सोमवार, 27 अप्रैल 2020

कोरोना: रेलवे का माल ढुलाई को प्रोत्साहन देने का निर्णय

30 अप्रैल तक खाली कंटेनरों फ्लैट वैगनों पर कोई शुल्क नहीं
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भारतीय रेल ने माल ढुलाई के लिए कई प्रोत्साहनों की घोषणा करते हुए 30 अप्रैल तक खाली कंटेनरों और खाली फ्लैट वैगनों पर किसी प्रकार का विलंब-शुल्क, गोदी शुल्क, टाल शुल्क, घुड़साल और अन्य सहायक शुल्क न लेने का फैसला किया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दौरान लगातार मालगाड़ियों के जारी परिचालन में आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई और आपूर्ति हो रही है। रेलवे बोर्ड ने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में ऐलान किया है कि रेलवे 22 मार्च से 30 अप्रैल तक माल ढुलाई के लिए ग्राहकों को प्रोत्साहन देगा। भारतीय रेल ने कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर जरूरतों को देखते हुए माल ढुलाई के विविधीकरण के लिए कई उपायों की शुरुआत करते हुए गैर-पारंपरिक यातायात को भी थोक सामान जैसे कोयला, लौह अयस्क आदि के साथ ले जाने जैसे कई कदम उठाए गए हैं। मसलन भारतीय रेलवे द्वारा खाली कंटेनर और खाली वैगनों के परिवहन के लिए वसूले जाने वाले अलग से ढुलाई शुल्क को पूरी तरह से मुक्त किया है। 24 मार्च से 30 अप्रैल तक खाली कंटेनर और खाली वैगन की आवाजाही के लिए कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। इससे न केवल आईआर बल्कि निर्यात को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था में भी तेजी लाने की उम्मीद है। इस प्रोत्साहन के जरिए ग्राहक खुद मालखाना जाने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से सामानों के लिए मांग दर्ज करा सकेंगे। रेलवे के अनुसार निर्धारित खाली समय की समाप्ति के बाद लगने वाला विलंब-शुल्क, गोदी शुल्क, टाल शुल्क, घुड़साल शुल्क लागू नहीं होगा। कोरोना जैसी महामारी के मद्देनजर माल ग्राहकों की सुविधा के लिए और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए रसद सहायता प्रदान करने करने के मकसद से निर्णय लिया गया है कि माल या पार्सल यातायात के मामले में इस प्रकार के शुल्क नहीं लिया जाएगा। रेलवे ने कहा कि इसी तर्ज पर कंटेनर ट्रैफिक के लिए संरोध शुल्क और भूमि उपयोग शुल्क में भी पूरी  तरह से छूट दी गई है। रेलवे के पास उन ग्राहकों के लिए परिवहन उत्पाद और योजनाएं हैं जो मानक लंबाई की रेक, दो बिंदुओं से शुरू होने वाले रेक, दो स्थानों के रेक आदि के लिए बुक करना चाहते हैं। इन्हें परिचालन अनुकूलन के कारण कुछ शर्तों जैसे दूरी प्रतिबंध आदि के साथ पेश किया जाता है।
कंटेनर यातायात को प्रोत्साहन
भारतीय रेल ने कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर जरूरतों को देखते हुए माल ढुलाई के विविधीकरण के लिए कई उपायों की शुरुआत की है। यानि गैर-पारंपरिक यातायात को भी थोक सामान जैसे कोयला, लौह अयस्क आदि के साथ ले जाने जैसे कई कदम उठाए गए हैं। मसलन भारतीय रेलवे द्वारा खाली कंटेनर और खाली वैगनों के परिवहन के लिए वसूले जाने वाले अलग से ढुलाई शुल्क को पूरी तरह से मुक्त किया है। 24 मार्च से 30 अप्रैल तक खाली कंटेनर और खाली वैगन की आवाजाही के लिए कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। इससे न केवल आईआर बल्कि निर्यात को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था में भी तेजी लाने की उम्मीद है।
परमिट टेलीस्कोपिक दर का लाभ
रेल मंत्रालय के अनुसार कंटेनरों को रेलवे परमिट टेलीस्कोपिक दर का लाभ देता है, जो बीच में एक अंतराल या ट्रांजिट बिंदु के साथ एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक पहुंचाया जाता है। इसे हब और स्पोक प्रणाली कहा जाता है। मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत, पारगमन बिंदु के बीच का अंतराल पांच दिनों तक सीमित है। इस तथ्य को देखते हुए कि कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण कार्गो की निकासी में देरी से आईसीडी को रोक दिया गया है, सक्षम प्राधिकारी ने 16 अप्रैल से 30 मई तक टेलीस्कोपिक लाभ उठाने के उद्देश्य से इसे पांच दिनों से लेकर पंद्रह दिनों तक छूट देने का निर्णय लिया है।
24Apr-2020

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