सोमवार, 20 अप्रैल 2020

लॉकडाउन में डिजिटल हुआ रेल भूमि विकास प्राधिकरण

अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी प्री-बिड मीटिंग्स
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
रेल मंत्रालय के अधीन रेल भूमि विकास प्राधिकरण यानि आरएलडीए ने कोविड-19 महामारी के चलते लगे देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद कामकाज का निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल मॉडल को तरजीह दी है। इसमें आरएलडीए ने विभिन्न भूखंडों को लीज पर देने के लिए ई-बोलियां आमंत्रित करके इस मॉडल की शुरूआत की है।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देश में व्याप्त विषम परिस्थितियों को देखते हुए इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए जारी प्रयासों के बीच उनका संगठन भी एक जिम्मेदारी के रूप में सभी कार्य लॉकडाउन के नियमों और उपायों के अनुरूप कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा विभिन्न रेल भूखंडों को लीज पर देने के लिए जहां ई-बोलियां आमंत्रित की है, वहीं इस संबन्ध में सभी प्री-बिड मीटिंग्स का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुरू किया गया है। स्टेक होल्डर्स की समस्याओं और उनके सवालों का समाधान तत्काल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से या बाद में ई-मेल द्वारा किया जाएगा। हम डिजिटल तकनीक के व्यापक उपयोग द्वारा संस्थान का निर्बाध परिचालन सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं और सुचारू कामकाज के लिए शीघ्र ही ई-फाइलिंग प्रणाली को लागू करेंगे।
डुडेजा ने कहा कि इस डिजीटल की शुरुआत में देहरादून रेलवे स्टेशन और तिरुपति रेलवे स्टेशन के विकास से संबंधित आरएफक्यू ( रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन) के लिए ऑनलाइन प्री-बिड मीटिंग्स किए जाने की संभावना है। यह संस्थान के दैनिक कार्यों पर लॉकडाउन का कम से कम प्रभाव पड़े इसके लिए सभी कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। कर्मचारियों के बीच संचार का सहज प्रवाह बना रहे इसके लिए ईमेल, व्हाट्सएप, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य आईटी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आरएलडीए ने अपने सभी कर्मचारियों को घर पर रहने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग बनाए रखने और जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) रेल मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसकी स्थापना गैर-भाडा उपायो द्वारा राजस्व अर्जन के उद्देश्य से रेल भूमि का वाणिज्यिक विकास करने के लिये रेल अधिनियम 1989 मे संशोधन करके हुई थी। वर्तमान में, भारतीय रेलवे के पास पूरे देश में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है।
वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोविड-19 ने अभी तक भारत में 10,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। इस संक्रमण से बचाव के लिए लगे देशव्यापी लॉकडाउन को सरकार ने 3 मई तक बढ़ा दिया है। महामारी के प्रकोप को कम करने, देशव्यापी लॉकडाउन के बीच निम्न आय वाले तबके की मदद के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1,70,000 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है। पैकेज में खाद्य सुरक्षा और प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण लाभ शामिल हैं जो लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंद परिवारों को काफी राहत देगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस के कहर से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कई ठोस कदम उठाए हैं।
18Apr-2020


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