
केंद्रीय मंत्री ने की
बंदरगाहों के पोत चालकदल से चर्चा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय बंदरगाहों
पर चालक दल के सदस्यों को बदले जाने तथा अंतरर्राष्ट्रीय जल क्षेत्रों मेंड्यूटी कर
रहे या लॉकडाउन की वजह से जहां तहां फंसे भारतीय चालक दल के सदस्यों की स्थिति का आकलन
करने के लिए जहाजरानी कंपनियों, समुद्री
परिवहन संघों और नाविकों के यूनियनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात की। वहीं मंत्रालय ने ऐलान
किया है कि कोरोना के कारण मृत्यु होने पर कर्मचारियों और श्रमिकों को 50-50 लाख
रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने
मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख भाई
मांडविया ने कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के बीच बंदरगाहों पर पोत चालक दल और
नाविकों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए चर्चा की और विभिन्न नाविक संघों के
प्रतिनिधियों का भरोसा दिया कि जैसे ही स्थिति अनुकूल होगी में अंतरराष्ट्रीय
जल क्षेत्रों में फंसे भारतीय नाविकों को शीघ्र निकालने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए उन्होंने ऐसे
नाविकों का पूरा विवरण देने के निर्देश भी दिये।
मांडविया ने आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने में जहाजों में काम कर रहे चालक दल के सदस्यों के महत्व को समझा और मौजूद चुनौतियों का उल्लेख करते हुए परीक्षा की इस घड़ी में उनके काम की सराहना भी की। उन्होंने जहाजरानी मंत्रालय के अधिकारियों को भारतीय बंदरगाहों पर नाविकों की आवाजाही की प्रक्रिया को आसान बनाने के निर्देश भी दिए हैं। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई चर्चा में इंडियन नेशनल शिप ओनर्स एसोसिएशन, राष्ट्रव्यापी नौवहन एजेंसियों के समुद्री संगठन, नेशनल यूनियन ऑफ सीफेसर्स ऑफ इंडिया, द इंडियन मेरीटाइम फाउंडेशन, द मेरीटाइम यूनियन ऑफ इंडिया और द मेरीटाइम एसोसिएशन ऑफ शिप ओनर्स शिप मैनेजर एंड एजेंट्स से संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
मांडविया ने आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने में जहाजों में काम कर रहे चालक दल के सदस्यों के महत्व को समझा और मौजूद चुनौतियों का उल्लेख करते हुए परीक्षा की इस घड़ी में उनके काम की सराहना भी की। उन्होंने जहाजरानी मंत्रालय के अधिकारियों को भारतीय बंदरगाहों पर नाविकों की आवाजाही की प्रक्रिया को आसान बनाने के निर्देश भी दिए हैं। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई चर्चा में इंडियन नेशनल शिप ओनर्स एसोसिएशन, राष्ट्रव्यापी नौवहन एजेंसियों के समुद्री संगठन, नेशनल यूनियन ऑफ सीफेसर्स ऑफ इंडिया, द इंडियन मेरीटाइम फाउंडेशन, द मेरीटाइम यूनियन ऑफ इंडिया और द मेरीटाइम एसोसिएशन ऑफ शिप ओनर्स शिप मैनेजर एंड एजेंट्स से संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
मंत्रालय के अनुसार कोरोना संकट
और लॉकडाउन के दौरान देश में आवश्यक आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने के लिए लगातार
बंदरगाहों पर काम कर रहे कर्मचारियों और श्रमिकों की सराहना करनी चाहिए। मंत्रालनय
ने ऐलान किया कि कोविड–19 के कारण डयूटी के दौरान मृत्यु होने पर मुआवजे के रूप में उनक आश्रितों को 50 लाख रुपये दिये जाएंगे। इस घोषणा
में बंदरगाहों द्वारा सीधे काम पर रखे गये संविदा श्रमिकों और अन्य संविदा
कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है। मंत्रालय के अनुसार यह निर्णय कोविड519
महामारी के लिए 30 सितंबर 2020 तक लागू रहेगी, जिसके बाद समीक्षा करके निर्णय लिया
जाएगा।
29Apr-2020
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