मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

देश में 79 लाख श्रमिकों को मिलेगा पीएमजीकेवाई का लाभ


ईपीएफओ ने धनाराशि के हस्तांरण के लिए तैयार किया इलेक्ट्रोनिक तंत्
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोरोना संकट में प्रधानमंत्री गरीबी कल्याण योजना के तहत तीन माह के लिए गरीबों और निम्न आय वाले श्रमिकों के लिए विशेष पैकेज के तहत ईपीएफओ ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं को क्रेडिट करने के लिए एक इलेक्ट्रोनिक तंत्र तैयार किया है। इस योजना के तहत ईपीएफ के दायरे में आने वाली 3.8 लाख फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों में काम करने वाले 79 लाख श्रमिकों को मिलेगा, जिसके लिए केंद्र सरकार 4800 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि गत 26 मार्च को कोरोना महामारी की जारी जंग में केंद्र सरकार ने पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित पैकेज घोषित किया था, जिसमें श्रमिक वर्ग भी शामिल किया गया। मसलन निम्न आय अर्जित करने वाले ईपीएफ सदस्यों के रोजगार में आने वाली बाधाओं की रोकथाम करना एवं ईपीएफ के तहत कवर होने वाले योग्य प्रतिष्ठानों की सहायता करना है। इस पैकेज के तहत 15 हजार प्रतिमाह से कम कमाने वाले श्रमिकों तीन माह तक लाभ देने के लिए शामिल किया गया है। मंत्रालय के अनुसार देश में करीब 3.8 लाख प्रतिष्ठानों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले 79 लाख ऐसे श्रमिक ईपीएफओ में पंजीकृत हैँ, उनके ईपीएफ एवं ईपीएस खाताओं को क्रेडिट करने के लिए शनिवार को एक इलेक्ट्रोनिक तंत्र लागू किया है। इसके मुताबिक सरकार द्वारा घोषित राहत का लाभ पात्र संगठनों व प्रतिष्ठानों द्वारा इलेक्ट्रोनिक चालान सह रिटर्न (ईसीआर) फाइल करने के जरिये प्राप्त किया जा सकेगा।
ईसीआर के तहत हो सकेगा क्लेम
मंत्रालय के अनुसार सरकार द्वारा घोषित किये गये राहत को अधिकृ​त संस्था या ईकाई इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ईसीआर) के तौर पर क्लेम कर सकती हैं। ईपीएफओ के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) में केंद्र सरकार द्वारा ईपीएफ और ईपीएस में यह योगदान ईसीआर के तौर पर दर्शाया जायेगा।
श्रमिकों के ईपीएस व ईपीएस खातों में आएगा धन
केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि अगर कोई श्रमिक ईपीएस के अंतर्गत आने वाली संस्था में काम करता है और उसका वेतन 15 हजार रुपये या इससे कम है, तो उनके ईपीएस व ईपीएस में अगले 3 महीने तक सरकार योगदान देगी। यह सुविधा केवल उन्हीं कर्मचारियों की मिल सकेगी, जिनमें कुल कर्मचारी की संख्या 100 से अधिक कर्मचारी हैं और कंपनी में 90 फीसदी कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रुपये से कम है।
12ँApr-2020


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