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विधेयक हुए पारित, फिर भी अटके तीन विधेयक
पूर्व
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दी गई श्रद्धांजलि
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी-2
सरकार ने संसद के बजट सत्र में विधेयकों को पारित कराने और कामकाज को लेकर पिछले
दो दशक के रिकार्ड बनाने में कामयाबी हासिल की है, जहां संसद में तीन तलाक और
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने संबन्धी कई महत्वपूर्ण विधेयकों समेत 32 विधेयकों
को अंजाम दिया है। लोकसभा में 36 तो राज्य सभा ने 32 विधेयकों पर मुहर लगाते हुए
पिछले 17 साल के अंतराल में रिकार्ड कायम किया है।
संसद
के बजट सत्र में एक दिन पहले लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा के 249वें सत्र को
भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। संसद के इस सत्र के दौरान वर्ष 2019-20
का आम बजट, राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के अलावा तीन तलाक, यूएपीए,
एनआईए, आरटीआई कानून में संशोधन संबंधी विधेयक, सड़क सुरक्षा संबन्धी मोटर वाहन
विधेयक, बच्चों के संरक्षण संबन्धी पोक्सो संशोधन, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को
समाप्त करने संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक जैसे विधायी कार्यो समेत
कुल 32 विधेयक पारित किए गए। सबसे खास बात यह रही कि संसद में आए सभी 10
अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पारित करके कानून बनाए गये। जहां तक राज्यसभा का
सवाल है उसमें 32 विधेयकों पर मुहर लगी, इससे पहले वर्ष 2002 में 197वें सत्र के दौरान
35 विधेयकों को पारित किया गया था। जबकि वर्ष 1984 में 131वें सत्र के दौरान
सर्वाधिक 37 विधेयक राज्यसभा ने पारित किये थे। राज्यसभा की अंतिम बैठक में सदन को
चार विधेयक पारित करने थे, लेकिन सुषाम स्वराज के निधन के कारण राज्यसभा के सत्र
को निर्धारित कार्यवाली को पूरा किये बिना ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना
पड़ा और इससे पहले सदन की सहमति से बिना चर्चा कराए केवल एक विधेयक पारित कराया
गया, जबकि एक विधेयक पर चर्चा नहीं कराई जा सकी।
14 साल बाद सर्वाधिक बैठकें
राज्यसभा
के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने 249वां सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से
पहले सदन को बताया कि इस 20 जून से शुरू हुए सत्र में 2005 में हुई 38 बैठकों के
बाद इस सत्र में 35 बैठकें हुई और कामकाज की उत्पादकता 104.92 फीसदी रही। कुछ
मुद्दो पर हंगामे के कारण 19.12 घंटे के काम के नुकसान की भरपाई के लिए सदन को 28
घंटे अतिरक्त बैठकर चलाया गया।
कई सदस्यों ने दिये इस्तीफे
सत्र
के दौरान जहां कई नए सदस्यों ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली वहीं सपा और कांग्रेस
के कई सदस्यों ने इस्तीफा भी दिया। इन सदस्यों में सपा के नीरज शेखर, संजय सेठ और सुरेंद्र
नागर तथा कांग्रेस के संजय सिंह और भुवनेश्वर कालिता शामिल हैं।
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सुषमा स्वराज को दी श्रद्धांजलि
राज्यसभा
में बुधवार को पूर्व विदेश मंत्री एवं उच्च सदन की पूर्व सदस्य सुषमा स्वराज के निधन
पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी और उनके योगदान का स्मरण किया गया। सभापति एम वेंकैया
नायडू ने कहा कि सुषमा उन्हें हर साल राखी बांधने आती थीं, लेकिन इस बार वह रक्षाबंधन
पर नहीं आ पाएंगी, जिसका उन्हें अफसोस है। इससे पहले बुधवार को अंतिम दिन की
कार्यवाही शुरू होने पर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की जानकारी सदन
को दी। उन्होंने सदन में सुषमा स्वराज के राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि
विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिस प्रकार की भूमिका
निभाई उससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि वह
25 वर्ष की उम्र में हरियाणा सरकार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनीं। वह लोकसभा में
पहली महिला नेता प्रतिपक्ष बनीं। वह पहली महिला थीं जिन्हें असाधारण सांसद का खिताब
मिला। वह 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। वह नरेन्द्र मोदी सरकार
में पहली बार देश की पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री बनीं।
08Aug-2019
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