रविवार, 12 अप्रैल 2020

लॉकडाउन: रेलवे ने देशभर में 8.5 लाख लोगों की मिटाई भूख


गरीबों व जरुरतमंदों को हर रोज वितरित किया जा रहा है भोजन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस के संकट के कारा देश में लागू लॉकडाउन के दौरान देशभर में भारतीय रेलवे सामाजिक सेवा की प्रतिबद्धता को भी निभा रहा है। मसलन रेलवे आईआरसीटीसी और आरपीएफ गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर लॉकडाउन के कारण गरीबों, निराश्रितों, भिखारियों, बच्चों, कुलियों, प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए व्यक्तियों को भोजन वितरित करने में जुटा हुआ है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने गुरुवार का यह जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल के सुझाव पर कोविड-19 के कारण शुरु हुए लॉकडाउन के बाद से भारतीय रेल अपनी सामाजिक सेवा प्रतिबद्धता के तहत जरूरतमंदों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने का कामभारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की रसोइयों, आरपीएफ के संसाधनों तथा गैर सरकारी संगठनों के योगदान के माध्यम से जारी रखे हुए है।भोजन के पैकेटों के साथ ही कागज के प्लेट भी वितरित किए जाते हैं। रेलवे खासकर आरपीएफ के जवानों द्वारा गरीबों, निराश्रितों, भिखारियों, बच्चों, कुलियों, प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए व्यक्तियों के अलावा रेलवे स्टेशनों पर या उसके आस पास अथवा ​​रेलवे स्टेशनों से कुछ दूरी पर भोजन की तलाश करने वाले जरुरतमंदों को पके हुए भोजन का वितरण किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार इस सामाजिक सेवा के लिए रेलवे संबन्धित जिला अधिकारियों ओर गैर सरकारी संगठनों से परामर्श करके इस कार्य को अंजाम दे रहा है। भोजन का वितरण,आरपीएफ, जीआरपी, रेलवे के क्षेत्रीय वाणिज्यिक विभागों, राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है। वहीं संबंधित ज़ोन और डिवीजन के जीएम और डीआरएम, स्टेशन के आस-पास के क्षेत्र के बाहर भी जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के ​इस प्रयास को विस्तार देने के लिए आईआरसीटीसी अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। रेलवे के अनुसार 28 मार्च से अब तक देशभर में रेलवे 8.5 लाख से ज्यादा जरुरतमंदों को भोजन का वितरण कर चुका है और रेलवे इस सामाजिक सेवा के दायरे को विस्तारित करने का प्रयास कर रहा है।
आईआरसीटी की अहम भूमिका
मंत्रालय के अनुसार आईआरसीटीसी द्वारा अब तक 6 लाख से अधिक पके भोजन के पैकेटे दिए गए हैं। आरपीएफ ने स्वयं के संसाधनों से लगभग 2  लाख ऐसे पैकेट दिए हैं, जबकि रेलवे के साथ जुड़े स्वयंसेवी संगठनों द्वारा लगभग 1.5 लाख भोजन के पैकेट दान किए गए हैं। रेलवे सुरक्षा बल ने गैर सरकारी संगठनों, आईआरसीटीसी और स्वयं अपनी रसोई में  तैयार भोजन के वितरण में  प्रमुख भूमिका निभाई है8 मार्च 2020 से 74 स्थानों पर 5419 जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन के वितरण के साथ शुरू किया गया भारतीय रेल का यह काम प्रतिदिन बढ़ रहा है। 8 अप्रैल तक आरपीएफ की ओर से 313 स्थानों पर लगभग 6 लाख भोजन के पैकेट जररतमंदों में बांटे जा चुके थे। भारतीय रेल का यह अभियान अब बढ़ते हुए 1 लाख लोगों तक पहुंच चुका है। गौरतलब है कि आईआरसीटीसी ने पीएम केयर्स कोष में 20 करोड़ रुपये भी दान दिए हैं। इसमें से 1.5 करोड़ रुपये 2019-20 के कार्पोरेट सामाजिक दायित्व कोष से,6.5 करोड़ रुपये 2020-21 सीएसआर कोष से है, जबकि बाकी 12 करोड़ रूपए दान के रूप में मिले पैसों से दिए गए हैं।
10Apr-2020

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