
गृह मंत्रालय ने दो दिन पहले जारी अधिसूचना में किया संशोधन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दो तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर में सभी केंद्रीय कानूनों को लागू करने
लिए 138 अधिनियमों में संशोधन के तहत जारी अधिसूचना में संशोधन करके आदेश जारी
किया है कि सभी सरकारी नौकरियां केंद्र शासित प्रदेश
जम्मू-कश्मीर में के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी। इससे पहले जारी
अधिसूचना में केंद्र सरकार ने 15 साल से रहने वालों को राज्य का मूल निवासी मानते
हुए उन्हें भी इन नौकरियों में शामिल किया था।
केंद्रीय गृहमंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
कार्य विभाग संबन्धी आदेश के तहत तीन पहले जारी अधिसूचना में संशोधन करके स्पष्ट
किया है कि जम्मू और कश्मीर के निवासियों को केन्द्र शासित प्रदेश में
सभी सरकारी पदों के लिए पात्र माना जाएगा। मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर
पुनर्गठन अधिनियम की धारा 96 के तहत प्रदत्त शक्तियों और निमित् उसे समर्थ बनाने
वाली अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन अधिनियम में संशोधन किया गया है। इस
संशोधन के तहत अब जम्मू-कश्मीर में तमाम सरकारी नौकरियां केंद्र शासित राज्य के
मूल निवासियों के लिए ही आरक्षित होंगी। इससे पहले जारी अधिसूचना में जम्मू-कश्मीर
सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती) अधिनियम में इन नौकरियों में पिछले 15 साल से
राज्य में रह रहे और सात साल से किसी शिक्षण संस्थान में अध्ययन कर रहे बच्चों को
भी इन सरकारी नौकरियों में आवेदन करने का प्रावधान किया गया था। लेकिन मूल निवासी
नियम में संशोधन करते हुए सरकारी नौकरियों में अधिवासी समझा जाएगा के स्थान पर
अधिवासी होगा शब्द को शामिल किया गया है।
इसलिए किया गया संशोधन
सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा तीन दिन पहले जारी
अधिसूचना में 15 साल से राज्य में रहने वाले लोगों को मूल निवासी समझते हुए सरकारी
नौकरियों में उन्हें आवेदन करने के दिये गये अधिकारों को लेकर राज्य के स्थानीय राजनीतिक
दलों की तीखी प्रतिक्रिया आने और विरोध होने के बाद गृह मंत्रालय को इस
अधिनियम में संशोधित आदेश जारी करना पड़ा है। मसलन 'जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश-2020 शीर्षक से जारी संशोधित अधिसूचना में कहा
गया है, कि 'कोई भी व्यक्ति
जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के तहत किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए निहित अर्हताओं
को पूरा करता हो, वह जम्मू-कश्मीर
केंद्र शासित प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। और जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा
(विकेंद्रीकरण एवं नियुक्ति) कानून के तहत जम्मू-कश्मीर केंद्र
शासित प्रदेश का मूल निवासी नहीं होने पर कोई भी व्यक्ति किसी पद पर नियुक्ति का पात्र
नहीं होगा।
05Apr-2020
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