
भारतीय रेलवे देशभर में दो मिलियन से ज्यादा लोगों को खिला चुका है भोजन
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना संकट के कारण पूरे देश
में लॉकडाउन के दौरान दो मिलियन से ज्यादा गरीबों,असहाय और जररुतमंद लोगों को
मुफ्त में भोजन खिलाने के लिए उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारतीय रेलवे की
जमकर तारीफ की है। भारतीय रेलवे लॉकडाउन के दौरान दो मिलियन से ज्यादा लोगों को
मुफ्त खाना खिला चुका है।
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते
प्रकोप के कारण लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेलवे लगातार हर रोज गरीबों, दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी, बच्चे, कुली तथा अन्य जरुरतमंदों का दोपहर और शाम का ताजा भोजन
मुहैया करा रहा है। अब तक देशभर में करीब 300 जगहों पर इस व्यवस्था के तहत भारतीय
रेलवे 20 लाख से भी ज्यादा ऐसे लोगों को भोजन खिला चुका है और इस सामाजिक सेवा के
सिलसिले को लगातार जारी रखे हुए है। भारतीय रेलवे की इस प्रकार की सामाजिक सेवा के
लिए उपराष्ट्रपति
एम. वेंकैया नायडू ने जमकर तारीफ की है।
रेल
मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया
कि भारतीय
रेलवे के इस
पुण्य कार्य की प्रशंसा में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया है। गौरतलब है कि आईआरसीटीसी के बेस किचन और बाकी जगहों से खाना बनवाकर आरपीएफ, रेलवे स्टाफ और गैर सरकारी संगठनों की मदद से लोगों तक
खाना पहुंचाया जा रहा है। इस महामारी
के संकट
में भारतीय रेलवे के इन प्रयासों से दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों, प्रतिस्थापित मजदूरों, कुली, बच्चों व बेघर और अन्य जरुरतमंद लोगों को बहुत राहत मिली है।
सुरक्षाकर्मियों को पानी
की सुविधा
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय
रेलवे की समाजसेवा की भावना के तहत आईआरसीटीसी, आरपीएफ, जोनल रेलवे जैसे रेलवे संगठनों की मदद से भारतीय रेलवे
और अन्य लोगों ने एक एकीकृत तरीके से कोराना के खिलाफ लड़ाई की रेलवे की प्रतिबद्धता को जीवित रखने के लिए अथक प्रयास किया
है। रेलवे
ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के खिलाफ जंग में सड़कों पर अपनी डयूटी कर
रहे दिल्ली
पुलिस के जवानों को प्रतिदिन 10 हजार पीने
के पानी की
बोतलें मुहैया कराना शुरू किया है। अब तक पचास हजार पानी की बोतलें वितरित जा चुकी हैं।
गर्म ग्रीष्मकाल और जमीन पर स्थितियों की कोशिश
करते हुए, इन पुलिस पुरुषों ने चौबीसों घंटे
काम किया है ताकि न केवल यह सुनिश्चित किया जा सके कि लॉक डाउन को आवश्यक रूप से लागू
किया जा सके, बल्कि विभिन्न स्थानों में
डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी काम किया जा सके।
22Apr-2020
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