गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

डाक्टरों पर हमला किया तो होगी 7 साल तक की जेल!


केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिए किया सख्त सजा का प्रावधान
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  
देश में कोरोना संकट से निपटने के लिए चल रही जंग में अग्रिम पंक्ति में कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों पर कई जगहों पर हो रहे हमलों को रोकने की दिशा में केंद्र सरकार ने दोषियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया, जिसे राष्ट्रपति की मुहर लगते ही लागू कर दिया जाएगा।
बुधवार को यहां नई दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ चल रही जंग में देश को बचाने की कोशिश कर रहे चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे दुर्भाग्यपूर्ण हमलों को देखते हुए केंद्र सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है। इसके लिए सरकार ने महामारी रोग अधिनियम-1897 में संशोधन करके अध्यादेश जारी करके ऐसे सख्त प्रावधान किये हैं, जिसमें ऐसा अपराध अब संज्ञेय और गैर-जमानती होगा और 30 दिनों के भीतर मामले जांच पूरी होगी तथा एक साल के भीतर फैसला हो जाएगा। इस संशोधित प्रावधान में दोषियों को 3 माह से पांच साल तक की सजा के अलावा 50 हजार से दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है। इन सख्त प्रावधानों वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा।
गंभीर मामलों में ज्यादा सख्त सजा व जुर्माना
केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों के हमले पर गंभीर चोटों के मामले में दोषी को छह महीने से सात साल तक की सजा के साथ एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि कोई व्यक्ति या असामाजिक तत्व संपत्ति या डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी के वाहन का नुकसान करता है, तो ऐसे लोगों से ऐसी संपत्ति की कीमत के मुकाबले दोगुनी राशि की वसूली की जाएगी।
50 लाख का बीमा कवर
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा संबन्धी निर्णय के तहत पहले ही केंद्र सरकार उनके लिए 50 लाख रुपये का बीमा करने का फैसला कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए जुटे डॉक्टरों और नर्सों पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने जानकारी दी कि देश में जहां अभी तक कोई भी कोविड अस्पताल नहीं था, वहां अब 723 नए कोविड अस्पताल स्थापित हो चुके हैं।
स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार!
गृह मंत्रालय ने जारी किये सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड़ पर है। गृह मंत्रालय ने चिकित्सा पेशेवरों और अग्रिम पंक्ति में इस जंग में सहयोग कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिये हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री  अमित शाह के निर्देशों के तहत गृह मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, चिकित्सा कर्मियों और अग्रिम पंक्ति में तैनात स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करें, ताकि उनके खिलाफ हिंसा को रोका जा सके। इन आदेश में यह भी कहा गया है कि अपनी सेवाओं का निर्वहन करते हुए कोविड संक्रमण से मरने वाले चिकित्सा पेशेवरों या अग्रिम ​पंक्ति में तैनात स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के अंतिम संस्कार में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मंत्रालय ने राज्यों को इससे पहले इस प्रकार के जारी दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे परामर्श के बावजूद स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, चिकित्सा कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति में तैनात स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसा की कुछ घटनाएं सामने आई हैं। इस समय स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की किसी भी एक घटना से पूरे स्वास्थ्य सेवा समुदाय के बीच असुरक्षा की भावना पैदा होने की संभावना है। ऐसे में राज्यों को स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा का सुनिश्चित की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो अमल
इन निर्देशों में मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के 08 अप्रैल को जारी अपने आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि राज्यों से संबंधित पुलिस अधिकारियों को अस्पतालों और उन स्थानों पर चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मचारियों को आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए, जहां कोविड-19 के संदि​ग्ध या पुष्ट रूप से संक्रमित या क्वारंटीन किए गए मरीज रखे गए हैं। इसके अलावा न्यायालय ने ऐसे चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है जो बीमारी के लक्षणों का पता लगाने के लिए लोगों की जांच करने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाते हैं। यह निर्देश गृह मंत्री की डाक्टरों और आईएमए के प्रतिनिधियों से बुधवार सुबह हुई बातचीत के बाद जारी किये गये हैं। इसलिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को सुझाव दिया है कि वे चिकित्सा बिरादरी तथा आईएमकी स्थानीय इकाई के बीच उनके लिए किए गए सुरक्षात्मक उपायों, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का व्यापक प्रचार करें। गृह मंत्रालय ने कहा है कि इन उपायों के बारे में आम जनता को भी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए ताकि इन सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन जमीनी स्तर पर हो सके।
23Apr-2020

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