जनता कर्फ्यू के बाद 13 दिनों से निरंतर हो
रही आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस के संकट के कारण पूरे देश में लागू लॉकडान
के दौरान नागरिकों के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए
भारतीय रेलवे चौबीसों घंटे ढुलाई करके मालगाड़ियों को चला रहा है। रेलवे की
मालगाड़ियों में पिछले 13 दिनों में चीनी, नमक और खाद्य तेल की 2678 वैगनों में
ढुलाई की गई है।

चीनी की हुई सर्वाधिक ढुलाई
रेल मंत्रालय के अनुसार लॉकडाउन के दौरान
इन 13 दिनों में 24 मार्च और दो अप्रैल का चीनी का लदान या ढुलाई नहीं हुई, जबकि
बाकी दिनों में आवश्यक वस्तुओं में मांग के आधार पर चीनी की रेक के सर्वाधिक 1342
वैगनों से आपूर्ति की गई। जबकि 958 नमक के वैगनों से हुई आपूर्ति में एक अप्रैल को
नहीं हो सकी और इस दौरान खाद्य तेल की 378 टैंकों में हुए लदान के बाद केवल छह दिन
आपूर्ति की गई।
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कोरोना संकट में रेलवे वेंडरों
को भी आर्थिक राहत दे सरकार
भातरीय रेलवे खान-पान लाईसेंसीज वेल
फेयरएसोसिएशन ने की मांग
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोविद-19 के कहर के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन में
सभी यात्री रेल सेवा ठप है और ऐसे में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने वाले खान-पान लाइसेंन्सीज
आर्थिक तंगी में है। इसलिए केंद्र सरकार वेंडरों यानि लाइसेंन्सीज की
लाइसेंस फीस में राहत देने का ऐलान करें।
केंद्र सरकार में रेल मंत्री
पीयूष गोयल और अध्यक्ष रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव को इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए अखिल भारतीय रेलवे खान-पान
लाइसेंन्सीज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवीन्द्र गुप्ता ने एक पत्र लिखा
है। रेल मंत्री पीयूष गोयल को संबोधित इस पत्र में गुप्ता ने आग्रह किया हे कि
रेलवे स्टेशन पर खान-पान की व्यवस्था करने वाले सभी छोटे लाइसेंसधारियों
ने लाइसेंस शुल्क की काफी राशि जमा की है। जब रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के न होने के कारण उनके कारोबार
भी ठप हैं तो ऐसे में वेंडरोंको आर्थिक मदद की करने की दिशा में तत्काल निर्णय लेने
और अनुबंधों के अनुसार समय-समय पर लाइसेंस शुल्क और 18 प्रतिशत जीएसटी माफ करने के निर्देश जारी करने
का अनुरोध
भी किया गया है। गुप्ता ने कहा कि देश में कोरोना संकट के
समय वित्त मंत्रालय ने इस तथ्य पर ध्यान दिया है कि जरूरतमंद लोगों को
वित्तीय मदद जुटाई जा रही है और इस तरह के भीषण संकट के दिनों में कमजोर वर्गों और
दिहाड़ी मजदूरों के लिए विभिन्न राहत पैकेजों की घोषणा की है। भारतीय रेलवे खान-पान
लाइसेंन्सीज वेलफेयर एसोसिएशन भी इस व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों की मदद के लिए उपाय
चाहता है, क्योंकि खान-पान
के सम्पूर्ण स्टाल, रेहडी, खोमचे, ट्रालियाँ इत्यादि सभी बन्द हैं जिसका लाखों
वैंडर कर्मियों और उनके परिवारों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
लाइसेंस फीस व जीएसटी माफ हो
एसोसिएशन ने तर्क दिया है कि रेल मंत्रालय ने नुकसान-घाटे में छूट दी है और मजदूरी के भुगतान के लिए वित्त
मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं। जबकि छोटे कैटरिंग वेंडिंग लाइसेंसीज ने मार्च तक
लाइसेंस शुल्क के साथ-साथ जीएसटी के साथ जमा करावाई हुई है। गुप्ता ने कहा कि एसोसिएशन
रेलवे के लाखों वेंडिंग वेंडरों के परिवारों की मदद के लिए कार्य करने जुटी
हुई है। ऐसोसिएशन के अध्यक्ष ने रेल मंत्रालय को अवगत कराया
है कि लॉकडाउन के तुरंत बाद एसोसिएशन ने सभी एहतियाती कदम उठाने के लिए
भारतीय रेलवे प्लेटफॉर्म नेटवर्क पर काम करने वाले सभी छोटे लाइसेंसधारियों और उनके
विक्रेताओं को एडवाइजरी जारी की है। इसलिए रेल
मंत्रालय को रेल सेवाएं पूर्णत: ठप होने के मद्देनजर बंद पड़े तमाम कैटरिंग
वेंडिंग स्टॉलों, ट्रॉलियों, ट्रे और लाखों विक्रेताओं के कामगारों और उनके
परिवारों की मदद की दिशा में उनकी लाइसेंस फीस और जीएसटी माफ करके उन्हें भी वित्तीय लाभ देकर
राहत देना जरुरी है।
06Apr-2020
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