
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के तहत रक्षा, रेल जैसे क्षेत्रों के बाद देश में
जल क्षेत्र में इंजीनियरिंग का चमत्कार दुनिया को दिखा दिया है। तेलंगाना में
दुनिया की सबसे बड़ी भूमिगत पंप हाउस कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (केएलआईपी) शुरू कर दी गई है, जो जमीनी सतह से 470 फीट नीचे पम्पिंग स्टेशन
बनाकर राज्य के जल संकट की समस्या को दूर करने में कारगर सिद्ध होगा।
तेलंगाना में विश्व की सबसे बड़ी भूमिगत पंप
हाउस कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (केएलआईपी) के तहत लक्ष्मीपुर
भूमिगत पम्पिंग स्टेशन को शुरू हो गई है। जमीनी सतह से 470 फीट नीचे बनाए
गये विशाल पम्पिंग हाउस को इस परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना
गया है। इस परियोजना के लिए भूमिगत पम्पिंग हाउस तैयार करने के लिए अपनाई
गई तकनीक को मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल)
का इंजीनियरिंग चमत्कार माना जा रहा है। इस परियोजना के शुरू होने से तेलंगाना के करीमनगर जिले के लक्ष्मीपुर गांव के रामादुगु में निर्मित पैकेज-8 पम्पिंग स्टेशन गोदावरी रिवर बेल्ट में वर्ष
भर कई जलाशयों में पानी का भंडारण कर सकेगा, जो भूमिगत संरचना कालेश्वरमलिफ्ट सिंचाई परियोजना
का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे रिकॉर्ड समय यानी सिर्फ़ 2 वर्षों में पूरा किया गया है।
इस परियोजना के बारे में एमईआईएल के निदेशक श्रीनिवास
रेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह एक असाधारण भूमिगत पंप हाउस है, जो जमीन में 470 नीचे फीट दो सुरंगों के रूप में है। ये दुनिया
का बेहद आधुनिक और सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है,
जिसमें
7 मोटर हैं और 139 मेगावाट की क्षमता
वाले ये मोटर प्रतिदिन 3 टीएमसी पानी उठा
सकते हैं। यह ‘मेक इन इंडिया’ का सर्वोत्तम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केएलआईपी
की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसने 3057 मेगावाट क्षमता
का इलेक्ट्रिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है, जिसमें छह 400 केवी और 220 केवी के सब स्टेशन, ट्रांसफार्मर और 260 किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइन है। रेड्डी ने
कहा कि दक्षिण भारत के एक सूखे इलाके तेलंगाना का एक बड़ा सपना अब हकीकत में बदल गया
है। इस क्षेत्र के लोगों का पानी का संकट जल्द ही खत्म हो जाएगा, क्योंकि कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (केएलआईपी)
शुरू होने के लिए तैयार है। इस परियोजना में तेलंगाना की पूरी रूपरेखा बदलने की क्षमता
है। इस अनोखे पंप हाउस से गोदावरी के पानी का रिवर्स पम्पिंग संभव होगा जिससे सूखे
इलाक़े जीवंत होकर हरे भरे हो जाएंगे। आमतौर पर लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के लिए पंप
हाउस को नदी के किनारे के ग्राउंडलेवल पर बनाया जाता है जिससे आसानी से पानी खींचा
जा सके। ज़मीन के नीचे बने इस पंप हाउस देखने पर कई मंजिलों वाला एक बड़ा शॉपिंग मॉल
लगेगा और इस तरह इस भूमिगत निर्माण कार्य की संरचना और आकार हैरतंगेज है। यह अनूठी
संरचना दुनिया में अपने तरह की पहली संरचना है।
13Aug-2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें