हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में कोरोना के खिलाफ जंग
में सबसे आगे देश को बचाने में जुटे चिकित्साकर्मियों पर हमले के विरोध में इंडियन
मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के दिये गये
आश्वासन के बाद अपने आंदोलन को टाल दिया है।
नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री डा.
हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सकों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत
की। गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना
वायरस के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों की अहम भूमिका की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि देश के सभी चिकित्सक और चिकित्साकर्मी डॉक्टर समर्पित रूप से पहले की तरह ही काम में जुटे रहेंगे। शाह ने
चिकित्सकों द्वारा
कोविड-19
जैसी घातक
बीमारियों से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उनके समर्पण और बलिदान को नमन करते हुए भरोसा दिया कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई
में उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने में केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शाह ने इस बातचीत
के दौरा कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य कर्मियों पर हाल
में
हुए हमलों की
कड़ी निंदा की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे हमलों जैसे सभी मुद्दों और चिंताओं का बारीकी
से संज्ञान ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी
आवश्यक इंतज़ाम किए जा रहे हैं। उन्होंने आईएमए और चिकित्सकों से ऐसे हमलों के विरोध में प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध
न करने
की अपील की, जो राष्ट्रीय और वैश्विक हित में नहीं है। केंद्र सरकार से तत्काल उच्च स्तरीय प्रतिक्रिया
और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के
चिकित्सकों की सुरक्षा के दिये गये आश्वासन पर आईएमए ने कोरोना के खिलाफ जारी जंग
को निर्बाध रूप से बनाए रखते हुए अपने आंदोलन को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इस
बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्रियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव, वरिष्ठ चिकित्सक और नीति आयोग के
प्रतिनिधि भी मौजूद थे। गौरतलब है कि चिकित्साकर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में बुधवार को आईएमए के बैनर
तले चिकित्सक सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर मोमबत्ती जलाने वाले थे।
चिकित्सकों ने रखी अपनी मांग
देश में कोरोना वायरस का इलाज करने
जा रहे चिकित्साकर्मियों
पर हो रहे जानलेवा हमलों से
नाराज चिकित्सकों ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई बातचीत में सरकार से ऐसे हमले
रोकने के लिए विशेष कानून लाने की मांग की, जिसके लिए आईएमए पिछले लंबे समय से चिकित्सकों के साथ होने वाली मारपीट रोकने की दिशा में केंद्रीय कानून बनाने की मांग
करती आ
रही है। हालांकि बताया कि इस मांग को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2019 में एक मसौदा जारी करके चिकित्सकों पर हमले के दोषियों को 10 साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान
भी किया था।
23Apr-2020
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