2020 तक हादसों में मौतों को आधा करने का लक्ष्य
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश
में यातायात के उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने और सजा के प्रावधान वाले नए मोटर
वाहन कानून के लागू होने से सड़क सुरक्षा को बल
मिलेगा। वहीं इस कानून के बाद अब भारत की 2020 तक सड़क हादसों में मौतों को
50 फीसदी कमी लाने वाली यूएन में हस्ताक्षरित प्रतिबद्धता को पूरा किया जा सकेगा।
ऐसी उम्मीद दुनिया भर में बेहतर और अधिक सुरक्षित
सड़क यातायात की दिशा में काम करने वाली संस्था जिनेवा की संस्था
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) ने जताई है। फेडरेशन के अवकाश
प्राप्त अध्यक्ष एवं यातायात बुनियादी ढांचे पर फिक्की की राष्ट्रीय
समिति के को-चेयरपर्सन के.के. कपिला ने
सोमवार को एक बयान में संसद में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम पारित होने
के बाद उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने का स्वागत
करते हुए कहा कि इस विधेयक में भारी जुर्माना राशि के प्रावधान होने
से यातायात के नियमों का अधिक पालन होगा और देश में सड़क दुर्घटनाओं में
निश्चिततौर पर भारी कमी आएगी। कपिला ने कहा कि इस समय दुनिया भर में भारत की सड़कों पर हर वर्ष सर्वाधिक 5 लाख से अधिक दुर्घटनाओं में करीब 1.47 लाख लोग मौत के मुहुं में समा जाते हैं, जिसका
कारण यातायात नियमों को बड़े पैमाने पर हो
रहे उल्लंघन रहा है। अब मोटर वाहन संशोधन विधेयक में भारी जुर्माने व
सजा के प्रावधन के कारण वाहन चालक सतर्कता बरत सकेंगे। कपिला ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में यातायात नियमों
का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए कैमरे की मदद लेने और भारी जुर्मान लगाने के
प्रावधानों से नियमों का अधिक पालन होगा और भ्रष्टाचार पर भी लगाम कसेगी। उन्होंने कहा कि जुर्माने के नए प्रावधानों में खासकर
बच्चों द्वारा गाड़ी चलाए जाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने,
बहुत
तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने और तय सीमा से अधिक वजन ढ़ोने जैसे अपराध शामिल किए गए
हैं। हेलमेट के बगैर बाइक चलाने पर भी पहले से अधिक जुर्माने का प्रावधान है। सड़क का
इस्तेमाल करने वालों के व्यवहार को नियंत्रित करने के प्रावधानों के कारण भारत में
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत तथा चोटों में कमी आएगी।
ड्राइविंग सिस्टम सुधरेगा
कपिला ने कहा कि विधेयक
देश में ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान करने की खराब व्यवस्था को सुधारने में भी मदद करेगा, क्योंकि इसमें तकनीक का अधिक प्रयोग होगा तथा परीक्षा लेने वाले से अभ्यर्थी
सीधे नहीं मिलेगा, पूरे परीक्षण की
रिकॉर्डिंग होगी और हमारे पास अधिक प्रशिक्षित ड्राइवर होंगे। जहां तक भारी मोटर वाहनों
के चालकों की बात है तो उन्हें हर दो साल में परीक्षा देनी होगी। यदि कोई ड्राइवर के
तौर पर फिट नहीं है तो उसे प्रशिक्षण लेकर लौटना होगा। इस तरह कुछ अरसे बाद हमारे पास
केवल अच्छी तरह प्रशिक्षित ड्राइवर ही होंगे। दोबारा परीक्षा लेने की यह कवायद मोटर
वाहन चलाने वाले सभी ड्राइवरों के लिए करनी होगी। छोटे मोटर वाहन श्रेणी में आने वाले
वाहनों के ड्राइवरों के लिए यह अवधि बढ़ाकर 3 से 5 वर्ष की जा सकती है।
सुरक्षित
होंगे सड़क डिजाइन
उन्होंने कहा कि सड़क डिजाइन
करने, बनाने, इंजीनियरिंग तथा रखरखाव की सुविधा प्रदान करने
वाली कंपनियों के लिए भी सख्त जुर्माने के प्रावधान से सड़कों में शामिल सभी लोग अधिक
सतर्क तथा सावधान हो जाएंगे, जिसके साथ सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की
जवाबदेही तय करना भी संभव है। उन्होंने कहा कि मोटर वाहन संशोधन
विधेयक देश में सड़क सुरक्षा सुधारने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में
अहम कदम है। विधेयक पारित होने से देश में सड़क सुरक्षा से संबंधित विधायी ढांचे की
बड़ी खामियां दूर करने में मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र ब्रासीलिया घोषणापत्र पर हस्ताक्षर
करने के कारण भारत 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं
में मौतों का आंकड़ा 50 प्रतिशत तक घटाने
के लिए संकल्पबद्ध है।
20Aug-2019
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