हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के समर्थन में देश
के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त
रूप से 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के
पवित्र महीने में घरों पर ही रह कर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है। केद्र सरकार
की अपील पर इस प्रकार की धर्मनिरपेक्षता और सौहाद्र के जुनून से ही फैशन’ नहीं, बल्कि ‘परफेक्ट पैशन’ यानि जुनून है, जो भारत
की अनेकता में एकता की ताकत ही निश्चित रुप से कोरोना को हराएगी।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
ने मंगलवार को यहाँ पत्रकारो से बातचीत के दौरान यह जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना के कहर के कारण देशभर में लॉकडाउन के
दौरान आगामी 24 अप्रैल से रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत हो रही है। देश में कोरोना के खिलाफ चल रही जंग के कारण लॉकडाउन
के मद्देनजर उन्होंने पिछले सप्ताह देश
शुरू में धार्मिक, सार्वजनिक, व्यक्तिगत
स्थलों पर लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंसिंग का प्रभावी ढंग से पालन करने एवं लोगों
को अपने-अपने घरों पर ही रह कर इबादत करने की दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने पिछले सप्ताह वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये
हुई देश के 30 से ज्यादा राज्य वक्फ बोर्डों के अध्यक्ष एवं अन्य
पदाधिकारियों व अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें कोरोना के कहर के कारण रमजान के
पवित्र महीने में धार्मिक, सार्वजनिक, व्यक्तिगत स्थलों पर लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंसिंग का प्रभावी
ढंग से पालन करने एवं लोगों को अपने-अपने घरों पर ही रह कर इबादत आदि के लिए जागरूक
करने की
अपील की गई थी। बैठक में तमाम राज्य वक्फ बोर्डों ने सहमति जताई थी कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान
कोरोना के कहर के चलते लागू लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग
एवं अन्य दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की जरुरत है। बैठक के बाद
से ही मुस्लिम
धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, मुस्लिम समाज एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा
नकवी लगातार देश के विभिन्न मुस्लिम धर्म गुरुओं, धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क-संवाद कर रहे हैं। नकवी ने
कहा कि देश के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त
रूप से 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के
पवित्र महीने में घरों पर ही रह कर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है। इस सहमति पर नकवी ने कहा
कि ‘धर्मनिरपेक्षता और सौहार्द’ भारत और
भारतवासियों के लिए एक जुनून है।
इसी समावेशी संस्कार और पुख्ता प्रतिबद्धता ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अनेकता
में एकता के सूत्र में बाँध रखा है। नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों सहित देश के सभी नागरिकों
के संवैधानिक, सामाजिक, धार्मिक अधिकार भारत की संवैधानिक एवं नैतिक गारंटी है।
कोरोना
के कारण इस संकट की घड़ी में यही अनेकता में एकता की ताकत कोरोना की जंग में भारत की जीत का रास्ता तय करेगी।
देश में अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित
केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक समुदायों
समेत सभी वर्गों के अधिकार सुरक्षित हैं, लेकिन कुछ
लोग दुष्प्रचार और फर्जी खबरों के जरिए देश की एकता के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों का विकास हो रहा है और इसमें किसी के साथ भेदभाव
नहीं हो रहा है। नकवी ने कहा कि फेक न्यूज़ एवं भड़काऊ बातों और अफवाह फ़ैलाने वाले साजिश-षड़यंत्र
से हमें होशियार रहना चाहिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के नेतृत्व में भारत में सभी नागरिकों की सेहत-सलामती के लिए काम हो रहा है। इस तरह
की साजिश-षड़यंत्र से कोरोना के खिलाफ देश की सामूहिक जंग को कमजोर नहीं होने देना है।
22Apr-2020
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