रेलवे ने करोड़ो गरीबों को तीन माह के अनाज की आपूर्ति को बनाया आसान
हरियाणा व पंजाब से 70 फीसदी अनाज तेरह राज्यों तक पहुंचा

देश में कोविड-19 के कहर से पूरे देश में जारी लॉकडाउन के कारण बंद परिवहन सेवाओं के बावजूद भारतीय रेलवे की मालगाड़ियां चौबीसों घंटे आवश्यक सामान की ढुलाई कर रही हैं और खाद्यान्न तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को टूटने नहीं दिया। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार की माने तो उत्तर रेलवे द्वारा देश के कम अनाज वाले 13 राज्यों में जितने अनाज की ढुलाई करके आपूर्ति की है उसें 70 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न यातायात हरियाणा और पंजाब राज्यों से प्राप्त किया गया। जबकि लॉकडाउन के तुरंत बाद उत्तर रेलवे और भारतीय खाद्य निगम को श्रमिकों और ट्रकों की आवाजाही से संबंधित कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा है। हालांकि समाधान के लिए उत्तर रेलवे परिचालन दल में मुख्यालय स्तर पर प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक, मुख्य मालभाड़ा परिचालन प्रबंधक के साथ-साथ लखनऊ, मुरादाबाद, अंबाला, फ़िरोज़पुर और दिल्ली मंडलों के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, मंडल परिचालन प्रबंधक और सहायक परिचालन प्रबंधकों की निगरानी की जा रही है। रेलवे जरूरतमंद राज्यों तक खाद्यान्न की ढुलाई सुनिश्चित करके गरीबों को वितरित किये जाने वाले करोड़ो पीडीएस अनाज की आपूर्ति श्रृंखला बरकरार बना रहा है। इसमें रेलवे कर्मचारियों और भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारी खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति करने में जुटे हुए हैं।
हरियाणा व पंजाब से 70 फीसदी अनाज तेरह राज्यों तक पहुंचा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे द्वारा कोरोना वायरस के संकट
के कारण पूरे देश में लागू लॉकडाउन के दौरान देशभर में खाद्यान्न, चीनी, नमक,
खाद्य तेल जैसे आवश्यक सामान की आपूर्ति की जा रही है। देशभर में पूरी ताकत से
जुटे रेलवे कर्मचारियों को देश के करोड़ो गरीबों के लिए मसीहा कहा जा रहा है, जो
उनके लिए जोखिम उठाकर निवाले के का इंतजाम करने में प्रयासरत हैं। अकेले उत्तर
रेलवे ने 13 राज्यों में गरीबों को तीन माह का वितरित किये जाने वाला पीडीएस के 6 लाख टन गेहूं और चावल की ढुलाई की है, जिसमें
70 फीसदी अनाज हरियाणा व पंजाब से लादा गया है।

देश में कोविड-19 के कहर से पूरे देश में जारी लॉकडाउन के कारण बंद परिवहन सेवाओं के बावजूद भारतीय रेलवे की मालगाड़ियां चौबीसों घंटे आवश्यक सामान की ढुलाई कर रही हैं और खाद्यान्न तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को टूटने नहीं दिया। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार की माने तो उत्तर रेलवे द्वारा देश के कम अनाज वाले 13 राज्यों में जितने अनाज की ढुलाई करके आपूर्ति की है उसें 70 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न यातायात हरियाणा और पंजाब राज्यों से प्राप्त किया गया। जबकि लॉकडाउन के तुरंत बाद उत्तर रेलवे और भारतीय खाद्य निगम को श्रमिकों और ट्रकों की आवाजाही से संबंधित कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा है। हालांकि समाधान के लिए उत्तर रेलवे परिचालन दल में मुख्यालय स्तर पर प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक, मुख्य मालभाड़ा परिचालन प्रबंधक के साथ-साथ लखनऊ, मुरादाबाद, अंबाला, फ़िरोज़पुर और दिल्ली मंडलों के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, मंडल परिचालन प्रबंधक और सहायक परिचालन प्रबंधकों की निगरानी की जा रही है। रेलवे जरूरतमंद राज्यों तक खाद्यान्न की ढुलाई सुनिश्चित करके गरीबों को वितरित किये जाने वाले करोड़ो पीडीएस अनाज की आपूर्ति श्रृंखला बरकरार बना रहा है। इसमें रेलवे कर्मचारियों और भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारी खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति करने में जुटे हुए हैं।
आसान नहीं था खाद्यान्न आपूर्ति प्रबंधन
रेलवे के अधिकारियों की माने तो कोरोना
वायरस के कारण जब देशभर में लॉकडाउन हो और ऐसे में रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी
देश के लोगों के लिए आवश्यक सामन व खाद्यान्न की आपूर्ति करने में जुटा हुआ है।
दरअसल श्रमिकों या ट्रकों की कमी के कारण देशभर
से खाली कवर रेक की पर्याप्त आपूर्ति का प्रबंधन करना और उन्हें पंजाब और हरियाणा में
स्थानांतरित करना एक बड़ी चुनौती के रुप में सामने आई है। रेलवे
के परिचालन अधिकारी 450 सेक्शन कंट्रोलरों, पांच हजार स्टेशन मास्टरों, 400 गार्ड्स, 200 शंटिंग स्टाफ,
तीन हजार पॉइंट्समैन और लगभग एक हजार क्रू के साथ इस मुहिम के लिए दिन-रात बिना श्रमिकों और ट्रकों
की कमी के बावजूद टर्मिनलों पर खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं को अनलोडिंग/लोडिंग करा रहे हैं। हालांकि उत्तर रेलवे के
परिचालन अधिकारियों द्वारा टर्मिनल रिलीज और श्रम उपलब्धता हेतु जिला स्तर पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ राज्य
समन्वय अधिकारियों और एमएचए के साथ शीर्ष स्तर पर निरंतर समन्वय बनाकर इस
कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
इन तेरह राज्यों में पहुंचा पीडीएस अनाज
रेलवे के इन प्रयासों के कारण लॉकडाउन के
बाद यानि 25 मार्च से एक अप्रैल के आंकड़ों की जानकारी देते हुए उत्तर रेलवे के
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में परिचालन चुनौतियों के बावजूद उत्तर रेलवे ने विभिन्न राज्यों में राशन की
दुकानों पर पीडीएस खाद्यान्न की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए लदान हर दिन बढ़ोतरी दर्ज की है। इन दस दिनों के दौरान जिन 13
राज्यों में पीडीएस अनाज गेंहू व चावल की आपूर्ति की गई है उनमें बिहार
में 0.77 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 1.2 लाख टन, असम में 0.73 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 0.69 लाख टन, झारखंड में 0.21 लाख टन, जम्मू एवं कश्मीर में 0.11 लाख टन, कर्नाटक में 0.32 लाख टन, महाराष्ट्र में 0.58 लाख टन, गुजरात में 0.6 लाख टन,, नगालैंड में 0.11 लाख टन, उत्तराखंड
में 0.06 लाख टन, राजस्थान में 0.03 लाख टन और तेलंगाना में 0.03 लाख टन) समेत करीब 6 लाख टन गेहूं और
चावल की ढुलाई हुई। इस दिशा
में भारतीय खाद्य निगम ने प्रतिदिन 75 रेक में लगभग 2 लाख टन अनाज की ढुलाई की है, जोकि भारतीय रेलवे द्वारा अब तक का सर्वाधिक
खाद्यान्न लदान है।
भारतीय खाद्य निगम के साथ
समन्वय
हर महीने, भारतीय खाद्य निगम पंजाब और हरियाणा से विभिन्न
राज्यों में खाद्यान्नों की आवाजाही का कार्यक्रम देता है। तब रेलवे परिचालन व्यवहार्यता
के अनुसार खाद्यान्नों की लदान योजना को मंजूरी देता है। अनुमोदन के बाद, विभिन्न राज्यों में भारतीय खाद्य निगम द्वारा
इंडेंट दिए जाते हैं। जिन गंतव्यों को खाद्यान रेक भेजे जाने होते हैं उनकी योजना
उत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक और उप मुख्य परिचालन प्रबंधक और भारतीय खाद्य निगम
द्वारा संयुक्त रूप से बनाई जाती है। अप्रैल 2020 के महीने के लिए उत्तर रेलवे ने 763 रेक के परिचालन
को पूरे आत्मविश्वास के साथ मंजूरी दी है । इस संकट की स्थिति में देश के लोगों की
सेवा के लिए उत्तर रेलवे अपनी प्रतिबद्धता पुन: दोहराती है।
राष्ट्र की जीवन रेखा होने
के नाते, उत्तर रेलवे राष्ट्र की
सेवा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इन प्रयासों के मद्देनज़र, हम देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं
की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखना जारी रखेंगे। उत्तर रेलवे सभी नागरिकों से अनुरोध
करती है कि वे घर पर रहें और सुरक्षित रहें।
सामने आने वाली चुनौतियॉं
80 करोड़ पीडीएस लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित करने के लिए
खाद्यान्न ढुलाई के कार्य का समन्वय करना आसान काम नहीं था। पंजाब और हरियाणा से
खाद्यान्न लदान बढ़ाने के साथ-साथ खाद्यान्न की कमी वाले राज्यों को इसकी तत्काल
आपूर्ति किए जाने जरूरत थी क्योंकि सरकार ने प्रति लाभार्थी 15 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज मुफ्त देने की घोषणा
की थी। सरकार ने राज्यों को क्रेडिट पर अग्रिम में 3 महीने का अनाज उठाने की अनुमति दी थी। इसके परिणामस्वरूप उत्तर
रेलवे पर एक दिन में औसतन 15 रेक से लेकर 40 रेक तक लोडिंग आवश्यकता में अचानक वृद्धि हुई।
कोरोना के कारण कठिन कार्य स्थितियों के बीच कर्मचारियों की व्यवस्था करना और उन्हें
दिन-रात प्रेरित रखना भी अधिकारियों के लिए एक कठिन कार्य रहा है।
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आईआरसीटीसी ने बंद
की तेजस एक्सप्रेस की बुकिंग
15 से 30 अप्रैल तक बुक टिकटों का वापस
मिलेगा पैसा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में बढ़ते कोरोना वायरस का
प्रकोप के को देखते हुए तेजस एक्सप्रेस जैसी निजी ट्रेनों की बुकिंग को
तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है, जिनके लिए 15 अप्रैल के बाद यात्रियों के टिकट
बुक किये जा रहे थे।
आईआरसीटीसी के जनसंपर्क अधिकारी सिद्धार्थ
सिंह के अनुसार रेलवे की खान-पान और पर्यटन से जुड़ी कंपनी इंडियन रेलवे
कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कारपोरेशन यानि आईआरसीटीसी द्वारा भारतीय रेलवे की
तेजस एकसप्रेस जैसी कुछ प्राइवेट ट्रेनें चलाई जा रही है। कंपनी के प्रबंध निदेशक
का हवाला देते हुए सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के देश में लगातार बढ़ते प्रकोप
को देखते हुए 14 अप्रैल तक लागू लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की संभावना को देखते हुए
आईआरसीटीसी ने 15 अप्रैल के बाद तेजस एक्सप्रेस के लिए जारी टिकटों की बुकिंग के
तत्काल प्रभाव से 30 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है। गौरलतलब है कि
आईआरसीटीसी भारतीय रेलवे की तेजस जैसी प्राइवेट ट्रेनों का दिल्ली से
लखनऊ तथा अहमदाबाद से मुंबई जैसे दो व्यस्तम रेल
मार्गो पर परिचालन कर रही है। सिद्धार्थ सिंह के मुताबिक जिन लोगों ने 15 अप्रैल
से 30 अप्रैल के बीच तेजस एक्सप्रेस में इन रेल मार्गो पर यात्रा करने के लिए
टिकटों की बुकिंग की है उन्हें टिकटों की
पूरी धनराशि वापस दी जाएगी, जिसके लिए टिकटों को रद्द कराने की जरुरत नहीं है।
रेलवे नेटवर्क सुचारु करने में जुटा रेलटेल
रेल मंत्रालय मिनीरत्न पीएसयू कंपनी रेलटेल की वरिष्ठ प्रबंधक(जनसंपर्क) सुचरिता प्रधान ने मंगलवार को
जानकारी दी है कि कोरोना वायरस के प्रकोप की इस घड़ी में रेलटेल अपने
दो डेटा केंद्रों गुड़गांव और सिकंदराबाद में भारतीय रेलवे के लिए महत्वपूर्ण डेटा
संग्रहीत करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण संचार प्रणाली, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म
के कार्यान्वयन में सुचारू रखने के लिए जुटा हुआ है। कोरोना के इस संकट की स्थिति
में रेलटेल भारतीय रेलवे
और अन्य ग्राहकों के लिए निर्बाध सेवा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय कर रहा है।
08Apr-2020
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