निजामुद्दीन मरकज के तबलीगी
जमात में शामिल विदेशियों की पहचान
गृह मंत्रालय ने सभी विदेशियों
को कालीसूची में भी डाला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस के दौरान निजामुद्दीन की मरकज मस्जिद में हुई तबलीगी में शामिल हुए 960 विदेशियों के पर्यटन
वीजा रद्द करते हुए उन्हें काली सूची में डाल दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के
सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय ने जांच पड़ताल के बाद यह फैसला किया है। मसलन पिछले
माह मार्च में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज मस्जिद
में आयोजित एक धार्मिक आयोजन में हजारों जमातियों ने हिस्सा लिया था जिसमें कई दर्जन
विदेशी नागरिक भी शामिल हुए। इस तबलीगी जमात में शामिल हुए चार सौ से ज्यादा लोग कोरोना
वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। वहीं जमात में शामिल होने के बाद देश के 20 राज्यों
के लोग भी बड़ी तादात में अपने अपने राज्यों में कोरोना वायरस का प्रसार कर चुके हैं।
वहीं इस जमात में शामिल हुए 960 ऐसे जमातियों की पहचान की गई
र्है, जो पर्यटक वीजा योजना के तहत भारत आए थे, लेकिन वे जमात में हिस्सा लेने के दोषी पाए गये। इसलिए केंद्र सरकार ने वीजा
नियमों का उल्लंघन करने और झूठ बोलकर वीजा हासिल करने के मामले में इन सभी विदेशी जमातियों
के पर्यटन वीजा
को रद्द कर दिया है। वहीं गृह मंत्रालय ने इन सभी 960 विदेशी नागरिकों को कालीसूची में डालने का
फैसला लिया है। गृह मंत्रालय की इस कार्यवाही से ऐसे विदेशी नागरिक आजीवन भारत नहीं
आ सकेंगे।
राज्यों की पुलिस प्रमुखों
को निर्देश
गृह मंत्रालय के अनुसार
इस कार्यवाही को लेकर इन विदेशियों के संबन्धी में मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और अन्य
राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को निर्देश जारी किया है कि वे कालीसूची में डाले गये
इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ विदेशी एक्ट 1946 और आपदा प्रबंधन
अधिनियम के तहत मामला दर्ज
करते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। मंत्रालय के अनुसार वीजा नियमों
के तहत पर्यटन वीजा हासिल करके ऐसे किसी धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया
जा सकता, जिसके लिए अलग नियम के तहत वीजा जारी किया जाता है, लेकिन
इन विदेशियों ने गुमराह करते हुए पर्यटन वीजा हासिल किया, जो
विदेशी अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
03Apr-2020
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