बुधवार, 1 अप्रैल 2020

अब बीस हजार ट्रेन कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने की योजना



कोरोना महामारी से निपटने को तैयार किये जाएंगे 3.2 लाख बेड
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए मरीजों के इलाज के लिए देशभर में ट्रेनों के बीस हजार कोचों को आईसोलेशन वार्ड में बदलने के लिए डिजाइन करने की मेगा योजना तैयार की है, जिसमें 3.2 लाख बेडों की व्यवस्था को संभव करने का प्रयास होगा। इससे पहले पांच हजार कोचों को आईसोलेशन वार्ड में बदलने के लिए देश के 16 रेलवे जोनों को आवंटित कर दिये गये हैं।
रेल मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में तेजी के साथ पांव पसार रहे कोरोना वायरस के खिलाफ केंद्र सरकार की युद्धरूपी राष्ट्रव्यापी अभियान में भारतीय रेलवे ने चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में देशभर में अपनी ट्रेनों के कोचों को आइसोलेशन वार्ड बनाने की मेगा योजना तैयार की है। रेल मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत भारतीय रेलवे 20 हजार ट्रेन कोचों को आइसोलेशन वार्ड के रूप में संशोधित करने के लिए तैयार है, जिसमें 3.2 लाख बेड तक समायोजित करने की संभावना जताई गई है। इसके लिए रेलवे कोरोना रोगियों के लिए इन आईसोलेशन वार्डो में सभी आवश्यक सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए कोचों को तैयार कर रहा है। इससे एक दिन पहले ही भारतीय रेलवे ने देश में 16 रेल जोनों को करीब 80 हजार बेडों की उपलब्धता के लिए पांच हजार ट्रेन कोचों को तैयार करने के लिए आवंटन किया जा चुका है। इनमें सबसे ज्यादा 486 कोच दक्षिण मध्य रेलवे तैयार करेगा, जबकि मध्य रेलवे 482, दक्षिण रेलवे 473, पश्चिम रेलवे 410, उत्तर रेलवे 370, पूर्वी रेलवे 338, दक्षिण पूर्वी रेलवे 329, उत्तर फ्रंटियर रेलवे 315, दक्षिण पश्चिम रेलवे 312, उत्तर मध्य रेलवे 290, उत्तर पश्चिम रेलवे 266, ईस्टकोस्ट रेलवे 261, उत्तर पूर्वी रेलवे 216, पूर्व मध्य रेलवे 208, पश्चिम मध्य रेलवे 133 और दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे को 111 कोचों को आईसोलेशन वार्ड तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है।
इसलिए रेलवे ने बढ़ाई संख्या
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे द्वारा देश में 5 हजार संगरोध सुविधाओं को बढ़ाने के निर्णय में संशोधन करके अब 20 हजार कोचों को आइसोलेशन वार्ड बदलने के लिए योजना तैयार की है। इस संशोधन से पहले इस इस संबंध में रेलवे ने सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा, विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे के चिकित्सा विभाग और आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के साथ परामर्श किया गया। जबकि पाँच ज़ोनल रेलवे ने संगरोधी डिब्बों के लिए पहले से ही प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। ये संशोधित 21 हजार कोच अलगाव की जरूरतों के लिए 3.2 लाख संभावित बेड तक समायोजित कर सकते हैं। रेलवे के अनुसार एक कोच में 16 बेड का आईसोलेशन तैयार करने की सलाह दी गई है। केवल गैर-एसी आईसीएफ स्लीपर कोच को संगरोध यानि आइसोलेशन कोच में रूपांतरण के लिए उपयोग करने की योजना बनाई जा रही है। 
01Apr-2020

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