हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस के
खिलाफ चल रही जंग केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले
उद्यम यानि एमएसएमई) मंत्रालय के अधीन चल रहे 18 प्रौद्योगिकी केंद्रों और
स्वायत्तशासी निकाय ने भी सीलिंग मास्क और मेडिकल गाउन,
हॉट सीलिंग मशीनों जैसे चिकित्सीय उपकरणों
के निर्माण और खरीद की की प्रक्रिया तेज कर दी है।
एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार कोरोना वायरस
संकट में केंद्र सरकार के जारी उपायों और निर्णयों तथा सहयोग के तहत उनके मंत्रालय
के अनुधी प्रौद्योगिकी केंद्रों ने अपनी भूमिका को निभाते हुए चिकित्सीय सहायता की
दिशा में गतिविधियों की गति को बढ़ा दिया है। मसलन एमएसएमई के अधीन देश में 18
प्रौद्योगिक केंद्र चिकित्सा के क्षेत्र में मदद के लिए संबन्धित उपकरणों के
निर्माण और मशीन आदि की खरीद करके सहयोग दे रहे हैं, जिन्होंने इस मदद की गति को
तेज करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय फुटवियर प्रशिक्षण संस्थान चेन्नई
ने सीलिंग मास्क और मेडिकल गाउन के ठेका कार्य के लिए हाट सीलिंग
मशीन की खरीद करके उसे संस्थापित किया और उत्पादन में बढोतरी के लिए उद्योग से दो और मशीनों की खरीदने का
निर्णय लिया है। इस मशीन पर ठेके के काम के बाद श्री हेल्थ केयर चेन्नई स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमोदित आपूर्तिकर्ता बन गया।
वहीं सीएफटीआई आगरा ने मेसर्स मेसर्स रामसंस के लिए मेडिकल गाउन का निर्माण
किया, जो तीन स्तरीय फेस मास्कों का भी निर्माण करेगा। जबकि
पीपीडीसी मेरठ ने फेस मास्क का निर्माण किया और इसे निशुल्क वितरित किया।
इसी प्रकार एमएसएमई टीसी औरंगाबाद ने फेस मास्क का 3डी प्रोटोटाइप वकिसित किया है।
वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप
विकसित
मंत्रालय के अनुसार एमएसएमई प्रौद्योगिकी
केंद्र हैदराबाद वेंटिलेटर के एक प्रोटोटाइप का विकास कर रहा है। यह सेंसरों पर आधारित
इलेक्ट्रो मैकेनिकल वेंटिलेटर का पहला प्रोटोटाइप जल्द तैयार
होगा। इसी प्रकार सेंट्रल टूल रूम एवं ट्रेनिंग
सेंटर (सीटीटीसी) कोलकाता सागर दत्ता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के परामर्श से एक कम लागत की वेंटिलेटर प्रणाली विकसित कर रहा है, जो इसका परीक्षण करने एवं अनुप्रयोग परीक्षणों
के दौरान आरंभिक सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा इसने फेस शील्ड
प्रोटोटाइप का भी विकास किया है।
कोरोना टेस्टिंग किट्स का निर्माण
एमएसएमई के ऐसे केंद्रों में भुवनेश्वर एवं जमशेदपुर 650 कोरोना टेस्टिंग
किट्स के लिए कंपोनेंट्स का निर्माण करेगा। प्रत्येक किट 20 हार्डवेयर कंपोनेंट्स से बना होगा। पार्ट्स
का पहला सेट जल्द ही भुवनेश्वर में तैयार हो जाएगा। सहमति मिल जाने के जाने के बाद
विभिन्न टीसी पर उत्पादन आरंभ हो जाएगा। एएमटीजेड को वेंटिलेटरों के लिए 10 हजार कंपोनेंट्स की आवश्यकता
होगी। प्रेस टूल्स तैयार करने के लिए ड्राईंग्स वितरित कर दिए गए हैं। जीएम, टीसी भुवनेश्वर
ने विभिन्न टीसी नामतः सीटीआर, लुधियाना, आईडीईएमआई, इंडो जर्मन टूल रूम (आईजीटीआर)] औरंगाबाद, कोलकाता एवं आईडीटीआर, जमशेदपुर को टूल एवं कंपोनेंट्स
बनाने का कार्य आवंटित कर दिया है।
कन्नौज में सैनिटाइजर का उत्पादन
एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र
कन्नौज ने अल्कोहल आधारित सैनिटाइजरों का निर्माण आरंभ किया एवं इसकी फरूखाबाद के डीएम
को आपूर्ति कर दी। यह रेलवे एवं अन्य संगठनों को भी आपूर्ति करेगा। इंस्टीच्यूट फार
डिजाइन आफ इलेक्ट्रिकल मेजरिंग इंस्ट्रूमेंट्स (आईडीईएमआई) आयन आधारित सैनिटाइजरों
का निर्माण कर रहा है। यह भी बार्क के शोध पत्र पर है। अगर यह सफल रहा तो इसके विविध
अनुप्रयोग होंगे। इसी प्रकार ईएसटीसी रामनगर ने आईवी स्टैंड की डिजाइन तैयार किया,
जो जीईएम पर पंजीकरण के लिए कोविड-19 हेतु 70 एमएफआर को प्रेरित कर रहा है।
06Apr-2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें