मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

लॉकडाउन के दौरान ईपीएफओ ने निपटाए 1.37 लाख दावे


पीएफ खातों से आसान हुई 279.65 करोड़ रुपये की निकासी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन के दौरान ईपीएफओ ने अंशधारकों को पीएफ के धन की निकासी के लिए ईपीएफ स्कीम में संशोधन के बाद पिछले दस दिनों में 1.37 लाख दावे निपटाने का दावा किया है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस संकट के कारण लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पीएफ खातों से तीन माह के बराबर यानि 75 फीसदी से कम धन निकालने की सुविधा दी गई है, जिसके लिए ईपीएफ स्कीम में संशोधन करके राहत देने के मकसद से ऐसा प्रावधान किया गया। जिसके लिए मंत्रालय ने 28 मार्च को अधिसूचना जारी की थी। इस संशोधित प्रावधान के बाद लॉकडाउन के दौरान पिछले दस दिन में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ ने ईपीएफ स्कीम में संशोधन करने वाले विशेष प्रावधान के तहत 279.65 करोड़ की राशि की निकासी के लिए देशभर में करीब 1.37 लाख दावों का निपटारा किया है। हालांकि ईपीएफ धन की निकासी पहले ही आरंभ हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय में यह प्रणाली 72 घंटों के भीतर उन सभी आवदनों का संसाधन कर रही है, जो पूरी तरह केवाईसी के तहत मान्य है। ईपीएफओ के जिन अंशधारकों  ने दावों के लिए किसी अन्य वर्ग में आवेदन किया है, वे भी महामरी से लड़ने के लिए अपने दावे प्रस्तुत कर रहे हैं उनकी केवाईसी अनुवर्ती स्थिति के अनुरूप उनके दावों को जल्द से जल्द निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
क्या है संशोधित प्रावधान
देश में कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन में करोड़ो कर्मचारियों को आर्थिक राहत देने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा किये गये ऐलान के बाद मंत्रालय ने ईपीएफ स्कीम में संशोधन किया। इस प्रावधान के तहत तीन महीने के लिए मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की एक सीमा तक गैर-वापसी योग्य निकासी या ईपीएफ खाते में सदस्य के क्रेडिट में जमा राशि के 75 प्रतिशत तक की रकम निकाली जा सकती है। यह राहत ऐसे अंशधारको को ऑनलाइन दी गई है, जिनकी केवाईसी की आवश्यकताएं हर प्रकार से पूरी हैं। हालांकि केवाईसी के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान की हुई है। इस दिशा में ईपीएफओ ने त्रुटिपूर्ण जन्मतिथि में सुधार करने के लिए आधार कार्ड को वैध दस्तावेज स्वीकार करने का भी प्रावधान किया है, बेशर्ते पीएफ रिकार्ड और आधार कार्ड में जन्म तिथि का अंतर तीन साल से ज्यादा न हो।
11Apr-2020

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