हरियाणा
सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने दी सहमति
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
हरियाणा
में सिंधु घाटी सभ्यता के विश्व के प्राचीनतम पुरातात्त्विक स्थल 'राखी गढी' को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के हरियाणा सरकार
के प्रस्ताव पर केंद्र ने सहमति दे दी है।
नई दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित 'पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन' में हरियाणा के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री रामबिलास
शर्मा ने 'राखी गढी' को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप
में विकसित किए जाने की दिशा में केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के समक्ष
प्रस्ताव किया। हरियाणा के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री ने कहा कि हरियाणा में स्थित महत्वपूर्ण
पुरातात्त्विक स्थल 'राखी गढी' सिंधु घाटी सभ्यता का विश्व का सबसे प्राचीन
स्थल है। 'राखी गढी' को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप
में विकसित किए जाने की दिशा में सर्वप्रथम राष्ट्रीय स्तर पर एक सेमिनार किया जाए।
हरियाणा के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा के इस प्रस्ताव पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सिंधु घाटी सभ्यता के विश्व
के प्राचीनतम पुरातात्त्विक स्थल 'राखी गढी' को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल के रूप
में विकसित किए जाने के बारे में सहमति दे दी है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय
पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित 'पर्यटन मंत्रियों
का राष्ट्रीय सम्मेलन' में विभिन्न राज्यों
के पर्यटन मंत्रियों द्वारा उनके राज्यों में पर्यटन विकास की संभावनाओं के बारे में
विववरण कर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय से प्रस्ताव किए गए। इसके तहत ही हरियाणा की ओर से भी विश्व के प्राचीनतम पुरातात्त्विक स्थल 'राखी गढी ' को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव
किया गया।
'वन स्टॉप' ईकाइ का शुभारंभ
इस
'पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन'
में
केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि देश में पर्यटन विकास
का व्यापक विजन रखते हुए राज्यों से अपेक्षित कार्यों के संदर्भ में राज्यों के पर्यटन
मंत्रियों के साथ गहनता से विचार-विमर्श किया। इस सम्मेलन में पर्यटन सेवाओं संबधी सूचनाओं
के संदर्भ में 'वन स्टॉप' ईकाइ का शुभारंभ किया। 'वन स्टॉप' ईकाइ से घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को
सूचनाएं व सहायता उपलब्ध हो सकेंगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट www.incredibleindia.org के
हिंदी रूपांतरण का शुभारंभ किया गया। एतिहासिक व पुरातात्त्विक महत्वयुक्त विभिन्न
प्रतिष्ठित स्थलों पर पर्यटन को और अधिक विकसित किए जाने की दिशा में निजी क्षेत्र
के साथ विभिन्न समझौता ज्ञापन भी किए गए। इस 'पर्यटन मंत्रियों
का राष्ट्रीय सम्मेलन' में केंद्रीय पर्यटन
मंत्रालय द्वारा 'साहसिक पर्यटन ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया' के साथ 'भारतीय साहसिक पर्यटन दिशानिर्देश-2018' जारी किए गए। केंद्रीय पर्यटन
मंत्रालय द्वारा अतुल्य भारत पर्यटन सहयोगी प्रमाणन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
अतुल्य भारत बेड एवं ब्रेकफास्ट स्थापनाओं और अतुल्य भारत होमस्टे स्थापनाओं के वर्गीकरण
के संदर्भ में संशोधित किए गए दिशानिर्देश जारी किए गए।
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उत्तराखंड के कई पर्यटक स्थ्लों को गोद लिया
नई
दिल्ली में आयोजित 'पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन' में केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल द्वारा अपनी धरोहर,
अपनी
पहचान योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड में चैरासी कुटिया, ऋषिकेष एवं नारायण कोटि मन्दिर, रूद्रप्रयाग समूह को गोद लिये जाने पर स्वामित्वों
को समझौता पत्र दिया गया। इस मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा
एएसआई से सम्बन्धित चर्चा पर राष्ट्रीय सम्मेलन में केन्द्रीय पर्यटन मंत्री को अवगत
कराया कि उत्तराखण्ड राज्य में मन्दिरों का समूह है कई घरों/मकानों के स्वामियों द्वारा
अवगत कराया गया है कि उनकी भूमि एएसआई के अंतर्गत आने के कारण
वे घरों/मकानों का पुर्ननिमार्ण नही कर पाते है जिससे बरसात के मौसम में रखरखाव न होने
के कारण बहुत क्षति का सामना करना पडता है।
सतपाल महाराज द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड
राज्य द्वारा उत्तराखण्ड गृह आवास होम स्टे पंजीकरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष
2019-20 हेतु 2000 इकाईयों के पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित के
साथ आतिथि तक 1484 इकाईयों का पंजीकरण
किया जा चुका है। सतपाल महाराज,
पर्यटन
मंत्री द्वारा पर्यटन की वेब आधारित एप्लीकेशन के माध्यम से पर्यटन सम्बन्धी सेवाओं
सूचना प्रचार-प्रसार सहित एक व्यापक ‘वन स्टॉप’ समाधान विकसित करने और टविट्रर तथा
चारधाम यात्रा हेतु हेल्पलाइन नम्बर के माध्यम से शिकायत निपटान से सम्बन्धित सूचना
प्रस्तुत की। भविष्य में डिजास्टर मैनेजमेन्ट को भी सम्मिलित करने का प्रस्ताव दिया।
उन्होंने प्रसाद एवं स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत कार्यो का विवरण
भारत सरकार को दिया गया। अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड राज्य में भारी बरसात एवं बर्फ
पड़ने के कारण प्रसाद एवं स्वदेश दर्शन योजना की अवधि बढ़ायी जाये, जिससे योजना के अन्तर्गत कार्य पूर्ण किया जा सके। इसके अतिरिक्त श्री महाराज
द्वारा उत्तराखण्ड में महाभारत सर्किट को स्वीकृति देने हेतु बल दिया।
21Aug-2019
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