भारतीय
रेलवे ने तेज की कोरोना के खिलाफ जंग
जगाधरी वर्कशॉप ने तैयार की सबसे पहले पीपीई-पोशाक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेल ने हरियाणा के जगाधरी
स्थित रेलवे वर्कशॉप में फ्यूमिगेशन टनल के रूप में सैनिटाइजेशन रूम और पीपीई पोशाक का निर्माण
करने के बाद फैसला किया है कि देश में इसके अलावा 17 रेलवे वर्कशॉप में कोरोना
वायरस के खिलाफ जंग को आसान बनाने के लिए हर दिन एक हजार पीपीई किट तैयार करेगा।
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही
जंग को आसान बनाने की दिशा में देश में रेलवे की डेढ़ दर्जन वर्कशॉपों में
चिकित्सीय सुरक्षा उपकरणों का निर्माण करने के इस निर्णय की जानकारी देते हुए रेल
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जगाधरी स्थित रेलवे की वर्कशॉप में तैयार की गई
पीपीई पोशाक को डीआरडीओ की मंजूरी मिलने के बाद रेलवे ने यह निर्णय लिया है।
डीआरडीओ द्वारा पीपीई सुरक्षा उपकरणों के मंजूर किये गये डिजाइन और सामग्री
के आधार पर भारतीय रेलवे के विभिन्न रेलवे जोनों में स्थित रेलवे वर्कशॉप में भी कोरोना
के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने वाली इन पीपीई पोशाकों और
उपकरणों के निर्माण करके रेलवे के अस्पतालओं में कोरोना
मरीजों के इलाज में जुटे रेलवे के अग्रिमपंक्ति के
चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को चिकित्सीय मदद पहुंचाई जाएगी। रेलवे के
अनुसार इन सुरक्षा पोशाकों के निर्माण
हेतु 17 और वर्कशॉप
सुविधाएं सुविधाएं तैयार की जा
रही है, जहां प्रतिदिन 1000 पीपीई पोशाकों व उपकरणों का निर्माण करने का लक्ष्य
है। इस पीपीई-पोशाक के तकनीकी विवरण और सामग्री आपूर्तिकर्ता दोनों तैयार
हैं। अब उत्पादन सही तरीके से शुरू किया जा सकता है। यह पोशाक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जुटे डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों
को सुरक्षा प्रदान करने में प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
देश के अन्य चिकित्सकों को 50 फीसदी हिस्सा
देगा रेलवे
रेलवे ने यह भी फैसला किया है कि रेलवे की
वर्कशॉप में तैयार होने वाली पीपीई किट के कुल उत्पादन में 50 फीसदी पीपीई किट देश
में अन्य चिकित्सकों को मुहैया कराई जाएंगी। मंत्रालय के अनुसार इस पीपीई पोशक के
लिए सामग्री की खरीद केन्द्रीकृत रूप में जगाधरी कार्यशाला द्वारा की
जा रही है, जो पंजाब के कई
बड़े कपड़ा उद्योगों के निकट स्थित है। रेलवे का मकसद है कि आने वाले दिनों में पीपीई किट जैसे
उपकरणों के उत्पादन सुविधाओं को जरुरत के आधार पर और भी तेज
करेगा। रेलवे ने दावा किया है कि रेलवे का यह आंतरिक प्रयास भारत सरकार
की कोरोना के खिलाफ जारी जंग पर आधारित है और मांग के अनुरूप
एचएलएल को भी जानकारी दी गई है।
डेढ़ करोड़ पीपीई किट की जरुरत
भारतीय रेलवे के सीपीआरओ का कहना है कि
केंद्र सरकार के अनुमान के आधार पर कोरोना वायरस के खिलाफ चलाई जा रही जंग में
पीपीई किट मददगार साबित होगी। सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस जंग को लड़ रहे
देशभर के चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान होगी और देशभर में देश में चिकित्सकों
और अन्य चिकित्साकर्मियों से जुड़े लोगों को जून तक करीब 1.5 करोड़ पीपीई पोशाक व
उपकरणों की जरुरत पड़ेगी। वहीं रेलवे के इस विशेष प्रयास में कोरोना
वायरस से बचाव मेंके लिए मौजूदा समय में एन-95 मास्क, पर्सनल प्रोटेक्टिव किट और सैनिटाइजर की आ रही किल्लत से निपटा
जा सकेगा यानि पीपीई किट और मास्क की जरुरतें पूरी करना संभव
होगा।
08Apr-2020
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