हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की दिशा में केंद्र सरकार ने
पूरे देश में लागू लॉकडाउन को प्रभावी रुप से लागू करने को लेकर राज्यों को सख्ती
करने के दिशा निर्देश दिये हैं। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में भी कोरोना का मुकाबला
करने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

बुनियादी ढांचे को धनराशि मंजूर करने का
प्रस्ताव
बैठक में बताया गया कि मंत्रालय
और एनईसी पूर्वोत्तर राज्यों को कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए पहले
ही 25 करोड़ रुपये मंजूर कर चुका
है। यह फंड अनटाइड फंड की प्रकृति में होगा,
जिसका
उपयोग कोरोना
महामारी से संबंधित किसी भी गतिविधि पर किया जा सकता है और मौजूदा केंद्रीय पैकेजों
के तहत कवर नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने अपने प्रमुख कार्यक्रम एनईएसआईडीएस के अंतर्गत
पूर्वोत्तर राज्यों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए परियोजनाओं
की मांग की है। राज्यों को 6 अप्रैल तक अपने
प्रस्ताव देने को कहा गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र की परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता
के आधार पर मंजूरी देने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव में पूर्वोत्तर के आठ राज्यां में अरूणाचल प्रदेश के लिए 3.25 करोड़, असम के लिए पांच करोड़, मणिपुर,
मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड के लिए तीन-तीन करोड़, सिक्किम
के लिए 1.75 करोड़ रुपये की
मंजूरी दिये जाने का प्रस्ताव है।
एक दिन का वेतन करेंगे दान
इस समीक्षा बैठक में कोरोना से निपटने के
लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और उसके संगठनों सार्वजनिक क्षेत्र
के उपक्रमों (पीएसयू) जैसे एनईसी,
एनईडीएफआई, एनईएचएचडीसी, एनईआरएएमएसी,
सीबीटीसी
और एनईआरसीओएमपी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में
एक दिन के वेतन का योगदान दिया है। एनईडीएफआई अपने सीएसआर कोष से प्रधानमंत्री संरक्षण
कोष में दो करोड़ रुपये का योगदान देगा।
04Apr-2020
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