आवश्यक सामान लदे ट्रकों को
नाकेबंदी पर न रोके राज्य: गडकरी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत
करने की दिशा में चल रही विकास खासकर सड़क परियोजनाओं पर अचानक कोरोना वायरस के
संकट के कारण लॉकडाउन का ब्रेक लग गया था। देश थमी सड़क निर्माण की परियोजनाओं को
फिर से पटरी पर लाने की दिशा में केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ चर्चा करके 2-3
गुना से ज्यादा गति से आगे बढ़ाने की योजना पर बल दिया गया।
देश में कोरोना वायरस के कारण
लॉकडाउन होने से देशभर में बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं ठप हो गई थी, जिसमें
केंद्रीय गृहमंत्रालय के पिछले सप्ताह जारी दिशानिर्देशों में निर्माण कार्यो को
लॉकडाउन से उपायों के साथ छूट देने का निर्णय लिया गया। इसके लिए राज्यों के साथ
सहमति बनाने की दिशा में मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री
नितिन गडकरी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए राज्यों के परिवहन एवं लोक निर्माण विभाग
मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में बुनियादी ढांचों जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग
एवं अन्य सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने और
स्वीकृत धनराशि का उपयोग करने का अनुरोध किया। गडकरी ने राज्यों को बताया कि भूमि
अधिग्रहण समेत सड़क निर्माण को गति देने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये आंवटित किये
गये हैं, जिसके तहत देश में सड़क निर्माण की गति को दो-तीन गुणा बढ़ाकर परियोजनाओं
को लागे करने की योजना है, जिसके लिए राज्यों से इस दिशा में सक्रिय रहने पर बल
दिया, क्योंकि देश के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए सड़क निर्माण को बढ़ावा
देना आवश्यक है। बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य
मंत्री, जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी
मौजूद थे। राज्यों के परिवहन और पीडब्ल्यूडी मंत्रियों व उप-मुख्यमंत्रियों के अलावा मिजोरम, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने
भी इसमें हिस्सा लिया, जिनके साथ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
के सचिव, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल
आदि के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
आवश्यक सामग्री की आपूर्ति
जरुरी
इस दौरान राज्यों के परिवहन
मंत्रियों के साथ हुई चर्चा के दौरान गडकरी ने कोराना वायरस महामारी के दौरान सार्वजनिक जीवन को आसान बनाने के लिए
आवश्यक सामानों की आपूर्ति करने वाले माल वाहक वाहन ट्रकों व लोरियों के अंतरराज्यीय सीमा पर बने नाकों पर न रोकने
का अनुरोध भी किया गया। राज्यों से कहा गया कि लॉकडाउन में आवश्यक सामग्रियों की
आपूर्ति को ज्यादा से ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएं। नितिन गडकरी ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया, ताकि ऐसे
मालवाहक वाहनों की आवाजाही में बाधा न आ सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर, नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने के लिए ट्रक/लॉरी के आवागमन
को सुविधाजनक बनाने पर तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। गडकरी ने मंत्रियों से
ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने और स्थानीय/ जिला प्रशासनों के माध्यम से इन प्रस्तावों
को सुनिश्चित करवाने का आग्रह किया। उसी समय उन्होंने ड्राइवरों/ क्लीनरों और ढाबों के द्वारा स्वास्थ्य सलाहों और अन्य दिशा-निर्देशों
का पालन करने की जरूरत के बारे में भी बताया, जैसे उचित सामाजिक दूरी अपनाना, मास्क पहनना, सैनिटाइज़र का उपयोग करना आदि। गडकरी ने कहा कि श्रमिकों
को कारखानों आदि में लाने वाले परिवहन में स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का विधिवत रूप से पालन
किया जाना चाहिए, जैसे एक मीटर की न्यूनतम दूरी
बनाए रखना, मास्क पहनना, सैनिटाइजर का उपयोग करना आदि। उन्होंने कहा कि सामाजिक
दूरी और स्वच्छता के मानदंडों का पूरी तरह से पालन करते हुए श्रमिकों के लिए भोजन और
आश्रय की व्यवस्था को सुनिश्चित की जा सकती है।
अटकी परियोजनाओं की बाधा दूर करने पर बल
उन्होंने जानकारी दी कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान
मंत्रालय द्वारा किए जा रहे कार्यों का प्रदर्शन करते हुए एक प्रस्तुति दी गई। यह कहा
गया कि 5,89,648 करोड़ रुपये की लागत वाली
49,238 किलोमीटर की दूरी वाली 1,315 परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनमें से 3,06,250 करोड़ रुपये की लागत वाली
30,301 किलोमीटर की दूरी वाली 819 परियोजनाओं में देरी हुई है। यह राज्य-विशिष्ट मुद्दों, जैसे लंबित भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी आदि को भी दर्शाता है जिसके कारण परियोजना के कार्यान्वयन में
देरी हो रही है। प्रतिभागी राज्यों को राजमार्ग क्षेत्र के सामने उत्पन्न होने वाली
कठिनाइयों को कम करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी सुझाव दिया गया।
एप आधारित टैक्सियों का सुझाव
इस बैठक में गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य के परिवहन
मंत्रियों को ऐप-आधारित दोपहिया टैक्सियों का संचालन करना चाहिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जो कि किसानों के सुचारू आवागमन में सहायता प्रदान करेंगे।
इससे रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे। वे सार्वजनिक परिवहन को एलएनजी और सीएनजी, ई-वाहनों में परिवर्तित करने की भी कोशिश कर सकते हैं, जो ईंधन के बिलों में बहुत हद तक
बचत करेगा और कम/ शून्य प्रदूषणकारी ईंधन होने के कारण पर्यावरण को भी मदद पहुंचाएगा।
29Apr-2020