गृह मंत्रालय ने गठित की छह अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय
टीमें, हालात का लेंगी जायजा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में कोरोना संकट के बढ़ते प्रकोप में मध्य प्रदेश
के इंदौर, महाराष्ट्र के मुंबई व पुणे, राजस्थान के जयपुर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी
मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग
और जलपाईगुड़ी में लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के कारण हालात विशेष रूप से गंभीर
बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने ऐसे हालातों का जायजा लेने और राज्यों को आवश्यक
निर्देश जारी करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमें गठित की है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी
देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के इंदौर, महाराष्ट्र
के मुंबई व पुणे, राजस्थान के जयपुर और
पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी में कोविड-19 संबंधी हालात
विशेष रूप से गंभीर हैं। मंत्रालय के अनुसार इन शहरों में लॉकडाउन नियमों के
उल्लंघन के सामने आए मामले लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं और
कोविड-19 के फैलने का खतरा भी बढ़ा रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने इन स्थानों में
कोरोना संबंधी हालात का वहां जाकर आकलन करने और चारों राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान
एवं पश्चिम बंगाल के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी
केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) का गठन किया है। गृह मंत्रालय के अनुसार ये टीमें आपदा
प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जारी
दिशा-निर्देशों के अनुसार लॉकडाउन उपायों के अनुपालन और कार्यान्वयन के आकलन पर
फोकस करने के साथ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, अपने घरों के बाहर लोगों की आवाजाही में सामाजिक दूरी बनाए रखने, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की तैयारी, जिले में अस्पताल की सुविधा और सैंपल के आंकड़ों, स्वास्थ्य प्रोफेशनलों की सुरक्षा, टेस्ट किटों, पीपीई, मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों
की उपलब्धता के अलावा श्रमिकों एवं गरीब लोगों के लिए बनाए गए राहत शिविरों की
स्थितियों जैसे मुद्दों पर भी अपना ध्यान केंद्रित करेंगी। ये आईएमसीटी जल्द से
जल्द इन क्षेत्रों में अपना दौरा शुरू करेंगी।
टीमों को दिये गये कानूनी अधिकार
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन
अधिनियम 2005 की धारा 35(1), 35(2)(ए), 35(2)(ई) और 35(2)(i) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए इन अंतर-मंत्रालयी टीमों का गठन किया
है। जिसमें लॉकडाउन उपायों से संबंधित ऑर्डर के साथ दिशा-निर्देशों यानि समेकित
संशोधित दिशा-निर्देशों में लॉकडाउन एवं अन्य उपायों के सख्त कार्यान्वयन पर विशेष
जोर दिया गया है। वहीं राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को यह भी सलाह
दी गई है कि वे इन दिशा-निर्देशों में उल्लिखित उपायों की तुलना में और भी अधिक
कठोर उपाय लागू कर सकती हैं, लेकिन वे आपदा प्रबंधन
अधिनियम- 2005 के तहत जारी इन दिशा-निर्देशों को हल्का नहीं
करेंगी।
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केंद्र के राज्यों को सुझाव
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पहले ही जारी दिशानिर्देशों
में राज्यों से कहा गया है कि हॉटस्पॉट जिलों या उभरते हॉटस्पॉट अथवा यहां तक कि
व्यापक प्रकोप या क्लस्टरों की आशंका वाले स्थानों पर संबंधित दिशा-निर्देशों
के उल्लंघन की घटनाएं किसी भी सख्त उपाय के बिना निरंतर होने की अनुमति दी जाती
है, तो वैसी स्थिति में इन जिलों की
आबादी के साथ-साथ देश के अन्य क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी गंभीर
स्वास्थ्य खतरा उत्पन्न होगा। प्रमुख हॉटस्पॉट जिलों में इस तरह के उल्लंघन की
व्यापकता या चलन का विश्लेषण करने के बाद केंद्र सरकार को यह पूरी तरह स्पष्ट हो
गया है कि स्थिति विशेष रूप से उपर्युक्त क्षेत्रों में गंभीर है और केंद्र की
विशेषज्ञता का उपयोग करने की आवश्यकता है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और
केंद्र शासित प्रदेशों से स्पष्ट कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए काम कर रहे
स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों पर हिंसा, सामाजिक
दूरी बनाए रखने का उल्लंघन और शहरी इलाकों में वाहनों की आवाजाही जैसे मामलों को
तत्काल रोका जाना चाहिए।
21Apr-2020
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