राज्यसभा में पारित हुआ चार प्रस्ताव के साथ जम्मू-कश्मीर
पुनर्गठन विधेयक
विधेयक
को संसद की मंजूरी मिलने राज्य से बनेंगे दो संघशासित प्रदेश
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आखिर
मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 व 35ए हटाकर एक
ऐतिहासिक फैसला लिया। राष्ट्रपति द्वारा जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान लागू
करने के जारी आदेश के बाद सोमवार को राज्यसभा में पेश किये गये धारा 370 समेत चार
प्रस्ताव के साथ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को 61 मतों के मुकाबले 125 मतों से मंजूरी
मिल गई है। इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद राज्य जम्मू-कश्मीर और
लद्धाख के रूप में दो संघशासित प्रदेश बन जाएंगे।
राज्यसभा
में सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पर लिये
गये फैसलों, जिनमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी
खंडों को हटाने और राज्य का विभाजन करने का प्रस्ताव, जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो
केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव, जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र
की अपनी विधायिका के बारे में प्रस्ताव तथा लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्र शासित
क्षेत्र होने के बारे में प्रस्ताव के साथ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के अलावा
जम्मू-कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) विधेयक पेश किया गया। जम्मू-कश्मीर से हटाई
गई धारा 370 व 35ए के विरोध में सदन में कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने जमकर
हंगामा भी किया, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर से संबन्धित प्रस्तावों और विधेयकों को पर
एक साथ चर्चा की गई। चर्चा के बाद पहले जम्मू-कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया। इसके
बाद चार प्रस्तावों के साथ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर विपक्ष ने मत विभाजन
की मांग की। मत विभाजन के बाद इस विधेयक को मंजूर मिल गई। विधेयक के पक्ष में 125 मत
और विपक्ष में 61 वोट पड़े, जबकि एक सदस्य गैर हाजिर रहा।
देश ही नहीं विपक्ष भी नजर आया
हैरान
मोदी
सरकार के राज्यसभा में सोमवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर चली आ रही अटकलों पर अचानक
सामने आए फैसलों से सदन में समूचा विपक्ष हैरान नजर आया। खासकर कांग्रेस पार्टी को
एकदम पस्त होती नजर आई जो जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दिनों से चल रही गहमा गहमी को
लेकर सरकार और उसका नेतृत्व करती आ रही भाजपा पर तरह तरह के आरोप लगा रही थी।
हालांकि सरकार के इस फैसले से माना जा रहा था कि सरकार जे एंड के से धारा 35ए
हटाने का फैसला ले सकती है, लेकिन जैसे ही अमित शाह ने केंद्र सरकार के एक साथ चार
बड़े फैसले सामने आए तो सभी अनुमान ध्वस्त होते नजर आए।
राष्ट्रपति के आदेश से तत्काल
हटी धारा 370 व 35 ए
राज्यसभा
में जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसलों के ऐलान से पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
द्वारा जम्मू-कश्मीर सरकार से संबंधित संविधान (जम्मू कश्मीर में लागू) आदेश जारी किया,
जो राज्य में भारत का संविधान तत्काल लागू करने का प्रावधान करने के कारण धारा 370
व 35ए हटाने के फैसले की पुष्टि करता है। राष्ट्रपति
द्वारा जारी संविधान आदेश जम्मू कश्मीर में लागू आदेश 1954 का स्थान लेगा। इस
संविधान आदेश के अनुसार राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 367 में उपबंध 4 जोड़ा है,
जिसमें चार बदलाव किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि संविधान या इसके उपबंधों के निर्देशों
को, उक्त राज्य के संबंध में संविधान और उसके उपबंधों को लागू करने का निर्देश माना
जाएगा। जिस व्यक्ति को राज्य की विधानसभा की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा जम्मू एवं
कश्मीर के सदर ए रियासत, जो स्थानिक रूप से पदासीन राज्य की मंत्रिपरिषद की सलाह पर
कार्य कर रहे हैं, के रूप में स्थानिक रूप से मान्यता दी गई है, उनके लिए निर्देशों
को जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के लिए निर्देश माना जाएगा। इसमें कहा गया है कि उक्त
राज्य की सरकार के निर्देशों को, उनकी मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य कर रहे जम्मू कश्मीर
के राज्यपाल के लिए निर्देशों को शामिल करता हुआ माना जाएगा।
06Aug-2019
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