बुधवार, 28 अगस्त 2019

आतंकवाद के बाद अब नक्सलियों पर नकेल की तैयारी



गृहमंत्री शाह ने की नक्सल प्रभावित राज्यों के साथ चर्चा
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के बाद अब नक्सलियों पर नकेल की तैयारी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद के खात्मे के बाद अब नक्सलवाद पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी मकसद से गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विस्तार से चर्चा की, ताकि नक्सवाल की समस्या से निपटने के लिए सख्त रोड़मैप तैयार किया जा सके।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को वामपंथी उग्रवाद यानि नक्सलवाद पर केंद्र सरकार के कई मंत्रियों, नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्य मंत्रियों, मुख्य सचिवों तथा केंद्र व राज्यों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस नए भारत के निर्माण का सकंल्प करके आगे बढ़ रहे हैं उसमें वामपंथी उग्रवाद के लिये कोई जगह नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद पिछले कुछ दशकों से देश के सामने बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करता और वामपंथी उग्रवादी सत्ता हथियाने एवं अपने लाभ के लिए सबसे कम विकसित क्षेत्रों में निर्दोष लोगों को गुमराह करते हैं। इसलिए नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए उन्हे उपलब्ध होने वाले धन को रोकना आधारभूत मंत्र होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि बंदूक के बल पर विकास और लोकतंत्र को झुकाने में वामपंथी उग्रवाद को कभी सफलता नहीं मिलेगी। इस बैठक में शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के अंतर्गत जो निर्दोष फंसे हैं उन्हें उग्रवाद की धारा से मुख्यधारा में वापस लाना जरूरी है और उनके आत्मसमर्पण को बढ़ावा देना चाहिये। उनका कहना था कि इस प्रकार हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नये भारत की परिकल्पना को साकार करना है| केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एक तय समय सीमा में वामपंथी उग्रवाद के समूल निवारण तथा क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिये कृत संकल्प है।
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए वर्ष 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना बनाई गई थी इसमें सुरक्षा से संबंधित उपायों के साथ-साथ विकास के कार्यों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकधारियों को सुनिश्चित करना इत्यादि शामिल है। उनका कहना था कि 2015 की राष्ट्रीय नीति के अंतर्गत स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्यों में स्थानीय पुलिस की सतर्कता और दक्षता के बिना वामपंथी उग्रवाद समाप्त नहीं किया जा सकता, इसलिये उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों की प्रमुख योजनाओं के अलावा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशिष्ट पहल में प्रमुख तौर पर सड़क एवं टेलीकॉम कनेक्टिविटी में सुधार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा शिक्षा शामिल करने की बात कही है। उन्होंने एकलव्य मॉडल के अंतर्गत खोले जाने वाले स्कूलों की गति तेज करने, साथ ही सभी नागरिकों को 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर बल दिया। इस बैठक में उन्होंने राज्य सरकारों को विश्वास दिलाया की वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल करने में केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को माओवादियों से निपटने के लिये सक्रिय रणनीति बनाने का समय आ गया है और आतंक की घटनाओं को हर कीमत पर टालना जरूरी है। शाह का कहना था कि विगत वर्षों में आईडी की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ है जिन्हें रोकने के लिए सभी उपायों को लागू करना होगा। बैठक में केन्द्र सरकार के वित्त, सड़क परिवहन और राजमार्ग, कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कौशल विकास और उद्यमिता, जनजातीय मामले, गृह राज्य मंत्री, के अलावा मध्यप्रदेश से सीएम कमलनाथ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और झारखंड के सीएम रघुबर दास शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में डीजी आईटीबीपी, डीजी सीआरपीएफ, डीजी बीएसएफ, डीजी एनआईए भी शामिल हुए।
नक्सल गतिविधियों में आई कमी
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद में पहले से काफी गिरावट आई है। उनका कहना था कि जहाँ 2009 में वामपंथी उग्रवाद की 2258 घटनायें हुईं वहीं 2018 में घटकर 833 हुई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल केवल 60 जिलों में वामपंथी उग्रवाद की घटना नोट की गई है और इस कमी में राज्य सरकार, राज्य के सुरक्षा बल तथा केंद्रीय बलों के संयुक्त प्रयासों से सफलता प्राप्त हुई है। उन्होँने कहा कि हमें समन्वय के साथ काम करना होगा तभी वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल किया जा सकता है। शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के लिए उन्हे उपलब्ध होने वाले धन को रोकना आधारभूत मंत्र है और इसके द्वारा उनके रहने, खाने-पीने, घूमने, हथियारों की खरीद, ट्रेनिंग आदि व्यवस्थाओं को रोका जा सकता है| गृह मंत्री ने कहा कि मेरा यह मानना है कि वामपंथी उग्रवाद की घटनाएँ निरंतर कम हो रही हैं इसे खत्म करने का प्रयास उसी तरह से जारी रहना चाहिये।
27Aug-2019

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें