा कि हमें समन्वय के साथ काम करना होगा तभी वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल किया जा सकता है। शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के लिए उन्हे उपलब्ध होने वाले धन को रोकना आधारभूत मंत्र है और इसके द्वारा उनके रहने, खाने-पीने, घूमने, हथियारों की खरीद, ट्रेनिंग आदि व्यवस्थाओं को रोका जा सकता है| गृह मंत्री ने कहा कि मेरा यह मानना है कि वामपंथी उग्रवाद की घटनाएँ निरंतर कम हो रही हैं इसे खत्म करने का प्रयास उसी तरह से जारी रहना चाहिये।
27Aug-2019

कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग में नियुक्तियां


छत्तीसगढ़ की कार्यकारिणी का पुनर्गठन 
हरियाणा अनुसूचित जाति विभाग के दो कोर्डिनेटर नियुक्त     
मध्य प्रदेश में भी बनाए गये दो स्टेट कोर्डिनेटर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली समेत 14 विभिन्न राज्यों के अनुसूचित जाति विभागों के राष्ट्रीय समन्वयक के अलावा राज्यों के अध्यक्ष एवं समन्वयक एवं अन्य पदाधिकिरयों की नियुक्तियां की हैं।  
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल द्वारा पार्टी हाईकमान द्वारा इन नियुक्तियों के प्रस्ताव से मिली मंजूरी के बाद अनुसूचित विभागों के पदाधिकारियों की विस्तार से सूची जारी की है। इनमें जहां हरियाणा में देवेन्द्र लकी और राकेश खानपुर को राज्य समन्वयक(कॉर्डिनेटर) नियुक्त किया गया है, वहीं मध्य प्रदेश में नितेश नरवाले और डा. बिनीत कुमार की समन्वयक के रूप में नियुक्ति की गई है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति विभाग में आठ उपाध्यक्ष, 11 राज्य समन्वयक तथा नौ कार्यकारिणी सदस्यों की नियुक्ति की गई है।
छग कार्यकारिणी में आठ उपाध्यक्ष
कांग्रेस हाईकमान ने छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग की कार्यकारिणी में पदाधिकारियों की नियुक्तियों को मंजूरी दी है। इसमें नियुक्त किये गये आठ उपाध्यक्षों में दिनेश अनंत, पवन जांगडे, गुरु खुशवंत, डा. निदेशलाल जांगडे, सुश्री पुष्पा पाटले, श्रीराम पप्पू बघेल, सुश्री धनेश्वरी दांडे और अलख नारायण शामिल है। जबकि 11 राज्य समन्वयकों में मुद्रिका राय, राकेश कुर्रे, सुप्रिया तेम्बुरकर, चन्द्रप्रकाश मांडले, भैरव प्रसाद चतुर्वेदी, सरोज कुमार सारथी, रितेश मेशराम, बाल राम कोल्टे, हरदेव टंडन, सुनील बंदे और राजेन्द्र मारकण्डे शामिल हैं। इसके अलावा 9 कार्यकारिणी सदस्यों में वीरेन्द्र मुक्ति, नागेन्द्र सामले, पवन रात्रे, सालिक राम गेदाम, दिलीप बंजारा, रामस्नेही जांगडे, राम कुमार चतुर्वेदी, हिमांशु अंबाडे तथा मनीश कोसरिया की नियुक्ति की गई है।
दिल्ली में 26 सदस्यीय कार्यकारिणी
कांग्रेस हाई कमान ने दिल्ली कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग में गठित 26 सदस्यीय कार्यकारिणी में 11 उपाध्यक्षों की नियुक्ति की है, जिनमें आरएस चावी को पूर्वी दिल्ली का प्रभारी, महेन्द्र भास्कर को उत्तरी दिल्ली का प्रभारी उपाध्यक्ष तथा प्रवीण सोनकर को दक्षिणी दिल्ली का प्रभारी उपाघ्यक्ष बनाया गया है, जबकि अन्य उपाध्यक्षों में सुश्री बीना बालगोहर, धर्मवीर सिंह, सोहन सिंह, तुलसी गांधी, चन्द्रभान भारती, संजीव चंदेलिया, ब्रजपाल और डा. मनोज दहिया की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा 15 राज्य समन्वयक बनाए गये हैं, जिनमें रविशंकर, मनोज वैद्य, राजबीर सिंह, सुनील सूद, भारत तंवर, विनोद कुमार, सुश्री कांता पूगलिया, विजय सेवालिया, अशोक कुमार, चन्द्रभान, पंकज कुमार, लोवेनीश इंदोरिया, ललित चौहान, पूनम सूद तथा महेश पहलवान शामिल हैं।
गोपाल देनवाल राष्ट्रीय समन्वयक बने
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी अनुसूचित जाति विभाग की सूची में राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में गोपाल देनवाल की नियुक्ति की गई है। जबकि गुजरात का चेयरमैन तरुण कुमार जगुभाई वाघेला और हिमाचल का चेयरमैन यादवेन्द्र गोमा को नियुक्त किय गया है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में एसी विभाग में दो उपाध्यक्ष और एक समन्वयक नियुक्त किया गय है। जबकि पंजाब में गुरदास दोहत को राज्य समन्वयक, उत्तराखंड में रोहित रंजन को राज्य समन्वयक, उत्तर प्रदेश में सचिन पाल बाल्मिकी व दीपक कनौजिया को राज्य समन्वयक बनाया गया है। इसके अलावा अनुसूचित जाति विभागों में बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु राज्य की कार्यकारिणी गठित की गई है। जबकि असम, मुंबई तथा जम्मू-कश्मीर में भी उपाध्यक्ष और समन्वकों की नियुक्ति की गई है।
27Aug-2019