हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
हरियाणा के फरीदाबाद स्थित जैव
प्रौद्योगिकी विभाग की जैव परख प्रयोगशाला ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य एवं प्रौद्योगिकी
संस्थान अब अब कोविड-19 परीक्षण के लिए
ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल की नैदानिक इकाई के रूप में कार्य करेगा,
जो फरीदाबाद क्षेत्र में यह कोरोना जाचं के लिए
पहली और एक मात्र परीक्षण इकाई होगी।
देश में बढ़ते कोरोना वायरस के खतरे को
देखते हुए कोविड-19 की जांच के लिए कार्यबल को
प्रशिक्षण देने और ईएसआई अस्पताल में क्षमता विकसित करने के लिए केंद्र
सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इस
दिशा में परख प्रयोगशाला के रुप में हरियाणा के फरीदाबाद में
जैव प्रौद्योगिकी विभाग की जैव परख प्रयोगशाला ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य
एवं प्रौद्योगिकी संस्थान यानि टीएचएसटीआई को कोरोना
जांच परीक्षण के लिए केंद्र बनाने के लिए एक समझौता किया गया इसके लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा
टीएचएसटीआई को वित्तपोषित किया गया है, वहीं केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय
एवं अस्पताल फरीदाबाद एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है।
फरीदाबाद में डीबीटी-टीएचएसटीआई
की जैव परख प्रयोगशाला को डीबीटी द्वारा वित्त पोषित संस्थान
के ट्रांसलेशनल अनुसंधान कार्यक्रम के अंतर्गत वैक्सीनों और जैविक तत्वों के नैदानिक
विकास के लिए स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य अच्छी नैदानिक प्रयोगशाला प्रक्रिया
(जीसीएलपी) में वैश्विक मानकों को लागू करना है और इन्हें वैक्सीन विकास और परीक्षण
के लिए राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता
लेने को आवेदन किया जाएगा। विस्तार प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लेने के बाद इस एमओयू
पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत आईसीएमआर के अधिकार से बाहर की सरकारी प्रयोगशालाओं को जोड़ा गया
और यहां पर भी परीक्षण सुविधाएं शुरू की गईं। इसमें डीबीटी, वैज्ञानिक
और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
और सरकार द्वारा वित्तपोषत चिकित्सा महाविद्लाय आदि शामिल हैं।
13Apr-2020
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