
एक दिसंबर से तमाम टोलटैक्स पर होगा कैशलेस भुगतान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
से मिली नए मोटर वाहन विधेयक की मंजूरी के बाद अब केंद्र सरकार देश की यातायात
व्यवस्था को दुरस्त करने विशेषतौर पर सड़क हादसों पर लगाम कसने के लिए तेजी के साथ
सख्त कदम उठाने के लिए सक्रिय हो गई है। इसमें चार माह बाद यानि एक दिसंबर से
देशभर के सभी टोलटैक्स के भुगतान को कैशलेस करने की तैयारी की जा रही है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले चार साल से देश की यातायात व्यवस्था में
आमूलचूल परिवर्तन करके सड़क हादसों पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा है और इसी दिशा
में संसद में दो साल के प्रयासों के बाद सरकार को संसद में दो साल से लंबित पड़े
रहे सड़क सुरक्षा संबन्धी नए मोटर वाहन विधेयक को मंजूरी दिलाने में भी सफलता मिल
गई है। नए मोटर वाहन कानून के तहत मंत्रालय में यातायात संबन्धी सुधार के कामकाज
को तेजी से शुरू कर दिया गया है। इस नए कानून के संबंधित खंड में एक संशोधन के तहत
ई-टोल प्रणाली की दिशा में भी मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है, जिसके तहत राष्ट्रीय
राजमार्गो या राजमार्गो पर टोल नाको पर लगने वाले जाम को भी खत्म करने की दिशा में
ई-टोलटैक्स प्रणाली को आगामी एक दिसंबर से अनिवार्य करने की तैयारी शुरू की गई है।
मसलन कोई भी चार या उससे जयादा पहिया वाहन बिना फास्टैग के टोल प्लाजाओं से नहीं
निकल पाएंगे। यानि टोल प्लाजा की सभी लाइने ई-टोलटैक्स प्रणाली से जुड़ जाएंगी,
इसके लिए मंत्रालय के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिश निर्देश
जारी कर दिये हैं। वहीं मंत्रालय वाहन निर्माताओं को फास्टैग के साथ नए वाहनों की
बिक्री करने के भी दिशा निर्देश जारी कर चुका है। मंत्रालय के अनुसार पुराने
वाहनों के लिए भी फास्टैग स्टीकर लगाना अनिवार्य किया जा रहा रहा है, ताकि वे टोल
नाकों से बिना किसी बाधा के कैशलेस भुगतान के साथ गुजर सके। मंत्रालय के स्प्ष्ट
निर्देश हैं कि सभी टोल प्लाजाओं की सभी लाइनों को ई-भुगतान के साथ जोड़ दिया जाए
और एक दिसंबर से किसी भी टोल प्लाजा पर कैश भुगतान नहीं लिया जा सकेगा और न ही कैश
भुगतान स्वीकार किया जाएगा। इसलिए वाहन मालिकों को इससे पहले ही अपने वाहनों
फास्टैगयुक्त करना अनिवार्य होगा।
फास्टैग के साथ नए वाहन
मंत्रालय
के अनुसार देश में वाहन कंपनियां पिछले दो साल से नए वाहनों पर फास्टैग लगाकर दे
रही हैं, लेकिन उससे पहले खरीदे गये वाहनों को फास्टैग के लिए हरेक टोल प्लाजा पर
उसकी खरीद और रिचार्ज की व्यवस्थाएं भी पहले से ही कर दी गई हैं। फास्टैग की बिक्री के लिए मंत्रालय ने कई
बैंकों और पेट्रोल पंपों पर फास्टैग की बिक्री के लिए पहले से करार किये हुए हैं,
जो सरकार की ई-टोलटेक्स प्रणाली को प्रोत्साहन करने हेतु बैंकों द्वारा वाहनों के
लिए कई सुविधा संबन्धी योजनाओं को भी शुरू किया है। मंत्रालय के अनुसार फास्टैग को
रिचार्ज करने की सुविधा ऑनलाइन की जा चुकी है, जिसे टैग की खाता संख्या को नेट
बैंकिंग के जरिये डेबिट, क्रेडिट और एनइएफटी के जरिये रिचार्ज कराया जा सकता है।
क्या है फास्टैग
फास्टैग
एक प्रकार के डिवाइस के रूप में ऐसा उपकरण है, जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है और यह कार को टोल प्लाजा पर भुगतान के लिए
बिना रुके निकलने की अनुमति देता है। एक बार एक्टिव होने के बाद फास्टैग स्टीकर को
गाड़ी की विंड स्क्रीन पर चिपका दिया जाता है। फास्टैग लगी गाड़ियां जब टोल प्लाजा
पर पहुंचती हैं, तो इसमें लगे चिप से टोल प्लाजा पर लगी मशीन उसे रीड करती है, जिसके
बाद टोल गेट खुल जाता है और टोल का निर्धारित शुल्क फास्टैग में जमा पैसे से काट लिया
जाता है।
04Aug-2019
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