हरियाणा
समेत पांच राज्यों में हालात की समीक्षा बैठक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
उत्तर
भारत के राज्यों में बनी बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है,
जिसके लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में विशेष रूप से हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,
पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की गई। वहीं हर स्थिति
से निपटने के लिए दिशा निर्देश जारी किये गये।
गृह मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को कैबिनेट सचिव पीके
सिन्हा की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति यानि एनसीएमसी बैठक में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली में बाढ़ की मौजूदा स्थिति पर गौर किया गया। कैबिनेट सचिव ने मौजूदा हालत,
तैयारी, बचाव और राहत गतिविधियों का जायजा लिया और संकट
का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकारों की जरूरतों के अनुसार तुरंत सहायता पहुंचाने
का निर्देश दिया। गौरतलब है कि अब तक इन राज्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)
की 28 टीमें बुलाई गई
हैं। इसके अलावा सेनाऔर वायु सेना की सहायता भी ली जा रही है। आपातकालीन स्थिति से
निपटने के लिए अतिरिक्त टीमें तैयार रखी गई हैं। उधर मौसम विभाग ने कहा है कि
पिछले कुछ दिनों से इन राज्यों में भारी वर्षा होती रही है और आने वाले दिनों में
इसमें कमी आने की संभावना है। प्रभावित राज्यों को राज्य आपदा मोचन निधि से उपलब्ध
आवश्यक वित्तीय सहायता देने के आदेश भी जारी किए गए हैं। इस बैठक में गृह मंत्रालय,
रक्षा
मंत्रालय, एनडीआरएफ, एनडीएमएऔर केन्द्रीय जल आयोग के वरिष्ठ अधिकारी
भी शामिल
हुए। जबकि राज्य सरकारों के प्रमुख सचिव और अन्य आला अधिकारियों ने
वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।
तीन
राज्यों को को 4432.10 करोड़ की केंद्रीय सहायता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता
में उच्च स्तरीय समिति ने तीन राज्यों ओडिशा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के प्रस्ताव पर राज्यों
में वर्ष 2018-19 के सूखे(रबी), हिमस्खलन, ओलावृष्टि, भूस्खलन और चक्रवात 'फानी' जैसी आपदा के कारण नुकसान का आकलन के आधार पर अतिरिक्त केंद्रीय सहायता पर विचार किया गया। समिति ने विचार करने
के बाद तीनों राज्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ)
से 4432.10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त
केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी। इसमें चक्रवात फानी के लिए ओडिशा
को 3338.22 करोड़ रुपये, कर्नाटक को सूखे के लिए 1029.39 करोड़ रुपये और हिमाचल
प्रदेश को हिमस्खलन और ओलावृष्टि के लिए 64.49 करोड़ रुपये दिए
गए। इस
बैठक में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण,
केंद्रीय
कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और
पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा गृह मंत्रालय, वित्त, कृषि और एनआईटीएयोग के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
मंत्रालय के अनुसार यह अतिरिक्त आश्वासन राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष
(एसडीआरएफ) में केंद्र द्वारा राज्यों को जारी किए गए धन के ऊपर और ऊपर राज्यों के
निपटान में पहले से ही रखा गया है। 2018-19 के दौरान केंद्र ने सभी राज्यों को
9,658 करोड़ रुपये जारी किए थे
और 2019-20 के दौरान अब तक केंद्र ने एसडीआरएफ
से 24 राज्यों को 6,104 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
केंद्रीय
टीम का गठन होगा
उच्च स्तरीय समिति ने किसी भी गंभीर आपदा के मद्देनजर
राज्य से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद एक इंटर-मिनिस्ट्रियल
सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) की तैनाती के लिए मौजूदा प्रथा की भी समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा
लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय में इस टीम को गंभीर प्रकृति की
किसी भी प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद गठित होने वाली टीम राज्य
में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी, ताकि नुकसान का पहला आकलन
और राहत कार्य हो सके। इस निर्णय के अनुरूप गृह मंत्रालय ने असम, मेघालय, त्रिपुरा,
बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश,
गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र,
कर्नाटक
और केरल को हाल ही में बाढ़ से प्रभावित होने वाले राज्यों में इस टीम का गठन और प्रतिनियुक्ति करेगा।
21Aug-2019
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